दुनिया के वैज्ञानिक अभी पूरी तरह ओमिक्रोन के बारे में जानकारी नहीं जुटा पाए थे। वहीं एक और नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। इस नए वेरिएंट को डेल्मीक्रोन (Delmicron) के नाम से जाना जा रहा है। डेल्मीक्रोन का नाम सामने आने के बाद से चर्चाएं तेज हो रही हैं कि क्या भारत में भी कोविड-19 का यह नया स्वरूप दस्तक दे सकता है? क्योंकि ओमीक्रोन वैरिएंट पहले से ही भारत में काफी तेजी से अपने पैर पसार रहा है।
अमेरिका में जिन मामलों के पीछे ओमीक्रोन को समझा जा रहा था, अब उनके लिए डेल्मीक्रोन को जिम्मेदार बताया जा रहा है। डेल्मीक्रॉन वैरिएंट डेल्टा (Delta) और ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट का संयोजन यानी इनसे मिलकर बना है। जो और भी ज्यादा तेजी से अपने पैर पसार रहा है।
यह वेरिएंट ओमिक्रॉन SARS-CoV-2 के ही परिवार का हिस्सा है। यह वैरिएंट B.1.1.1.529 है, जिसका म्यूटेशन हो चुका है। ठीक उसी प्रकार जैसे डेल्टा वेरिएंट डेल्टा प्लस हो गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसका सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में ही रिपोर्ट किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में कहा गया कि ओमिक्रोन वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। यह अब तक दुनिया के 106 देशों में पहुंच चुका है। जो शुरुआती डाटा प्राप्त किया गया है उसके अनुसार इस पर भी वैक्सीन प्रभावी रहेगी।
जबकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्मीक्रॉन वैरिएंट के कम डाटा होने के कारण कुछ भी कहना अभी संभव नहीं है। बस इतना बताया जा रह है कि इसके लक्षण डेल्टा वैरिएंट से कम हैं। ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए एक्सपर्ट फिलहाल डाटा का इंतजार कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन को छोड़कर, अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने नए संक्रमण के उत्पर्वित होने को लेकर अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। भारत में कोविड-19 और आईसीएमआर के लिए बनाई गई नेशनल टास्क फोर्स ने भी डेल्मीक्रोन शब्द का प्रयोग अभी तक नहीं किया है।
किसी भी वायरस को संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा पहचाना जाता है और फिर उसके बाद उसका नामकरण किया जाता है। वेरिएंट के नाम रखने के लिए व्यापक परामर्श और कई संभावित नामकरण प्रणालियों की समीक्षा की जाती है। जिसके बाद इसके लक्षणों को देखते हुए वैरिएंट ऑफ इनट्रेस्ट (Variant of interest) या फिर वेरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant of concern) की लिस्ट में शामिल किया जाता है।
हालांकि अभी तक इस वैरिएंट की भारत में उपस्थिति का कोई मामला सामने नहीं आया है। मगर विशेषज्ञ इसे लेकर पहले ही आशंका जता चुके हैं। डेल्टा का प्रसार भारत में बहुत अधिक हुआ था, जो कोरोनवायरस की दूसरी लहर का कारण बना।
इसलिए जरूरी है कि विदेश यात्राओं, भीड़, पार्टियों से परहेज किया जाए।
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