scorecardresearch

ज्यादा समय कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करने से हो सकता है कैंसर का खतरा : स्टडी

ज्यादा देर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठ कर काम करने से कैंसर, डायबिटीज और हार्ट की बीमारी जैसी समस्या हो सकती है।
Published On: 23 Jan 2023, 06:11 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
jayada der office mei baithne se hota hai cancer
ज्यादा देर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम करने से आपको डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग जैसी समस्या हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

देश में हजारों लोग ऑफिस में या घर पर कंप्यूटर में आधे से ज्यादा दिन काम करते हुए बिताते है, कोरोना के बाद से वर्क फार्म होम के बाद ये समय और ज्यादा बढ़ गया है। ऐसा कोई लिमिट अभी भी तय नहीं है कि कितनी देर कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करना चाहिए। लेकिन एक स्टडी में ये दावा किया गया है कि .ज्यादा देर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम करने से आपको डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग जैसी समस्या हो सकती है। ज्यादा नहीं तो हफ्ते के 5 दिन तो स्क्रीन टाइम होता ही है।

यूके नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) की मानें तो “लोगों को प्रत्येक दिन कितना समय बैठना चाहिए, इस पर समय सीमा निर्धारित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।” अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय के बिहेवियरल मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर कीथ डियाज़ के नेतृत्व में एक शोध किया गया। उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश की कि पूरे दिन बैठे रहने से होने वाले जोखिम को कैसे कम किया जाए, बिना अपनी नौकरी छोड़े।

कैसे किया गया शोध

शोध में 11 स्वस्थ मध्यम आयु वर्ग और वयस्कों को आठ घंटे के लिए प्रयोगशाला में बैठाया गया पांच अलग-अलग दिनों में उनके स्वास्थ्य को जांचा गया। एक दिन सभी प्रतिभागियों को केवल बाथरूम का उपयोग करने के लिए ब्रेक दिया गया और पूरे आठ घंटे बैठाया गया। अन्य दिनों में, हल्की वॉक के साथ बैठया गया और हर दिन इस वॉक को थोड़ा बढ़ाया गया। उदाहरण के लिए, एक दिन प्रतिभागियों ने हर आधे घंटे में एक मिनट के लिए वॉक की। दूसरे दिन वे हर घंटे पांच मिनट वॉक करते थे।

ये भी पढ़ें- क्या आपको भी पत्ता गोभी खाने से डर लगता है? तो एक्सपर्ट से जानिए इससे जुड़े मिथ्स की सच्चाई

cancer symptoms
जानिए बैठने से होने वाले कैंसर के जोखिम को कैसे करें कम। चित्र शटरस्टॉक।

इस शोध का लक्ष्य यह था कि क्या काम के दौरान हल्की वॉक करने से ज्यादा देर बैठने से होने वाले जोखिमों को कम किया जा सकता है क्या? इस शोध में पाया गया कि पूरे दिन बैठे रहने की बजाय हर आधे घंटे में पांच मिनट की हल्की सैर ने ब्लड शुगर के स्तर को काफी हद तक कम कर दिया।

शारीरिक स्वास्थ्य लाभों के अलावा, वॉक के लिए ब्रेक से मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव देखा गया। अध्ययन के दौरान, प्रतिभागियों से एक प्रश्नावली के माध्यम से उनकी मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए कहा और देखा गया कि पूरे दिन बैठे रहने की तुलना में, हर आधे घंटे में पांच मिनट की हल्का वॉक थकान को कम करती है, प्रतिभागियों को बेहतर मूड में रखती है और उन्हें अधिक ऊर्जावान महसूस करने में मदद करती है।

जो लोग लगातार घंटों बैठे रहते हैं उनमें मधुमेह, हृदय रोग, और कई प्रकार के कैंसर जैसा खतरा उन लोगों की तुलना में बहुत अधिक होता है, जो बैठने के साथ वॉक भी करते हैं। एक गतिहीन जीवन शैली भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

ये भी पढ़ें- हालिया शोध बताते हैं, नेजल स्प्रे ब्रेन स्ट्रोक को ठीक करने में मदद मिल सकती है, जानिए इन दोनों का कनेक्शन 

जानिए बिना नौकरी छोड़े आप इस समस्या से कैसे बच सकती हैं

मायो क्लिनिक के अनुसार पूरा दिन बैठने की बजाय हर 30 मिनट में ब्रेक लें।

फोन पर बात करते समय या टेलीविजन देखते समय खड़े रहें।

यदि आप किसी डेस्क पर काम करते हैं, तो एक ऊंचा टेबल देखें जिस पर आप खड़े होकर काम कर सकें।

मीटिंग के लिए अपने सहकर्मियों के साथ कांफ्रेंस रूम में बैठने के बजाय पैदल चलें।

निष्कर्ष

इस स्टडी से साफ हो गया कि पूरा दिन बैठने की तुलना में सिर्फ हर आधे घंटे में पांच मिनट की वॉक की जाए तो पूरा दिन बैठने से होने वाले जोखिमों तो कम किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। जिसकी वजह से उन्हे थकावट महसूस नहीं होती है।

ये भी पढ़ें- क्या खोई हुई याद्दाश्त को वापस पाया जा सकता है? वैज्ञानिकों ने की इस विषय पर खोजबीन

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख