चीन में पैक्ड फूड में भी पाया गया कोविड-19 वायरस, WHO दे रहा है चिंता न करने के सलाह

कोरोना वायरस हर जगह है, हमारे खाने में भी। लेकिन क्या उससे कोविड-19 संक्रमण फैल रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसा नहीं मानता।
मांसाहार आपका स्‍टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 18 Aug 2020, 12:01 pm IST
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कोविड-19 की यह दास्तां सुस्त पड़ती नहीं दिख रही क्योंकि हर दिन इससे जुड़ी कोई न कोई नई जानकारी सामने आ ही जाती है। यह नई जानकारी अक्सर वैज्ञानिकों और सरकारों के बीच बहस का मुद्दा बन जाती हैं।

ऐसी ही एक जानकारी जो हाल ही में सामने आई है, वह है ब्राज़ील से आने वाले चिकन विंग्स जो चीन में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।

यह बर्फ में जमे हुए चिकन विंग्स चीन के शेन्ज़ेन शहर में इम्पोर्ट हुए थे। जहां जांच के दौरान पूरा शिपमेंट कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। यह पहली बार नहीं है जब चीन में किसी खाद्य पदार्थ में कोविड-19 मिला है। पहले भी कई इम्पोर्टेड सी फ़ूड के शिपमेंट कोरोना पॉजिटिव थे।

जहां यह स्थिति भयानक हो सकती थी, ताज्जुब की बात है कि ब्राज़ील के उस शिपमेंट के कांटेक्ट में आये किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 संक्रमण नहीं हुआ।

पैकेज्‍ड और फ्रोजन फूड से परहेज करना बेहतर है। चित्र: शटरस्‍टॉक

खाने और फ़ूड पैकेजिंग से संक्रमण फैलने की सम्भावना कम है

हम जानते हैं कि किसी सरफेस पर SARS-CoV-2 वायरस कुछ घण्टों से लेकर कुछ दिन तक जीवित रह सकता है। तो जो फूड पैकेजिंग दक्षिण अमेरिका से एशिया आया है, उसमें कोरोना वायरस मौजूद होना लाजमी था। सिर्फ कोविड-19 वायरस ही नहीं और भी कई वायरस फ़ूड पैकेजिंग में पाए जाते हैं। फिर भी वैज्ञानिक मानते हैं कि यह संक्रमण की दृष्टि से खतरनाक नहीं है।

WHO के स्टेटमेंट के अनुसार,”लोगों को भोजन या उसकी पैकेजिंग से संक्रमण को लेकर घबराना नहीं चाहिए।”

WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम के हेड माइक रयान ने जेनेवा में ब्रीफिंग के दौरान कहा, “ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो दर्शाता हो कि खाने या फूड चेन से कोविड-19 फैल रहा हो। इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए।”

अमेरिकन FDA ने भी अपनी वेबसाइट पर यह कहा है कि खाने से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के कोई साक्ष्य नहीं है।

कोविड-19 के संदर्भ में सावधानी ही बचाव है। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या है निष्कर्ष?

यहां सिर्फ एक बात हमें समझनी है- कोरोना वायरस हर जगह है।
कुछ समय पहले ही कोरोना वायरस के एयरबोर्न होने पर WHO ने हामी भरी है। साथ ही यह वायरस सरफेस पर भी रह सकता है। इससे एक ही निष्कर्ष निकलता है, कि कोविड-19 वायरस हमारे चारों तरफ है और हमें उसके साथ ही जीना सीखना होगा।

भारत में धीरे-धीरे जीवन वापस पटरी पर आ रहा है। ऑफिस खुलने शुरू हो गए हैं, रेस्तरां और जिम खुलने लगे हैं और अब हम लॉकडाउन नहीं हैं- यानी अब हमारी सुरक्षा हमारे अपने हाथों में है। मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना, इसकी हमें आदत डालनी होगी।

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वैक्सीन अभी तक बाजार में नहीं आयी है इसलिए अभी हमारे पास कोविड-19 से बचने का एक ही विकल्प है- प्रीकॉशन्स।

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