कोरोना वायरस संक्रमण (Covid-19 pandemic) का नया वैरिएंट ओमिक्रोन काफी तेजी से अपने पैर पसार रहा है। कोविड प्रोटोकॉल (Covid-19 protocol) का पालन करना ओमिक्रोन वैरिएंट से बचाव का एक बेहतरीन विकल्प है। लेकिन अब वैक्सीन के माध्यम से नए वेरिएंट का तोड़ भी ढूंढ लिया गया है।
हाल ही में यह दावा किया गया कि भारत में लगाई जा रही कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए दोनों वैक्सीन की बूस्टर डोज नए वेरिएंट को लेकर भी पर्याप्त एंटीबॉडी बनाती है। आपको जानकारी हो कि देश में अब तक सबसे ज्यादा दो वैक्सीन लगाई जा रही है-कोविशील्ड (covishield) और कोवैक्सीन (covaxin)।
कोवैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही है, वहीं कोविडशील्ड सिरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही है। बीते मंगलवार को आई एक स्टडी में भारत बायोटेक की वैक्सीन की बूस्टर डोज को ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट पर असरदार पाया गया था।
अब एक्स्ट्राजेनिका की बूस्टर डोज को नए वैरिएंट पर अच्छा पाया गया है। इसका भी दावा एक स्टडी में गुरुवार को किया गया। एक्स्ट्राजेनिका (Astrazeneca) की वैक्सीन को ही भारत में सिरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविडशिल्ड के नाम से बनाया जा रहा है। हालांकि जो इसकी बूस्टर डोज है उसको वैक्सजेवरिया (Vaxzevria) नाम दिया गया है।
कोवैक्सीन की बूस्टर डोज बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बीते मंगलवार को एक दावा किया, जिसमें कहा गया कि उनकी बूस्टर डोज डेल्टा वैरिएंट और नए ओमिक्रोन वैरिएंट पर भी बेहद असरदार है। यह दोनों को खत्म कर सकता है। यह दावा कंपनी द्वारा इमोरी विश्वविद्यालय में हुई एक स्टडी के आधार पर किया गया।
भारत बायोटेक के अनुसार कोरोना के लाइव वायरस पर उनकी वैक्सीन (covaxin) BBV152 की बूस्टर डोज का प्रयोग किया गया। इसमें डेल्टा वैरिएंट और ओमिक्रोन वैरिएंट दोनों पर ही यह असरदार एंटीबॉडी विकसित कर रहा है। बूस्टर डोज नेट डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 100% सैंपल्स में वैरिएंट को खत्म कर दिया वहीं ओमिक्रोन के वैरिएंट पर यह आंकड़ा 90% रहा। यह बूस्टर डोज उन लोगों को लगाई गई थी जिनको 6 महीने पहले दोनों डोज लग चुकी थीं।
यह बात से सब वाकिफ हैं की एक्स्ट्राजेनिका की वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इसके शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई है। उन्हीं शोधकर्ताओं द्वारा नए वैरिएंट पर वैक्सजेवरिया को असरदार पाया गया। शुरुआती स्टडी में जो डाटा निकल के सामने आया उस में पता चला कि यह केवल ओमिक्रोन के लिए ही नहीं बल्कि संक्रमण के अन्य वैरिएंट के खिलाफ भी अच्छी एंटीबॉडी बनाती है। जल्दी इस वैक्सीन को दुनियाभर के लोगों के लिए रेगुलेट किया जाएगा।
वैक्सजेवरिया को भारत में सिरम इंस्टीट्यूट द्वारा ही तैयार किया जाना है यह भारत के लिए एक अच्छी खबर है। स्टडी के बाद डाटा सामने आए तो अदार पूनावाला ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी साझा की, उन्होंने लिखा कि यह एक अच्छी खबर है, ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन ग्रुप के मुख्य अन्वेषक और निदेशक एंड्रयू जे पोलार्ड के अनुसार, चल रहे एस्टाज़ेनेका परीक्षणों के नए आंकड़ों से पता चला है कि तीन खुराक ओमिक्रोन के खिलाफ अच्छी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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