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क्या आयुर्वेद से किया जा सकता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

यदि एलोपैथ दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं पर भी भरोसा किया जाए, तो फर्स्ट स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है।
बायो कंपाउंड कोशिका के अंदर मेटास्टेसिस- इन्डयूस प्रोटीन  के इंटरेकशन को अवरुद्ध कर सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक  चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 27 Jul 2022, 08:00 am IST
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खराब लाइफस्टाइल के कारण इन दिनों कैंसर की समस्या आम हो गई है। कैंसर को एक लाइलाज रोग माना जाता है। यह कभी-भी किसी को भी हो सकता है। इसलिए इसे साइलेंट किलर (Silent killer) भी कहा जाता है। यदि हम किसी से कैंसर होने की बात सुनते हैं, तो मन डर सा जाता है। दिमाग में अकसर डॉक्टर के पास नियमित तौर पर जाने, सर्जरी, कीमोथेरेपी आदि प्रक्रियाओं में भाग लेने की बात तेजी से आने लगती है। 

पुरुषों में गले, दांत, ब्लड, हड्डियों आदि के कैंसर अधिक होते हैं, तो महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्विक्स कैंसर के मामले ज्यादा पाए जाते हैं।

आयुर्वेद मानता है कि कैंसर से बचाव किया जा सकता है। यदि फर्स्ट  स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाता है, तो उसे कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में कैंसर का किस तरह इलाज संभव है, इसके लिए हमने बात की योगाचार्य और आयुर्वेद विशेषज्ञ कौशल कुमार से।

आप कैसे पहचान सकती हैं ब्रेस्ट कैंसर 

जब सेल्स आकस्मिक रूप से जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगते हैं, तो ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बनने लगती है। ये सेल्स ट्यूमर बनाने लग जाती हैं। इसे गांठ के रूप में महसूस किया जा सकता है। एक्स रे जांच में इसे देखा जा सकता है। बाहरी तौर पर इसके लक्षण कुछ इस प्रकार से दिखाई देते हैं-

अंडरआर्म में गांठ बनना

स्तन के पास गांठ बनना या मोटा लगना

गांठ में दर्द का अनुभव न होना

आकार में परिवर्तन

ब्रेस्ट कैंसर में स्तन के पास गांठ बनने लगती है। चित्र:शटरस्टॉक

निप्पल के पास खिंचाव महसूस करना, स्किन कलर चेंज करना

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती दौर में बुखार भी रह सकता है।

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आयुर्वेद में मिल सकता है ब्रेस्ट कैंसर का निदान

मेडिकल साइंस में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज मौजूद है। इलाज के दौरान अत्यधिक दर्द होने तथा काफी महंगा होने के कारण लोग आयुर्वेद में इसका निदान ढूंढने लगे हैं। इस बारे में आचार्य कौशल कुमार मानते हैं कि यदि ब्रेस्ट कैंसर लास्ट स्टेज तक पहुंच चुका है, तो इसका इलाज असंभव है। 

यदि यह फर्स्ट स्टेज में है, तो एलोपैथिक दवाओं, स्वस्थ खानपान, व्यायाम आदि के साथ आयुर्वेदिक दवाएं ली जा सकती हैं। कुछ जड़ी-बूटियां गांठ को खत्म करने में बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

1 अश्वगंधा

2 हल्दी

3 कंचनार गुग्गुल (अम्लिकी, हरितिकी, अदरक, कंचनार)

4 गौधन

ब्रेस्ट कैंसर से निजात पाने के लिए आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय, तुलसी, नीम, हल्दी का जूस भी रोजाना सुबह पिया जा सकता है। 

हल्दी ड्रिंक से भी ब्रेस्ट कैंसर से बचाव किया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

कंचनार काढ़ा, खाली पेट 2 ग्राम हल्दी खाने से भी गांठ खत्म होने में मदद मिलती है। रोज सुबह खाली पेट 2 चम्मच गौधन भी काफी असरकारक साबित हो सकता है।

कितना करें सेवन

आचार्य कौशल के अनुसार, ‘इसका सेवन तो रोग की इंटेसिटी पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से दिन में 2 या 3 बार एक-एक चम्मच लिया जा सकता है।’

कैसे हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर से बचाव

आचार्य कौशल कहते हैं, ‘ब्रेस्ट कैंसर से बचाव का सबसे उत्तम आयुर्वेदिक तरीका है अपनी इम्युनिटी में तीव्र वृद्धि करना। आयुर्वेदिक औषधियां इम्युनिटी पावर में वृद्धि कर रोगों से लड़ने में मदद करती हैं। साथ में इनके सेवन से दर्द से राहत मिलती है। आत्मविश्वास भी बढ़ता है।’

असरकारक है नैनो स्वर्ण भस्म 

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पबमेड के अनुसार, आयुर्वेदिक दवाओं में नैनो स्वर्ण भस्म का प्रयोग होता है, जो कैंसर के इलाज में कारगर है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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