क्या आप अल्जाइमर ( Alzheimer ) के बारे में जानते हैं? यह क्यों होता है? क्या इसका इलाज मौजूद है? इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है, क्योंकि अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि आखिर यह क्यों होता है। हालांकि लेकिन जेनेटिक कारण, स्मोकिंग और ज्यादा वजन होना इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
अल्जाइमर ( Alzheimer Disease) एक ऐसा रोग है, जिसकी गिनती तेजी से बढ़ने वाले रोगों में होती है। यह याददाश और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को हानि पहुंचाता है। यह डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश का सबसे आम कारण है। जिससे हमारी बौद्धिक क्षमता बेहद कम हो जाती है। अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं खुद ही बनती और अपने आप की खत्म होने लगती हैं, जिससे याददाश्त और मानसिक क्षमता में लगातार कमी आने लगती है।
आज के दौर में अल्जाइमर काफी बड़ी समस्या बन चुकी है। ब्रिटेन की बात करें, तो आधे मिलियन से ज्यादा लोग इससे पीड़ित हैं। यह आंकड़ा 2040 तक 1.6 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
वहीं भारत में 40 लाख से अधिक लोग किसी न किसी प्रकार के मनोभ्रंश का सामना कर रहे हैं। अभी तक इसका कोई इलाज मिल नहीं पाया हैं। हालांकि कुछ दवाएं ऐसी जरूर हैं, जो इसमें सुधार कर सकती हैं। हाल ही में हुई एक नई रिसर्च ने एक नई उम्मीद दिखाई है।
नेचर एजिंग ( Nature’s Aging) नाम की एक पत्रिका में यह नया अध्ययन प्रकाशित हुआ है। इसमें, क्लीवलैंड विश्वविद्यालय ( University of Cleveland) के शोधकर्ताओं का सुझाव है कि वियाग्रा (viagra) दवा सिल्डेनाफिल ( sildenafil ) को अल्जाइमर रोग को रोकने के लिए निर्धारित किया जा सकती है।
जानकारी के अनुसार शोधकर्ताओं ने 7 मिलियन से अधिक रोगियों के चिकित्सा डेटा ( medical data) का विश्लेषण करने के बाद पाया कि नियमित रूप से वियाग्रा (Viagra) लेने वाले पुरुषों में अल्जाइमर रोग से पीड़ित होने का 69 प्रतिशत कम जोखिम था।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर और नपुंसकता के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली सिल्डेनाफिल अल्जाइमर के खिलाफ भी काफी अहम योगदान दे सकती है।
इस शोध के प्रमुख शोधकर्ता डॉ फीक्सिओंग चेंग ( Lead researcher Dr. Feixong Cheng) ने कहा कि ये दवा अल्जाइमर से बचा तो सकती है। मगर यह दवा किस हद तक अल्जाइमर होने से रोक सकती है, इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं की जा सकी है।
अलग-अलग लैब प्रोजेक्ट ने अपने रिसर्च में पाया कि यह दिमाग की कोशिका वृद्धि को बढ़ा सकती है और मस्तिष्क में हानिकारक प्रोटीन को रोक सकती है।
इस अध्ययन ने इंश्योरेंस डेटा, एक बड़े जीन-मैपिंग नेटवर्क ( gene-mapping network) , और एकीकृत आनुवंशिक और अन्य जानकारी का उपयोग करके यह पता लगाया। लगभग 1,600 खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA ) द्वारा अनुमोदित दवाओं में से कौन सी अल्जाइमर रोग के खिलाफ प्रभावशीलता दिखाती है।
चेंग के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में अकेले प्रोटीन को लक्षित करने वाली कई दवा खोजने की परियोजनाएं विफल रही हैं। लेकिन इस परियोजना के लिए, उन्होंने एक नए सिद्धांत का परीक्षण किया। जो एक ही समय में अमाइलॉइड और ताऊ (Tau ) दोनों “दोहरे लक्ष्यीकरण” अल्जाइमर वाले लोगों के लिए बेहतर नैदानिक लाभ प्रदान कर सकते हैं।
इस अध्ययन में अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए वियाग्रा के सेवन की सलाह दी जा रही है। पर यह महिलाओं में होने वाले अल्जाइमर रोग और उनके लिए वियाग्रा के उपयोग पर कुछ नहीं कहता। इसलिए यह जरूरी है कि ऐसे किसी भी इस्तेमाल से पहले अन्य अध्ययनों और अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
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