फैटी लिवर, जिसे हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो लिवर कोशिकाओं में अत्यधिक वसा के जमा होने के कारण होती है। यह एक सामान्य लीवर डिसऑर्डर है जिसकी गंभीरता हल्के से लेकर अधिक गंभीर तक हो सकती है। फैटी लिवर कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि गलत खानपान। हमारी गलत दिनचर्या और एक्सरसाइज न करने की आदत भी फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकती है। इसके अलावा स्मोकिंग भी इसका एक गंभीर जोखिम कारक है। खासतौर से मानसून में लिवर स्वास्थ्य के लिए जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने आहार में ऐसे फूड्स शामिल करें जो लिवर की सुरक्षा करें।
इस प्रकार का फैटी लिवर उन व्यक्तियों में होता है उन व्यक्तियों में होता है जो महत्वपूर्ण मात्रा में शराब का सेवन नहीं करते हैं।। NAFLD अक्सर मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसे जोखिम कारकों से जुड़ा होता है। यह वर्तमान में दुनिया भर में सबसे आम लीवर की समस्या है।
अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग लंबे समय तक अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। शराब लीवर की कोशिकाओं के लिए ज़हर है और इससे लीवर में वसा जमा हो सकता है, लंबे समय तक शराब का सेवन अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी गंभीर लीवर की समस्याओं का कारण बन सकता है।
मानसून में लीवर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए ये जानने के लिए हमने बात की डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट शिखा कुमारी से, शिखा कुमारी बताती है कि “बरसात के मौसम के दौरान, लिवर के कार्य को समर्थन देने और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ आहार बनाए रखना आवश्यक है, खासकर फैटी लिवर रोग वाले व्यक्तियों के लिए।”
फल स्वास्थ के लिए कितने फयदेमंद है ये हम सभी को पता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर विभिन्न प्रकार के ताजे फल चुनें, जैसे कि जामुन, संतरे, सेब और अनार। ये फल हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं और लीवर के स्वास्थ्य में सहायता करते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन विटामिन भरपूर मात्रा में होता है । पालक, केल और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें, क्योंकि वे विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट के उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो लीवर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकते हैं।
ब्रोकोली, फूलगोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी सब्जियों में ऐसे यौगिक होते हैं जो लिवर एंजाइम फ़ंक्शन का समर्थन करते हैं और लिवर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
हल्दी को एक आयुर्वेदिक औषद्धि के रूप में भी जाना जाता है। हल्दी में कई लाभकारी गुण होते है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
ब्राउन चावल, क्विनोआ, जई और साबुत गेहूं जैसे साबुत अनाज का चयन करें, क्योंकि वे फाइबर और पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं।
आपको अनहेल्दी वसा को खाने से बचना चाहिए। जंक फूड जो की खराब तेल में तला होता है उसे खाने से बचें बल्कि एवोकाडो, नट्स, सीड्स और जैतून का तेल जैसे स्वस्थ वसा के स्रोतों को शामिल करें। ये वसा लिपिड प्रोफाइल को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंहाइड्रेटेड रहना लिवर के स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। लीवर के समुचित कार्य और प्रतिरक्षा को बनाए रखने के लिए पूरे दिन खूब पानी पिएं। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।