Sleep Apnea : क्या मोटापा भी हो सकता है स्लीप एपनिया के लिए जिम्मेदार? जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव

स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है, जिसमें इंसान की जान भी जा सकती है। आपका बढ़ता मोटापा भी स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है।
Badhta motapa sleep apnea ka karan ban sakta hai.
बढ़ता मोटापा स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
श्याम दांगी Updated: 29 Oct 2023, 19:47 pm IST
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स्लीप एपनिया एक गंभीर स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) है। इसमें नींद में इंसान की सांसें रुक जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसका यदि समय रहते इलाज नहीं कराया जाए तो इंसान की जान भी जा सकती है। कई स्टडी में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि आपका बढ़ता मोटापा भी स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है। मोटापे के अलावा बढ़ती उम्र, ज्यादा शराब का सेवन और अवसाद इसके कारण हो सकते हैं। इस बीमारी के कारण हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं स्लीप एपनिया के कारण, लक्षण और बचाव।   

क्या कहती है रिसर्च? 

स्लीप एपनिया बीमारी पर सबसे बड़ी स्टडी साल 1988 में हुई थी। जिसे विस्‍कॉन्सिन स्‍लीप कोहॉर्ट स्‍टडी (Wisconsin Sleep Cohort Study) नाम दिया गया था। इसमें वैज्ञानिकों ने करीब 18 साल तक 1522 लोगों पर स्टडी की थी। इन सभी पार्टिसिपेंट्स की उम्र 30 से 60 साल के आसपास थी। उस समय इन लोगों का नींद जुड़ा पॉलीसोम्‍नोग्राफी टेस्‍ट किया गया था। इसके लिए इन्हें एक रात यूनिवर्सिटी ऑफ विस्‍कॉन्सिन के जनरल क्लिनिकल रिसर्च सेंटर गुजारना पड़ी थी। इस दौरान सभी पार्टिसिपेंट्स के हर तरह के स्लीप डिसऑर्डर की जाँच की गई थी। साथ ही इनकी नींद की क्‍वालिटी चेक की गई थी। इसमें लगभग फीसदी लोग यानी कि 1552 पार्टिसिपेंट्स में से करीब लोग 63 गंभीर स्‍लीप एपनिया से ग्रस्त थे। इस बीमारी से ग्रस्त इन सभी लोगों ने सांस लेने के दौरान 30 से 97 बार पॉज लिया था। वहीं बाकी अन्य लोगों में यह आंकड़ा एपनिया इंडेक्‍स पॉज 5 से कम पाया गया था। 

जानिए, बड़ों में स्लीप एपनिया के लक्षण

ये एक गंभीर बीमारी है जिसमें इंसान की जान भी जा सकती है। इस बीमारी से भारत के प्रसिद्ध संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के अलावा अमेरिकी के दो भूतपूर्व राष्‍ट्रपति विलियम हार्वर्ड टेफ्ट व कैरी फिशर जैसी बड़ी हस्तियों की मौत भी हो चुकी हैं। जो लोग इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं उनके गले के पीछे के टिश्यू कंपन करने लगते हैं। आइए जानते इस गंभीर बीमारी के लक्षण। 

-इसमें इंसान नींद में रेगुलर खर्राटे लेने वालों की तुलना में ज्यादा जोर से खर्राटे लेते हैं। 

-करीब 10 सेकंड या उससे अधिक समय तक सांसों का रुकना।   

– बेचैनी का बढ़ना, उथली सांसों लेना, हांफना और घुटन होना आदि।  

-दिन में अत्यधिक थकान होना और नींद आना। 

– किसी काम में मन नहीं लगना और भूलने की आदत पड़ना। 

-रात में बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता हो। 

– चिंता, अवसाद, सिर दर्द और योन रोग का होना। 

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-रात में पसीना छूटना। 

बच्चों में स्लीप एपनिया के लक्षण  

आमतौर पर स्लीप एपनिया होने पर वयस्क बहुत जागने या नींद नहीं आने की शिकायत करते हैं। इस वजह से उन्हें घुटन, हांफने और जागने का अहसास होता है। हालांकि, बच्चों में स्लीप एपनिया के स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

-बच्चों को क्लास में आलस आना।

-पढ़ाई में ठीक से परफॉर्म नहीं कर पाना।   

– खाने-पीने की चीजों को निगलने में परेशानी।  

-दिन के समय मुंह से सांस लेना। 

-रात के समय बहुत पसीना आना। 

– अनयूजवल स्लीपिंग पोजिशन। 

-बिस्तर गीला करना। 

-लर्निंग एंड बिहेविरियल डिसऑर्डर। 

Bachhon mei sleep apnea ke spashth lakshan najar aate hain.
बच्चों में स्लीप एपनिया के स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

स्लीप एपनिया कितने प्रकार की होती है?  

ऑब्‍सट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया (Obstructive sleep apnea) 

यह सबसे ज्यादा होने वाला स्लीप एपनिया है। इसमें नींद के दौरान बार बार या आंशिक रूप से सांसें रुक जाती है। आमतौर पर गले के मुलायम टिश्यू के गिरने के कारण ऐसा होता है। इस बीमारी में छाती की मांसपेशियों और डायाफ्राम को एयरवे खोलने में अधिक मेहनत करना पड़ती है। इस वजह से इंसान हांफने लगता है और जोर-जोर से सांस लेने लगता है। इससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन का फ्लो कम हो जाता है। इससे वजह से असामान्य हार्ट रिदम्स पैदा हो सकती है।  

सेंट्रल स्लीप एपनिया (Central sleep apnea) 

इस प्रकार के स्लीप एपनिया में इंसान का एयरवे बाधित नहीं होता है, बल्कि सेंट्रल नर्वस सिस्टम में प्रॉब्लम होने के कारण मस्तिष्क मांसपेशियों को सांस लेने का निर्देश नहीं दे पाता है। जिन लोगों को हार्ट स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, किडनी या लंग्स डिजीज है, उन्हें सेन्ट्रल स्लीप एपनिया होने का खतरा बढ़ जाता है।  

कॉप्लेक्स स्लीप एपनिया सिंड्रोम (Complex sleep apnea syndrome)

यह बीमारी उन लोगों को होती है, जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तथा सेंट्रल स्लीप एपनिया दोनों से ग्रस्त हो। इसमें इमरजेंसी उपचार की आवश्यकता पड़ती है। 

किन लोगों में स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ सकता है?

एक्सपर्ट का कहना हैं कि बढ़ता मोटापा, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, उम्र का बढ़ना,  नाक का बंद होना स्लीप एपनिया के कारण हो सकते हैं। इसके अलावा जो लोग पूर्व में हार्मोनल डिसऑर्डर, डायबिटीज, हार्ट फेलियर, हाई ब्लड प्रेशर, पार्किसंस डिजीज, स्ट्रोक, अस्थमा और फेफड़े के रोग से ग्रस्त हो, उनमें इसकी संभावना बढ़ जाती है। 

स्लीप एपनिया से कैसे निजात पाएं 

उपरोक्त लक्षणों में से आपको कुछ लक्षण दिखाई दे तो सबसे पहले डॉक्टर को दिखाए। सामान्य मामलों में डॉक्टर अक्सर लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे, स्मोकिंग बंद करने, वेट लॉस या नाक संबंधी एलर्जी का इलाज कराने का सुझाव देते हैं। वहीं, गंभीर मामलों में चिकित्सा सहायता लेने की जरुरत पड़ती है।  

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