क्या आपका पाचन तंत्र सही नहीं रहता है? क्या आपको भी अपच और गैस जैसी समस्याएं आए दिन लगी रहती हैं? यदि हां.. तो यह आपके पेनक्रियाज में कई तरह की समस्याओं के कारण हो सकता है। इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे शरीर में मौजूद पैनक्रिया के फंक्शन और उन्हें हेल्दी रखने के कुछ टिप्स के बारे में।
इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव एंड हेपेटोबिलरी साइंसेज, मेदांता – द मेडिसिटी गुड़गांव के डायरेक्टर – डॉ एस आर मिश्रा, से जानिए पेनक्रियाटिक कैंसर के बारे में सबकुछ।
बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि पेनक्रिया हमारे शरीर के बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं और पाचन तंत्र का हिस्सा भी। मेयो क्लीनिक के अनुसार यह पेट के पीछे होता है और हथेली जितना बड़ा इसका आकार होता है। यह एक तरह का ग्लैंड है जो कई एंजाइम और हॉरमोन प्रोड्यूस करता है। इसका काम खाना पचाने में मदद करना है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए इंसुलिन प्रोड्यूद करना भी।
डॉ एस आर मिश्रा, के अनुसार जानिए क्या हो सकते हैं पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
पेट दर्द जो आपकी पीठ तक फैलता है
भूख न लगना या वजन कम होना
आपकी त्वचा का पीला पड़ना
आंखों का सफेद होना
हल्के रंग का मल
गहरे रंग का मूत्र
त्वचा में खुजली
रक्त के थक्के
थकान
धूम्रपान
मधुमेह
अग्न्याशय की सूजन
अग्नाशय के कैंसर का पारिवारिक इतिहास
मोटापा
क्लीवलैंड क्लीनिक द्वारा सुझाए गए ये टिप्स आपको अपनी पेनक्रियाटिक हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं –
स्वस्थ वजन बनाए रखें और रेगुलर व्यायाम करें। क्योंकि वेट कम करने से आपको टाइप 2 मधुमेह और पित्ताशय की पथरी को रोकने में मदद मिल सकती है जो अन्य स्याओं का कारण बन सकती है।
कम वसा वाले आहार का सेवन करना। उच्च वसा के सेवन से पित्त की पथरी हो सकती है, जिससे पैनक्रियाटिस हो सकता है। अधिक वजन होना भी अग्न्याशय के कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है।
शराब का सेवन कम करें, क्योंकि शराब पीने से आपको पैनक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, धूम्रपान भी छोड़ें क्योंकि यह भी कैंसरका जोखिम पैदा कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंअपनी नियमित जांच करवाते रहें। रेगुलर टेस्ट से आप अपनी पैनक्रियाटिक कैंसर का सही समय पर पता लगा सकते हैं।
डॉ एस आर मिश्रा, के अनुसार पैनक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीना बहुत ज़रूरी है।
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