अकसर यह कहा जाता है कि चॉकलेट खाने में तो स्वादिष्ट होता है। यह मूड भी बूस्ट कर देता है। ज्यादातर चॉकलेट में वसा और चीनी की मात्रा अधिक होती है। क्या इसके कारण यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होगा? क्या कुछ चॉकलेट वास्तव में हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं? कई स्टडी के निष्कर्ष बताते हैं कि चॉकलेट फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (dark chocolate benefits) हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स एंड रिडॉक्स सिगनलिंग जर्नल में प्रकाशित शोध निष्कर्ष के अनुसार, चॉकलेट विशेष रूप से कच्ची या अनप्रोसेस्ड बीन या कोको से तैयार होते हैं। इसमें कई अलग-अलग सक्रिय यौगिक होते हैं, जो शरीर के भीतर औषधीय प्रभाव पैदा कर सकते हैं। किसी भी फ़ूड की तरह चॉकलेट मैक्रोन्यूट्रिएंट्स – प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है। चॉकलेट में वसा ज्यादातर कोकोआ बटर से आता है। यह समान मात्रा में ओलिक एसिड, स्टीयरिक और पामिटिक एसिड से बनी होती है। ओलिक एसिड हार्ट हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट है, जो ऑलिव आयल में भी पाया जाता है। इसमें विटामिन बी12 के अलावा, कॉपर, मैंगनीज, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स एंड रिडॉक्स सिगनलिंग जर्नल एडेड या आर्टिफिशियल शुगर वाले चॉकलेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं । चॉकलेट की कुछ पोषण संबंधी कमियों के बावजूद इसे मॉडरेशन के साथ आहार में शामिल करने से कुछ स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। एडेड या आर्टिफिशियल शुगर वाले चॉकलेट की बजाय डार्क चॉकलेट लेना अधिक फायदेमंद है।
जर्नल ऑफ़ फार्माग्नोसिस एंड फाइटोकेमिस्ट्री के अनुसार, कोको फ्लेवेनॉल्स से समृद्ध होता है। यह फ्लेवोनोइड्स की एक श्रेणी है, जिसमें पॉलीफेनोल के रूप में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं। फ्लेवनॉल्स विशेष रूप से पौधों में पाया जाने वाला एक नेचुरल कंपाउंड है, जो ब्लड फ्लो में सुधार और ब्लड प्रेशर को कम करता है। लो प्रोसेस्ड चॉकलेट चुनने से फ्लेवोनोइड के संभावित लाभ अधिक मिल सकते हैं। आमतौर पर डार्क चॉकलेट सबसे अच्छा विकल्प है।
कोको और चॉकलेट में फ्लेवनॉल्स और मिथाइलक्सैन्थिन मौजूद होते हैं। ये मूड को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं। चॉकलेट खाने वाले व्यक्तियों में उन लोगों की तुलना में डिप्रेशन के लक्षणों का जोखिम 57% कम पाया गया है, जो इससे पूरी तरह से परहेज करते हैं।
सकारात्मक मेंटल स्टेटस को बढ़ावा देने के लिए इस भोजन की क्षमता और भी अधिक बढ़ जाती है। जब इस व्यंजन का ध्यानपूर्वक आनंद लिया जाता है।
हार्वर्ड हेल्थ के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नींद से वंचित थे, उन्हें डार्क चॉकलेट देने से हेल्दी स्लीप में मदद मिली। जिन लोगों ने डार्क चॉकलेट खाया, उनका मेमोरी फंक्शन मजबूत हुआ।
कुछ प्रकार की चॉकलेट कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकती हैं। स्टडी में लोगों को 28 दिनों तक 30 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन कराया गया। जिस समूह के लोगों की चॉकलेट में लाइकोपीन था, उनमन कुल कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम पाया गया। उनमें ट्राइग्लिसराइड्स में भी कमी देखी गई।
न्यूट्रिएंट जर्नल में प्रकाशित आलेख के शोधकर्ताओं ने वजन घटाने के उपकरण के रूप में चॉकलेट की मदद पर भी तलाश की। इसके कुछ सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अध्ययन में डार्क चॉकलेट खाने और तृप्ति की भावनाओं के बीच एक संबंध पाया गया। जितना अधिक भरा हुआ महसूस किया जायेगा, कुल मिलाकर उतना ही कम खाया भी जायेगा। इससे कम कैलोरी भी गेन हो पाएगी। एक दूसरे अध्ययन में चॉकलेट खाने वालों का बॉडी मास इंडेक्स चॉकलेट न खाने वालों की तुलना में कम था।
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