यदि अभी-भी आप कोविड -19 महामारी के डर के कारण डोर नॉब, स्विच, टेबल और ग्रोसरी के सामान को धोने-पोंछने में ज्यादा समय देती हैं, तो इन कामों में अपनी अधिक एनर्जी वेस्ट न करें। इससे पहले जान लें मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च को। इस रिसर्च से यह बात सामने आई है कि सांस से नाक में जाने वाली हवा से कोविड -19 संक्रमण 1000 गुना अधिक फैल रहा है। यह उन सतहों से उतना ज्यादा नहीं फैल रहा है, जिन्हें आप छूती हैं। यह रिसर्च ऐसे समय में आया है, जब भारत में कोविड -19 की चौथी लहर (Covid-19 4th wave) की आशंका जोरों पर है।
मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एन आर्बर परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर गहन शोध किया। इसमें क्लासरूम, रिहर्सल रूम, कैफेटेरिया, बस, जिम और छात्रों की ज्यादा गतिविधियों वाली बिल्डिंग्स, वेंटिलेशन वाली जगहों को भी शामिल किया गया। आॉफिशियल वेबसाइट के अनुसार इस विषय पर लगातार 2 वर्ष तक अध्ययन किया गया।
मिशिगन पब्लिक हेल्थ में एन्वायरनमेंट हेल्थ साइंस और ग्लोबल पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर चुआनवु शी बताते हैं कि कोविड -19 के सतह से फैलने का जोखिम हवा की तुलना में 1000 गुना कम था।
हाल के वर्षों में सांस संबंधित बीमारियों में बहुत अधिक वृद्धि होने के कारण कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए इस रिसर्च को किया गया था।
जबकि प्रोफेसर रिक नेट्जेल, जो मिशिगन पब्लिक हेल्थ में एन्वायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज और ग्लोबल पब्लिक हेल्थ का हिस्सा हैं, कहते हैं कि महामारी के दौरान होने वाली बीमारियों और उसे ठीक करने के मद्देनजर यह अध्ययन काफी उपयोगी सिद्ध होगा। यह आने वाले समय में सांस संबंधी बीमारियों में बहुत अधिक वृद्धि होने पर इसका मुकाबला करने के लिए तैयार होने के लिए भी किया गया है।
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कोविड -19 और इसके मल्टीपल वैरिएंट को समझने के लिए लगातार रिसर्च हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कई तरीके बताए हैं, जिनसे वायरस के ट्रांसमिशन को समझा और रोका जा सके।
जो लोग बहुत कम दूरी से एक-दूसरे से बातचीत करते हैं, तो दोनों व्यक्ति को एक-दूसरे से कोविड-19 होने का खतरा हो सकता है। कोविड -19 हवा के माध्यम से मुंह या नाक के जरिये फैलता है। हमें दूसरे व्यक्ति के नजदीक सांस लेने और छोड़ने से परहेज करना चाहिए।
कोविड -19 वायरस उन इंडोर जगहों पर तेजी से फैलता है, जहां भीड़भाड़ रहती है तथा जिस जगह पर हवा का आना-जाना कम होता है, यानी खराब वेंटिलेशन हो।
वायरस से दूषित सतहों को छूने के बाद अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से संक्रमण हो सकता है। इसतरह स्वयं सतर्क रहकर अपना बचाव किया जा सकता है।
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