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कोरोना वायरस आपके कानों के सुनने की क्षमता को भी कर सकता है प्रभावित, जानिए क्‍या कहता है अध्‍ययन

कुल 56 अध्ययनों में पुष्टि की गयी है कि जो लोग कोरोनावायरस से ग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें आगे चलकर अपने जीवन में सुनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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सुनने के लिए ज़रूरी प्रोटीन की मात्रा को कम करते हैं, चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 25 Mar 2021, 03:00 pm IST

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी (International Journal of Audiology) द्वारा किये गये इस अध्ययन में कोविड-19 रोगियों का मेडिकल रिकॉर्ड के आधार पर किया गया था। इसके साथ ही, रोगियों को एक प्रशनावली भी दी गयी थी। जिसमें इसी अध्ययन से जुड़े प्रश्न थे। आंकड़ों की जांच करने पर पता चला कि कोरोनावायरस से ठीक हो चुके लोग टिन्निटस, वर्टिगो और सुनने में तकलीफ जैसे साइड इफेक्ट्स का शिकार हो रहे हैं।

अगर 56 में से 24 अध्ययनों की मानें तो 14.8% लोगों में टिन्निटस यानी कान बजना जैसे दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं, तो वहीं 7.6% लोगों में वर्टिगो की समस्याएं देखी जा सकती हैं।
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और पीएच.डी. इब्राहिम अल्मुफारिज का कहना है कि ” सबूत अलग-अलग आंकड़े दर्शाते हैं। इसलिए, इस विषय में और अध्ययन होने की ज़रुरत है।”

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय (University of Manchester) में ऑडियोलॉजी और कोरोनोवायरस के संभावित दीर्घकालिक प्रभावों को देखते हुए एक वार्षिक अध्ययन का नेतृत्व कर रहे, प्रोफेसर केविन मुनरो ने बताया कि कई अन्य वायरल इन्फेक्शन के कारण भी सुनने में तकलीफ हो सकती है जैसे- मीज़ल्स, मम्प्स और मेनिनजाईटिस।

उन्होंने कहा “पिछले कुछ महीनों में, मुझे ऐसे लोगों से कई ईमेल मिले हैं, जिन्होंने कोविड-19 के बाद सुनने में तकलीफ, या टिनिटस की सूचना दी, लेकिन यह एक चिंताजनक बात है”। अभी ये पता नहीं चल पाया है कि इसकी वजह इलाज में देरी है या ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट।

कोविड के मरीजों को एक कान से सुनने में तकलीफ । चित्र-शटरस्टॉक
कोविड के मरीजों को एक कान से सुनने में तकलीफ । चित्र-शटरस्टॉक

कोविड-19 के बाद हुई एक कान से सुनने में तकलीफ

बीएमजे केस रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में एक 45 वर्षीय व्यक्ति के मामले का वर्णन किया गया है, जिन्हें कोविड-19 के इलाज के दौरान एक कान में अचानक सुनने में तकलीफ का अनुभव हुआ। उसके बाद इन्हें ब्रिटेन में रॉयल नेशनल थ्रोट नोज एंड ईयर हॉस्पिटल में रेफर किया गया था।

शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि उनका एंटीवायरल ड्रग रेमेडिविर, स्टेरॉयड और ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के साथ इलाज किया गया था। जिसके बाद वह बेहतर होने लगे थे। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उनका एक कान बजना शुरू हो गया और सुनने में तकलीफ होने लगी।

वैज्ञानिकों के अनुसार वे कोविड-19 से पहले बिल्कुल फिट थे और उनके कान में कोई भी दिक्कत नहीं थी। उनके ईयर कैनाल्स की जांच करने पर, उन्होंने पाया कि कोई रुकावट या सूजन नहीं थी, लेकिन एक श्रवण परीक्षण से पता चला कि वे बाएं कान से सुन नहीं सकते थे।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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