सूरज की हानिकारक किरणें, बढ़ता केमिकल एक्सपोजर, लाइफस्टाइल की गलत आदतें, शराब और धूम्रपान की लत कैंसर सेल्स को बढ़ावा देती हैं। कम उम्र के बच्चों से लेकर यंग लोगों में कैंसर के बढ़ते आंकड़ें चिंता का एक बड़ा विषय बन गए हैं। मानते हैं कि बढ़ती टेक्नोलॉजी में इसका इलाज मुमकिन है, परंतु यह कहीं न कहीं लाइफ एक्सपेक्टेंसी को कम कर देता है। कैंसर में धन और जन दोनों की हानि होती है। वैक्सीनेशन, सेक्स और कुछ अन्य नियमित चीजों को लेकर बरती गई लापरवाही भी कैंसर के जोखिम को बढ़ा देती हैं।
कैंसर कभी भी किसी भी रूप में आपके ऊपर अटैक कर सकता है। शुरुआत से ही सेहत के प्रति सावधानी बरतते हुए कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स आज आपके लिए लेकर आया है, ऐसे कुछ महत्वपूर्ण टिप्स जिसकी मदद से आप कैंसर के खतरे को बहुत हद तक सीमित कर सकती हैं (lifestyle causes of cancer)। तो चलिए जानते हैं, इसके बारे में थोड़ा विस्तार से।
सूरज की हानिकारक किरणें त्वचा के कैंसर का एक सबसे बड़ा कारण है, यह कैंसर सेल्स को बढ़ावा देती हैं। इस स्थिति को अवॉयड करने के लिए दोपहर की धूप से बचें। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सनलाइट के सीधे संपर्क में न जाएं। इस समय सूरज की किरणों का प्रभाव सबसे तेज और नुकसानदेह होता है।
यदि बाहर जाना जरुरी है तो सनग्लासेस, टोपी और पुरे कपड़े पहनने के साथ साथ त्वचा पर सनस्क्रीन अप्लाई करना न भूलें। यह सभी आपकी त्वचा पर सूरज के किरणों के प्रभाव को कम कर देते हैं। सनस्क्रीन लगाने में कंजूसी न करें। बादल के दिनों में भी कम से कम 30 एसपीएफ वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग जरूर करें। हर दो घंटे में फिर से सुसक्रीन लगाएं।
कुछ वायरल संक्रमण से बचाव करने वाले वैक्सीन्स कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।
हेपेटाइटिस बी – हेपेटाइटिस बी लीवर कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है। वयस्कों में हेपेटाइटिस बी होने का उच्च जोखिम उन्हें होता है जो एक से अधिक साथी के साथ यौन संबंध रखते हैं, वे लोग जिनके एक सेक्स पार्टनर हैं परंतु उनके पार्टनर दूसरों के साथ यौन संबंध रखते हैं, और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज वाले व्यक्ति।
अवैध दवाओं का इंजेक्शन लेना, पुरुष जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं, और स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक सुरक्षा कर्मचारियों के संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है।
मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) – एचपीवी एक यौन संचारित वायरस है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और अन्य प्रकार के जेनाइटल कैंसर के साथ-साथ सिर और गर्दन के स्क्वैमस सेल कैंसर का कारण बन सकता है। 11 और 12 वर्ष की लड़की एवं लड़कों के लिए एचपीवी वैक्सीन की सिफारिश की जाती है।
विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर के खतरे को कम कर देते हैं। पब मेड सेंट्रल के अनुसार विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन डी, रेस्वेराट्रोल, लाइकोपीन, लुटिन और जेएक्सेंथिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर को कैंसर सेल्स से लड़ने में मदद करते हैं। यह पोषक तत्व समग्र सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
आजकल लोगों ने देर रात जागने को अपनी नियमित जीवनशैली में शामिल कर लिया है। नींद की कमी मानसिक, शारीरिक तथा भावनात्मक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। यह कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं से लेकर कमजोर इम्युनिटी यहां तक कि कैंसर के खतरे को भी बढ़ा देती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एडल्ट जो पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें कैंसर की संभावना आम व्यक्ति की तुलना में 60% तक अधिक होती है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जिस तरह उसी प्रकार फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन भी बहुत जरूरी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार फाइबर युक्त डाइट कोलोरेक्टल और ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम कर देते हैं। फाइबर युक्त फल, सब्जी, अनाज, दाल, नट्स और सीड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
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