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कोरोना वायरस के लिए नेज़ल वैक्सीन को मिली मंज़ूरी, शुरु होगा पहले चरण का परीक्षण

जिन्हें सूईं से डर लगता है, उनके लिए एक अच्‍छी खबर है। भारत बायोटेक को कोविड-19 के लिए नेजल वैक्‍सीन का परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
Updated On: 11 Feb 2021, 05:34 pm IST
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डेविएटेेड सेप्‍टम के लिए नेजल स्‍प्रे और सर्जरी दोनों उपलब्‍ध हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
बंद नाक के लिए फायदेमंद है नेजल स्प्रे। चित्र: शटरस्‍टॉक

हाल ही में भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन के विकल्प के रूप में नेज़ल वैक्सीन को लाकर बड़ी खुशख़बरी दी है। देश के दवा नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (DCGI) के विशेषज्ञों ने नाक द्वारा दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन के पहले ट्रायल के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है।

बायोटेक ने हाल ही में दवा महानियंत्रक को चिट्ठी लिखी थी और ‘नेजल वैक्सीन’ के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेजल वैक्‍सीन (Nasal Vaccine) नाक के जरिए दी जाती है। जबकि अभी तक भारत में जिन दो वैक्सीन (कोविशील्ड, कोवैक्सीन) को मंजूरी मिली है, उनका टीका बाजू पर लगाया जाता है। ऐसे में इस वैक्सीन को मंज़ूरी मिलना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

नाक के द्वारा दी जाएगी नेज़ल वैक्सीन की खुराक। चित्र: शटरस्‍टॉक
नाक के द्वारा दी जाएगी नेज़ल वैक्सीन की खुराक। चित्र: शटरस्‍टॉक

नीति आयोग के स्वास्थ सदस्य डॉ. विनोद के पॉल की माने तो “अगर यह वैक्सीन कारगर हुई तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक गेम चेंजर साबित हो सकती है।”

साथ ही उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन के आने से मेडिकल उपकरणों की बचत हो सकती है- जैसे सीरिंज और इससे वक़्त की बर्बादी भी नहीं होगी।

क्या है नेज़ल वैक्सीन?

ये नाक के ज़रिये दी जाने वाली वैक्सीन है। इसे नाक से दिया जायेगा इसलिए इसके कारगर होने की अधिक संभावना है, क्योंकि नाक से ही सबसे ज्यादा वायरस फैलने का खतरा रहता है।

नेज़ल वैक्सीन हो सकती है रेगुलर कोरोना वैक्सीन से बेहतर । चित्र: शटरस्‍टॉक
नेज़ल वैक्सीन हो सकती है रेगुलर कोरोना वैक्सीन से बेहतर । चित्र: शटरस्‍टॉक

वाशिंगटन स्कूल ऑफ़ मेडिसिन (Washington School Of Medicine) के मुताबिक नाक के द्वारा डी जाने वाली वैक्सीन का इम्युनिटी रेस्‍पॉन्‍स अन्‍य वैक्सीन के मुकाबले बेहतर होता है। यह नाक में हुए किसी भी तरह के संक्रमण को शरीर तक फैलने से रोकती है।

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क्‍यों इसे कहा जा रहा है गेम चेंजर

असल में अभी तक कोविड-19 के लिए मौजूद वैक्‍सीन को सीरींज के माध्‍यम से बाजू पर लगाया जाता है। जिसमें एक लंबी प्रक्रिया और संसाधनों की जरूरत होती है। जबकि नेज़ल वैक्‍सीन को नाक के जरिए खुद लिया जा सकेगा। हालांकि अभी यह परीक्षण के दौर में है। पर अगर यह परीक्षण सफल हुआ और नेजल वैक्‍सीन कामयाब रही, तो यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा हथियार साबित होगी।

यह भी पढ़ें : कोविड टंग क्या है? जानिए कैसे कोविड -19 आपके मुंह को प्रभावित करता है

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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