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कैफीन का सेवन कम कर सकता है स्‍ट्रोक और डिमेंशिया का जोखिम, एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे

एक निश्चित मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन आपको स्ट्रोक और डिमेंशिया के जोखिम से बचा सकता है। डिमेंशिया से रिकवरी में भी यह शोध मददगार साबित हो सकता है।
Updated On: 18 Jul 2023, 07:25 pm IST
चाय और कॉफी कर सकती है डिहाइड्रेशन। चित्र: शटरस्टॉक

अक्‍सर ऐसा कहा जाता है कि कॉफी और चाय के फायदे इनमें मौजूद कैफीन तत्‍व से भी कहीं ज्‍यादा होते हैं। चूंकि ये दोनों ही पदार्थ वनस्‍पति जगत से आते हैं। इनमें कई प्रकार के फायदेमंद रसायन और शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट्स मौजूद होते हैं। दोनों एंटीऑक्‍सीडेंट्स तथा न्‍यूरोप्रोटेक्टिव यौगिकों से भरपूर होते हैं। जो मस्तिष्‍क के स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से लाभदायक हैं।

अब से कुछ समय पहले तक चाय और कॉफी के स्‍ट्रोक तथा डिमेंशिया के बीच समीकरणों के बारे में बहुत कम जानकारी थी। हाल के वर्षों में कुछ अध्‍ययनों ने इस कमी को दूर किया है और इस बारे में काफी कुछ महत्‍वपूर्ण जानकारियां सामने आयी हैं।

हाल में प्रकाशित एक अध्‍ययन से यह पता चला है कि चाय या कॉफी दोनों का सेवन स्‍ट्रोक और डिमेंशिया का जोखिम कम करता है। इस अध्‍ययन से यह भी पता चला है कि हर दिन दो से तीन कप चाय पीने वाले लोगों में यह जोखिम सर्वाधिक कम पाया गया।

भारत में क्या है स्ट्रोक की स्थिति 

स्‍ट्रोक भारत में मौत और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। स्‍ट्रोक कई प्रकार के हो सकते हैं, सबसे आम है इस्‍केमिक स्‍ट्रोक (ischemic stroke)। ऐसा तब होता है जब किसी वजह से मस्तिष्‍क के किसी हिस्‍से को रक्‍तापूर्ति रुक जाती है।

दूसरी ओर, डिमेंशिया उन स्थितियों का सामान्‍य नाम है, जिनकी वजह से किसी व्‍यक्ति को चीजें याद रखने में कठिनाई होती है। डिमेंशिया की वजह से सोचने और फैसले लेने में भी परेशानी हो सकती है।

क्या है चाय-कॉफी और ब्रेन हेल्थ का कनैक्शन 

चाय और कॉफी के सेवन का स्‍ट्रोक तथा डिमेंशिया पर क्या असर पड़ सकता है, यह पता लगाने के लिए जांचकर्ताओं ने हाल ही में 365,682 प्रतिभागियों का अध्‍ययन किया। ये सभी 50 से 74 साल की आयुवर्ग के थे।

यह शोध उन लोगों पर है जिन्होंने स्ट्रोक या डिमेंशिया का सामना किया। चित्र: शटरस्टॉक

इन्‍हें 2006 से 2010 के दौरान अध्‍ययन के लिए चुना गया था और 2020 तक इनकी जांच की गई। इस प्रयोग के दौरान, 5079 लोगों को डिमेंशिया और 10,053 को कम से कम एक बार स्‍ट्रोक की शिकायत हुई।

क्या रहे शोध के परिणाम 

प्रयोग शुरू होते समय इन प्रतिभागियों ने बताया था कि वे चाय और कॉफी का सेवन करते हैं। अन्‍य कारकों (जैसे कि आयु, नस्‍ल, बॉडी मास इंडैक्‍स, लिंग, शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान की स्थिति, और मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियों) जो कि स्‍ट्रोक या डिमेंशिया को प्रभावित कर सकते हैं, का समायोजन करने के बाद, शोधकर्ताओं ने निम्‍न निष्‍कर्ष निकाला:

  1. जो प्रतिभागी प्रतिदिन तीन कप कॉफी या पांच कप चाय का सेवन करते रहे थे, उनमें स्‍ट्रोक और डिमेंशिया दोनों के मामले कम पाए गए।
  2. प्रतिदिन चाय या कॉफी के तीन कपों के सेवन से स्‍ट्रोक का जोखिम 32% और डिमेंशिया का जोखिम 28% कम था।
  3. सिर्फ कॉफी के सेवन से ही पोस्‍ट-स्‍ट्रोक डिमेंशिया को कम करने में मदद मिलती है।

हालांकि इस अध्‍ययन से किसी प्रकार के कारण-परिणाम संबंधों को प्रदर्शित नहीं किया जा सका। इसने यह स्‍थापित किया कि कैफीन से मस्तिष्‍क को उत्‍प्रेरित करने में मदद मिलती है। इसीलिए, जो लोग कैफीन का सेवन करते हैं उनमें स्‍ट्रोक और डिमेंशिया के जोखिम कारक कम हो जाते हैं।

कॉफी आपको अनिद्रा की समस्या भी दे सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

मगर यह जान लेना भी है जरूरी 

हालांकि चाय और कॉफी दोनों ही डिमेंशिया और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती हैं। मगर यह अनिद्रा, या बेचैनी को बढ़ा सकती है। कॉफी और चाय का सेवन भी अन्‍य बातों की तरह, संतुलित ही होना चाहिए। लेकिन तीन से पांच कप चाय और कॉफी का सेवन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना गया है और इसका कोई नकारात्‍मक प्रभाव नहीं होता।

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लेखक के बारे में
Dr. Jyoti Bala Sharma

Dr. Jyoti Bala Sharma is Director Neurology, Fortis Hospital, Noida

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