दिल्ली और मुंबई में कोरोना काउंट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोविड-19 चार्ट में तो यह शहर सबसे ऊपर हैं ही, प्रदूषण में भी सबसे ऊपर हैं। यहां यह सवाल खड़ा होता है कि क्या प्रदूषण और कोरोना वायरस में कोई सम्बंध है? इसका जवाब है हां! शोधार्थी मानते हैं कि वायु प्रदूषण जितना ज्यादा होता है, SARS-CoV-2 वायरस का संक्रमण भी उतना बढ़ जाता है।
वैज्ञानिक इस सम्भावना पर पिछले कुछ समय से विचार कर रहे थे और उनके अनुसार प्रदूषण कोविड-19 के संक्रमण को बढ़ावा देता है।
प्रदूषण से भी लोगों के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ता है, यह भी एक कारण हो सकता है कि कोरोना वायरस प्रदूषित शहरों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है।
अप्रैल 2020 में जर्नल नेचर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी कलेक्शन के इस विषय पर सबसे पहले बात हुई थी। इस स्टडी में यह दर्शाया गया कि किस तरह प्रदूषण लोगों की इम्युनिटी कमजोर कर रहा था, जिसके कारण कोविड-19 तेजी से फैल रहा था।
एक और स्टडी में, जिसे जर्नल ‘MedRxiv’ में प्रकाशित किया गया, यह कहा गया था कि प्रदूषण के कण यानी पार्टिकुलेट मैटर जो हवा में मौजूद होते हैं वह कोरोना वायरस को यहां से वहां फैलाते हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च में भी यही बात सामने आई है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च में यूएस के 3000 से अधिक शहरों में प्रदूषण और कोविड-19 संक्रमण के बीच सम्बंध को स्टडी किया गया।
आरोन बेर्नस्टीन, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डिरेक्टर ऑफ सेन्टर फ़ॉर क्लाइमेट, हेल्थ एंड ग्लोबल एनवायरनमेंट के अनुसार, “प्रदूषण में थोड़ा सा भी बढ़ावा होने पर मृत्यु के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। दुनिया भर के किसी भी शहर को देखेंगे तो आप पाएंगे कि बढ़ते प्रदूषण का बढ़ते कोविड-19 संक्रमण से सीधा संबंध है।”
बीएमसी जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार वायरस और बैक्टीरिया पार्टिकुलेट मैटर के माध्यम से आसानी से फैल सकते हैं। सार्स और H1N1 वायरस भी हवा में मौजूद कणों से फैलते हैं।
इस रिसर्च की माने तो दिल्ली और मुम्बई जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने के कारण ही यहां कोविड-19 के केस बढ़ रहे हैं।
इंडिया में प्रदूषण बहुत अधिक है, और लगातार बढ़ ही रहा है। 2018 में ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट में पाया गया था कि 2017 में हर आठ में से एक मौत प्रदूषण के कारण हुई थी। स्थिति देखते हुए भारत मे बढ़ता कोरोना काउंट चिंता का विषय है।
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदूषित शहरों में कोविड-19 के कई गुना बढ़ जाने की सम्भावना है।
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