80 के दशक में अपने गीत-संगीत से युवाओं के दिलों पर राज करने वाले डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी बीती रात खामोश हो गए। 69 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। वे फेफड़ों और श्वास संबंधी समस्या से पीड़ित थे। जिसे मेडिकल भाषा में ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (obstructive sleep apnea) कहा जाता है। इसके कारण लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। विशेषज्ञ अन्य कारणों के साथ मोटापे को भी इसका एक रिस्क फैक्टर मानते हैं। कुछ समय पहले उन्हें कोविड-19 भी हो गया था।
मशहूर गायक-संगीतकार बप्पी लहरी का कई स्वास्थ्य समस्याओं के बाद मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनकी मौत की खबर की पुष्टि अस्पताल के डॉक्टर ने की। मुंबई के जुहू स्थित क्रिटिकेयर अस्पताल में मंगलवार रात उनका निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे।
बप्पी दा के नाम से जाने जाने वाले, बप्पी लहरी अपने हिट गानों के लिए जाने जाते थे। सोना पहनने के शौकीन बप्पी दा हर पार्टी में आकर्षण का केंद्र रहते थे। उन्हें 80 और 90 के दशक के बॉलीवुड के ‘डिस्को किंग’ के रूप में जाना जाता था। नमक हलाल, डिस्को डांसर और डांस डांस जैसी फिल्मों के लिए गानें गा चुके बप्पी लहरी, अपने फैंस के बीच बेहद लोकप्रिय थे।
अस्पताल के निदेशक, डॉ दीपक नामजोशी के अनुसार “बप्पी लहरी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea) और बार-बार होने वाले सीने में संक्रमण (chest infection) से पीड़ित थे। इसके साथ उन्हें 29 दिनों के लिए क्रिटिकेयर अस्पताल (CritiCare hospital), जुहू में भर्ती कराया गया था।”
”पहले वे अच्छी तरह से ठीक हो गए थे जिसकी वजह से उन्हें 15 फरवरी को डिस्चार्ज कर दिया गया था। मगर, अगले ही दिन उनका स्वास्थ्य फिर से बिगड़ गया और उन्हें गंभीर अवस्था में वापस क्रिटिकेयर अस्पताल लाया गया। यहां रात 11.45 बजे उनका देहांत हो गया। वे पिछले एक साल से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित थे। इस दौरान उन्हें कोविड भी हुआ था।”
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तब होता है जब कोई चीज सोते समय आपके ऊपरी वायुमार्ग के हिस्से या सभी को अवरुद्ध कर देती है। आपके डायाफ्राम और छाती की मांसपेशियों को आपके वायुमार्ग को खोलने और फेफड़ों में हवा खींचने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। आसान भाषा में इस समस्या में आपकी सांस बहुत उखड़ सकती है, या आप थोड़ी देर के लिए सांस लेना भी बंद कर सकते हैं।
दिन में बहुत नींद आना
जोर से खर्राटे लेना
नींद के दौरान रुकी हुई सांस
हांफने या घुटन के साथ अचानक जागना
गले में खराश के साथ जागना
सुबह का सिरदर्द
दिन के दौरान ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
मनोदशा में बदलाव, जैसे अवसाद या चिड़चिड़ापन
उच्च रक्त चाप
कामेच्छा में कमी
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कस्टमाइज़ करेंमोटापा – इस बीमारी से पीड़ित लोग ज़्यादातर मोटापे से ग्रस्त होते हैं। मोटापा स्लीप एपनिया का मुख्य कारण है क्योंकि इससे ऊपरी वायुमार्ग के आसपास फैट जमा होने लगता है, जिससे सांस लेने में बाधा आ सकती है।
बढ़ती उम्र – आपकी उम्र के साथ ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है लेकिन आपके 60 और 70 के दशक के बाद यह स्तर बंद हो जाता है।
इसके अलावा धूम्रपान, अस्थमा, डायबिटीज और फैमिली हिस्टरी भी स्लीप एपनिया के जोखिम को बढ़ा सकती है।
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दूसरों की नींद में खलल डालने के लिए जोर से खर्राटे लेना
हांफते या घुटते हुए जागना
नींद के दौरान आपकी सांस रुकना
दिन में अत्यधिक नींद आना, जिसके कारण आपको काम करते समय, टीवी देखते हुए या वाहन चलाते हुए भी नींद आ सकती है।
इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें और उन चीजों परहेज करें जो इसे ट्रिगर कर सकती हैं। इनमें एक बड़ रिस्क फैक्टर स्मोकिंग और मोटापा हो सकता है। इसलिए इससे बचना जरूरी है।
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