कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। अब तक 66170 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कुल एक्टिव केस में सबसे अधिक महाराष्ट्र, दिल्ली और केरल राज्य में हैं। तीन राज्यों को मिला कर 47 फीसदी के आसपास एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटों में ही 884 नए केस दर्ज किए गए हैं। जबकि 19 लोगों की मौत कोविड के कारण हो चुकी है। कोरोनावायरस के खतरे सिर्फ यहीं तक नहीं हैं। इससे संक्रमित होने वाले लोग महीनों बाद तक अपनी ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी महसूस करते हैं। आइए जानते हैं क्यों होता है ऐसा और आप कैसे कर सकते हैं इससे अपना बचाव।
देश में कोविड मरीज़ों की संख्या एक बार फिर से बढ़ना शुरू हो गई है। 21 अप्रैल की सुबह आठ बजे तक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक 884 नए केस सामने आए हैं। जिसके बाद कुल सक्रिय मामलों की संख्या 66170 हो गई है।
20 अप्रैल को कुल सक्रिय मामले 65286 दर्ज किए गए थे। केरल में अभी 18 हजार से ज्यादा कुल एक्टिव केस हैं। दैनिक पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 5 प्रतिशत व साप्ताहिक पॉजिटिवटी 5.32 प्रतिशत बताई जा रही है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला कहते हैं जब कोई कोविड पॉजिटिव होता है, तो वह स्थिति तो उसके लिए जटिल होती ही है। उसके बाद का समय भी उसके लिए कम परेशानी भरा नहीं होता। नेगेटिव होने के बाद भी कोरोना से लड़ाई जारी रहती है। अमूमन दो से चार सप्ताह में कोरोना मरीज सही हो जाते हैं। फिर बाद में चार सप्ताह तक और इसके लक्षण बने रहते हैं। जिसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम के नाम से पहचाना जाता है।
सांस लेने में परेशानी, नींद में समस्या, कमजोरी महसूस होना, थकावट लगना, घबराहट होना, पसीना ज्यादा आना, जुबान पर स्वाद न आना, सुगंध महसूस न होना। ये लक्षण यदि किसी कोरोना के मरीज में कोविड से सही होने के बाद पाए जाते हैं, तो उसे पता होना चाहिए कि वह पोस्ट कोविड का शिकार है।
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जिसको कोरोना की समस्या हो चुकी होती है, उसे खांसी की समस्या बनी रह सकती है। क्योंकि हमारे सांस के रास्ते में संक्रमण फैल चुका होता है, जिसे सही होने में समय लगता है। लंग्स में सूजन के कारण सूखी खांसी बनी रह सकती है। इसके बाद सही होने के प्रक्रिया पर भी सूखी खांसी हो सकती है। इससे घबराने की बात नहीं है, जांच में कोविड निगेटिव होने के बाद समस्या को हर रोज व्यायाम करने से सही किया जा सकता है।
कोरोना के मरीज़ों को खांसी के समस्या हो जाती है। इस दौरान उन्हें थकावट भी महसूस हो सकती है। सूखी खांसी के कारण छाती में दर्द हो सकता है। साथ ही बार बार खांसी आने से थकान भी महसूस हो सकती है। कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस व रिब-केज में दर्द कोविड के दौरान हुई लंग्स की सूजन ठीक होने के कारण भी महसूस हो सकता है। इससे बचाव करने के लिए हर रोज योग करना चाहिए।
बहुत सारे मरीजों ने महसूस किया है कि वे कोविड से ग्रस्त हाेने के बाद जल्दी तनाव में आ जाते हैं। यानी वे उन सामान्य स्थितियों को भी नहीं संभाल पाते, जिन्हें वे पहले संभाल लिया करते थे। गुस्सा, तनाव, एंग्जाटी और मूड स्विंग के रूप में भी पोस्ट कोविड लक्षण महसूस किए हैं।
डॉ काला बताते हैं, “वास्तव में कोरोनावायरस आपके श्वसन तंत्र को तो नुकसान पहुंचाता ही है। इसके अलावा वह शरीर के अन्य अंगों को भी क्षतिग्रस्त करता है। कोरोना वायरस के कारण किडनी और लिवर भी प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा मस्तिष्क में असर दिखाता है, जिस कारण मनोवैज्ञानिक लक्षण होने के खतरा रहता है। मरीज को अवसाद और चिंता का शिकार इसलिए हो जाता है।
हम भी कोई वायरस हमारे शरीर में जाता है, तब इम्युन सिस्टम एक्टिव हो जाता है। जिससे उस वायरस को शरीर के अंतर ही इम्युन सिस्टम समाप्त कर देगा। क्योंकि सिस्टम हाइपर एक्टिव होता है, तो किसी भी वायरस का बचना आसान नही रहता। इस दौरान जिसका इम्युन सिस्टम मजबूत रहा उसे कोई समस्या नहीं होती। जब वायरस हमारे इम्युन सिस्टम पर हावी हुआ तो बीमारी बढ़ जाती है।
कोविड जैसी बीमारी से बचने के लिए हमें अपन इम्युन सिस्टम मजबूत रखना चाहिए। इसके लिए डॉ संजय काला कहते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी, कोल्ड प्रेस्ड ऑयल, अदरक की चाय, ग्रीन टी, हल्दी, एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन करना चाहिए।
ऐसे खाद्य पदार्थ को शामिल किया गया हो जिसमें इम्युन सिस्टम को बेहतर करने की क्षमता हो। जितना इम्युन सिस्टम मजबूत होगा बीमारी उतना दूर भागेगी। इसके साथ सुबह के वक्त योग, एक्सरसाइज करने से इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है।
योग, ध्यान और प्राणायाम को अपने डेली रुटीन में शामिल करें। इन सबसे ज्यादा जरूरी है बेहतर नींद लेना। जब आप पर्याप्त और गहरी नींद लेते हैं, तो आपके शारीरिक अंगों को रिपेयर होने का मौका मिलता है। जिससे आप ज्यादा बेहतर और सेहतमंद अनुभव करते हैं।
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