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कोविड के बाद आपके दिल को होती है ज्यादा केयर की जरूरत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पिछले कुछ महीनों में यह देखा गया है कि कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को हृदय संबधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा है। इसलिए कोविड से उबरने के बाद दो-तीन महीने खास देखभाल के होने चाहिए।
Updated On: 23 Oct 2023, 09:38 am IST
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silent heart attack
साइलेंट हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। चित्र: शटरस्टॉक

कोरोनावायरस समस्याओं का गुच्छा है। कोविड से उबरने के बाद भी आपको लॉन्ग कोविड के रूप में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अभी हाल ही में जो पैटर्न देखा गया है, उसमें हृदय संबंधी जटिलताओं के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप इस समस्या से बचने के लिए नियमित जांच और कुछ खास चीजों का ध्यान रखें।

लॉन्ग कोविड और हृदय संबंधी जटिलताएं 

कोविड से उबरने के दो-तीन महीने बाद लोग सांस लेने में परेशानी और हृदय संबंधी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं। इसके लक्षणों के रूप में सीने में दर्द, रक्त के थक्के, दिल का दौरा, दिल की पंपिंग में कमी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। पिछले दो से तीन महीने में 100 में से 87 मरीजों में दिल की समस्या पाई गई है।

इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से गंभीर परिणाम और भविष्य में हृदय स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर कह रहे हैं कि कोविड के बाद स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देते हुए हर छह महीने में हृदय की जांच करवाना जरूरी है।

पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है कोरोनावायरस 

कोरोना विषाणु फेफड़ों पर असर करता है। इसलिए कई मरीजों ने सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा की शिकायत की है। पर अब फेफडों के अलावा यह वायरस शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर रहा है। इससे दिल से जुड़ी बीमारिया बढ़ रही हैं।

coronavirus may affect your heart
कोरोनावायरस आपके समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कोरोना संक्रमण रक्त वाहिकाओं और हृदय की मांसपेशियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसके अलावा, हृदय सहित कुछ स्वस्थ ऊतक क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। यह हृदय और शरीर के अन्य भागों में रक्त के प्रवाह में रुकावट का कारण बनता है।

इसलिए कोरोना से ठीक होने के बाद चक्कर आना, सिरदर्द, अचानक धड़कन, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, उल्टी, पसीना और सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

पुणे के अपोलो क्लिनिक के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रमोद नरखेड़े बताते हैं, ” ये समस्याएं आमतौर पर कोरोना से ठीक होने के दो से तीन महीने बाद सामने आती हैं। कोविड के बाद के 100 में से लगभग 87 रोगियों में हृदय संबंधी समस्याएं पाई गई हैं। चिंताजनक स्थिति ये है कि बुजुर्गों के साथ युवाओं में भी इस तरह की परेशानियां देखी गई हैं। बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द हो रहा है।

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ये समस्याएं हृदय रोग से संबंधित हो सकती हैं। अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन इलाज के लिए आने वाले 10 में से छह पोस्ट-कोविड मरीज में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिख रहे हैं।”

तत्काल निदान है जरूरी 

ऐसे मरीजों को तत्काल इलाज की जरूरत होती है। इसके अलावा, जिन लोगों को पहले से ही दिल की बीमारी है, उन्हें समय पर दवा लेनी चाहिए। नियमित रूप से दिल की जांच कराते रहना भी जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर हृदय रोग का जल्द पता चल जाए, तो भविष्य की जटिलताओं से बचा जा सकता है। ”

पुणे स्थित अपोलो डायग्नोस्टिक्स के सलाहकार पेथोलॉजिस्ट डॉ. कीर्ति प्रकाश कोटला के अनुसार “कोविड के बाद के मरीजों को दिल से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, कोरोनरी हृदय रोग से उबरने के बाद हर मरीज के लिए हृदय की जांच करवाना बहुत जरूरी है।

हृदय संबंधी जटिलताओं से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें 

दिल की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए कोविड के बाद ईसीजी, छाती का एक्स-रे, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच करानी चाहिए। अपने दिल का ख्याल रखने के अलावा फाइबर और प्रोटीन से भरपूर आहार लें।

healthy  heart ke liye apko apni diet ka bhi khyal rakhna hoga
हृदय स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। चित्र-शटरस्टॉक।
  1. ताजे फल, सब्जियां, अनाज, मेवा और दालें खाएं।
  2. मसालेदार, तैलीय, प्रोसेस्ड या जंक फूड न खाएं।
  3. उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को ठीक से प्रबंधित करें।
  4. रोजाना व्यायाम करें, उचित वजन बनाए रखें और शराब और धूम्रपान से बचें।
  5. दिल की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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