कोविड 19 ने रोजमर्रा के जीवन में कई बदलाव किए है। मास्क और सैनिटाइजर आपके फॉरेवर फ्रेंड बन चुके है। लेकिन फिर भी संक्रमण रुकने का नाम नही ले रहा है। कोविड 19 का प्रभाव बहुत विविध है। यह हर व्यक्ति में अलग रूप से विकसित हो रहा है। कुछ लोग अपनी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण इससे अधिक प्रभावित हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग जल्दी ठीक हो जा रहें हैं।
परंतु ठीक होना ही सब कुछ नहीं है। इस बीमारी का खतरा ठीक होने के बाद भी रहता है। यह किसी भी अन्य तरीके से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। उनमें से एक है कमजोर हड्डियां। जी हां, हड्डियों पर कोविड 19 का असर लंबा रहता है। यह उनकी डेंसिटी को कम कर उसे कमजोर बना देता है। इसलिए लेडीज, कोविड 19 से रिकवरी के बाद भी अपना बहुत ख्याल रखें।
इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जरी के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि चूहों में कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने के 2 हफ्ते बाद हड्डियों में 25% की हानि हुई है। हड्डियों की डेंसिटी कम होने का यह खुलासा इंसानों में भी पाया गया है। माउस मॉडल में 63% तक ऑस्टियोक्लास्ट में वृद्धि पाया गया। यह सेल शरीर में हड्डियों को कमजोर करने के लिए जाना जाता है।
अध्ययन महामारी के स्थायी प्रभाव और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर वायरस के प्रभावों के बारे में सवाल उठाता है। यह खोज सभी उम्र के लोगों द्वारा कोविड 19 के बाद अनुभव की जाने वाली संभावित हड्डियों के नुकसान पर की जाएगी।
हड्डी के डेंसिटी में कमी, या ऑस्टियोपोरोसिस, भंगुर हड्डियों को जन्म दे सकती है जिसके टूटने की संभावना अधिक होती है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाली जटिलताओं के लिए बुजुर्ग हमेशा सबसे अधिक जोखिम वाले समूह रहे हैं। उनकी बोन डेंसिटी को वापस पाने की संभावना कम से कम होती है। बुजुर्गों को भी कोविड-19 से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है। इसलिए शोधकर्ता यह अध्ययन कर रहे हैं कि क्या वायरस से उबरने वालों की हड्डियों के टूटने की संभावना और भी अधिक होगी।
कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए हड्डी रोग के डॉक्टरों को फिर से तैनात किया जा रहा है। यह वायरस रोगी की हड्डी और जोड़ों को प्रभावित करता है और इस रोग के लक्षणों को समझने के लिए ऑर्थोपेडिक समुदाय को अनिवार्य टेस्टिंग की आवश्यकता होती है।
NHS द्वारा किए गए अध्ययनों के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि आपके हड्डियों का बिल्डिंग ब्लॉक है कैल्शियम और विटामिन डी। इसलिए लेडीज, अपने डाइट में कुछ जरूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करना न भूलें।
वयस्कों को एक दिन में 700mg कैल्शियम की आवश्यकता होती है। विविध और संतुलित आहार खाने से आप अपनी जरूरत का सारा कैल्शियम प्राप्त करने में सक्षम हो पाएंगे।
हालांकि पालक में बहुत अधिक कैल्शियम होता है, लेकिन इसमें ऑक्सालेट भी होता है। यह कैल्शियम के अवशोषण को कम करता है और इसलिए यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत नहीं है।
वयस्कों को एक दिन में 10 माइक्रोग्राम (400 अंतर्राष्ट्रीय यूनिट या आईयू) विटामिन डी की आवश्यकता होती है।
आपके आहार से सभी विटामिन डी प्राप्त करना मुश्किल है। अधिकांश विटामिन डी आपको सूर्य की रोशनी से प्राप्त होती है। विटामिन डी के अच्छे स्रोत है:
यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस का निदान किया गया है, तो आपका डॉक्टर कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट खाने का सुझाव कर सकता है।
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