धूप के संपर्क में ज्यादा देर तक रहना मुश्किल कर सकता है टीबी का उपचार, यहां हैं कुछ चेतावनी संकेत

ज्यादा देर तक धूप में काम करने से टीवी से मुकाबले की शारीरिक क्षमता कम हो सकती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, सूर्य की यूवी किरणें इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर देती हैं। इससे स्किन कैंसर के साथ-साथ टीबी का खतरा भी बढ़ जाता है।
Kaise badh sakti hai hives ki pareshani
मौसम में बढ़ने वाली उमस के चलते या कीड़े मकौड़ों के काटने से हाइव्स का सामना करना पड़ता है। । चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 6 Dec 2023, 07:00 pm IST
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सूर्य की किरणों से हमें विटामिन डी मिलता है। पर ज्यादा देर तक सूर्य की रोशनी में रहना और बैठना दोनों नुकसानदेह है। धूप के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन अपनी वेबसाइट पर आम लोगों को सतर्क करती है। इसके अनुसार, धूप में ज्यादा देर तक काम करने से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पहुंचता है। इससे ट्यूबरकुलोसिस का भी खतरा (UV rays effect on TB treatment) बढ़ सकता है।

क्या कहता है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का आंकड़ा (World Health Organization data)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में बाहर धूप में काम करने वाले कामकाजी 15 वर्ष या उससे अधिक के 106 करोड़ लोग अल्ट्रा वायलट रेडिएशन के संपर्क में आए। यह सभी कामकाजी उम्र के लोगों के 28% के बराबर है। अकेले 2019 में 183 देशों में लगभग 19,000 लोगों की धूप में बाहर काम करने के कारण नॉन-मेलेनोमा स्किन कैंसर के कारण मृत्यु हो गई। इसमें 65% पुरुष थे।

सूरज के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा (UV Rays cause Infection Risks)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, सूर्य की रोशनी टीबी के खतरों को कम करती है। लेकिन अल्ट्रा वायलेट रेज के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने के कारण यह टीबी के जोखिम को बढ़ा सकता है। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से घावों के बार-बार उभरने की शुरुआत हो सकती है। यूवी रेज प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रभाव को कम कर देता है। सर्दी-जुकाम के मामले में यह हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस को भी नियंत्रण में नहीं रख सकता है।

इम्यून सेल पर प्रभाव (UV Rays effect on immunity cell) 

इसके कारण संक्रमण फिर से सक्रिय हो जाता है। यूवी रेज के संपर्क से मनुष्यों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने के लिए जिम्मेदार कुछ कोशिकाओं की गतिविधि में भी बदलाव आ सकता है। इससे सूरज के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। स्किन कैंसर के खिलाफ शरीर की सुरक्षा कम हो सकती है।

 

इम्यून सिस्टम हो सकता है प्रभावित (Immune System)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अध्ययन किया गया। इसमें सर्दी-जुकाम से प्रभावित लोगों के सनस्क्रीन लगाने के बाद अध्ययन किया गया। 38 मरीज़ों में से जो बार-बार हर्पीज़ सिम्प्लेक्स संक्रमण से पीड़ित होते थे, 27 में यूवी विकिरण के संपर्क के बाद सर्दी-जुकाम विकसित हो गया।

UV Rays immunity ko prabhawit karti hai.
यूवी रेज  के कारण इम्युनिटी प्रभावित हो जाती है और सर्दी -जुकाम हो जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

इसके विपरीत सुरक्षात्मक सनस्क्रीन लगाने के बाद किसी भी मरीज़ में सर्दी-जुकाम विकसित नहीं हुआ। इसलिए त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले प्रभावों को सीमित करने के अलावा सनस्क्रीन सनलाइट से होने वाले अन्य नुकसान की रोकथाम में भी प्रभावी साबित हुआ।

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कैसे फैलता है टीबी (Tuberculosis)

टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया से फैलता है। यह एयर ड्रॉपलेट के माध्यम से फैलता है। जो लोग संक्रमित हैं या मल्टीड्रग रेजिस्टेंस (MDR) या एक्सटेंडली ड्रग-रेसिस्टेंट (XDR) उपचार ले रहे हैं। उनके खांसने-छींकने से यह बैक्टीरिया एयर ड्रॉपलेट के रूप में दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए असंक्रमित व्यक्ति इन बैक्टीरिया से संक्रमित स्थान या हवा को जितना अधिक समय तक साझा करेगा, संक्रमण की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

स्किन कैंसर को बढ़ावा (UV Rays causes Skin Cancer)

यूवी रेज दो अलग-अलग तरीकों से कैंसर को बढ़ा सकता है। सीधे डीएनए क्षति को प्रेरित करके और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करके कैंसर को बढ़ा सकता है। हालांकि कैंसर के विकास पर इम्यूनोमॉड्यूलेशन के संभावित प्रभाव पर अभी बहुत कम शोध हुए हैं।

UV Raysskin cancer ko badhawa de sakta hai.
यूवी रेज दो अलग-अलग तरीकों से कैंसर को बढ़ा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

यूवी विकिरण से बचाव के उपाय (Prevention from UV Radiation)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, जो लोग कई घंटों तक धूप में काम करते हैं, उनके लिए बचाव के उपाय होने चाहिए। जिस समय यूवी रेज का दुष्प्रभाव ज्यादा रहता है, उस समय वर्किंग आवर में बदलाव होना चाहिए। चेहरे, सिर, कान और गर्दन पर यूवी रेज के प्रभाव को कम करने के लिए चौड़ी किनारी वाली टोपी पहनें। रैपअराउंड धूप का चश्मा पहनें जो यूवीए और यूवीबी (UVA and UVB) दोनों किरणों को रोकते हैं। यूवीए और यूवीबी दोनों सुरक्षा के लिए सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) 15 या इससे अधिक वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें। इनडोर टैनिंग से भी बचने का उपाय करें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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