नए अध्ययन के मुताबिक एस्पिरिन लेना बन सकता है हार्ट फेलियर का कारण

यदि आपको हृदय संबंधी कोई समस्या है और आप हर छोटी समस्या के लिए एस्पिरिन लेने की आदि हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि यह हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकती है। जानिए अध्ययन में क्या सामने आया।
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अध्ययन के मुताबिक एस्पिरिन लेना बन सकता है हार्ट फेलियर का कारण। चित्र : शटरस्टॉक
Updated On: 27 Oct 2023, 06:00 pm IST
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यह पहला ऐसा अध्ययन है, जो यह बताता है कि एस्पिरिन (Aspirin) लेने से हार्ट फेलियर की संभावना बढ़ सकती है। बजाय उनके हार्ट रिस्क होने के बावजूद एस्पिरिन नहीं लेते हैं। इस नए शोध के अनुसार, एस्पिरिन लेने से हृदय गति (Heart Rate) रुकने का खतरा 26 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इससे जुड़े अन्य कारक धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और हृदय रोग हैं।

क्या कहता है अध्ययन

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग, जर्मनी (University of Freiburg, Germany) के अध्ययन के लेखक डॉ ब्लेरिम मुजाज ने कहा, “यह पहला अध्ययन है जो बताता है कि जिन व्यक्तियों में हार्ट फेलियर (Heart Failure) का जोखिम है, उनके एस्पिरिन लेने से हार्ट फेलियर की संभवना बढ़ सकती है। बजाय उनके जो एस्पिरिन नहीं लेते हैं।”

दिल की विफलता पर एस्पिरिन का प्रभाव विवादास्पद है। इस अध्ययन का उद्देश्य हृदय रोग वाले और बिना हृदय रोग वाले लोगों में हार्ट फेलियर के साथ इसके संबंधों का मूल्यांकन करना है। और यह भी पता लगाना है कि क्या दवा का उपयोग जोखिम वाले लोगों में हार्ट फेलियर के नए निदान से संबंधित है।

अधिक एस्पिरिन का सेवन पड़ सकता है स्वास्थ्य पर भारी। चित्र : शटरस्टॉक

मुजाज ने कहा “एस्पिरिन और हार्ट फेलियर के बीच संभावित लिंक को स्पष्ट करने की आवश्यकता है।”

कैसे किया गया यह अध्ययन

विश्लेषण में 30,827 व्यक्तियों को हार्ट फेलियर के जोखिम में शामिल किया गया था। जिन्हें पश्चिमी यूरोप और अमेरिका से HOMAGE अध्ययन में नामांकित किया गया था। “एट-रिस्क” को निम्नलिखित में से एक या अधिक के रूप में परिभाषित किया गया था: धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और हृदय रोग।

प्रतिभागियों की उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक थी। नामांकन में एस्पिरिन का उपयोग दर्ज किया गया था और प्रतिभागियों को उपयोगकर्ता या गैर-उपयोगकर्ता के रूप में वर्गीकृत किया गया था। अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले घातक या गैर-घातक हार्ट फेलियर की पहली घटना के लिए प्रतिभागियों को फॉलो किया गया।

प्रतिभागियों की औसत आयु 67 वर्ष थी जिसमें 34 प्रतिशत महिलाएं थीं। कुल 7,698 प्रतिभागी (25 प्रतिशत) एस्पिरिन ले रहे थे। 5.3 साल के फॉलो-अप के दौरान, 1,330 प्रतिभागियों ने हार्ट फेलियर के जोखिम को विकसित किया। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुये यह सामने आया कि एस्पिरिन लेना हार्ट फेलियर के 26 प्रतिशत जोखिम से जुड़ा था।

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एस्पिरिन का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

क्या रहे परिणाम

परिणामों की निरंतरता की जांच करने के लिए, शोधकर्ताओं ने हार्ट फेलियर जोखिम कारकों के लिए एस्पिरिन उपयोगकर्ताओं और गैर-उपयोगकर्ताओं के मिलान के बाद विश्लेषण को दोहराया। इस मिलान किए गए विश्लेषण में, एस्पिरिन एक नए हार्ट फेलियर के 26 प्रतिशत बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा था।

परिणामों को और अधिक जांचने के लिए, हृदय रोग के इतिहास वाले रोगियों को बाहर करने के बाद विश्लेषण दोहराया गया। हृदय रोग से मुक्त 22,690 प्रतिभागियों (74 प्रतिशत) में, एस्पिरिन के उपयोग से हृदय गति रुकने का जोखिम 27 प्रतिशत बढ़ गया था।

डॉ मुजाज के अनुसार, “हृदय रोग वाले और बिना जोखिम वाले व्यक्तियों में एस्पिरिन के उपयोग और हार्ट फेलियर के बीच संबंधों की जांच करने के लिए यह पहला बड़ा अध्ययन था। एस्पिरिन का आमतौर पर उपयोग किया जाता है। हमारे अध्ययन में चार प्रतिभागियों में से एक यह दवा ले रहा था।”

उन्होनें निष्कर्ष निकाला कि इस बात की पुष्टि करने के लिए इस अध्ययन को बड़े पैमाने पर करना ज़रूरी है। तब तक के लिए एस्पिरिन को सावधानी पूर्वक दिया जाना चाहिए।

इस शोध के निष्कर्ष ‘ईएससी हार्ट फेल्योर जर्नल’ (‘ESC Heart Failure Journal’) में प्रकाशित किए गए हैं।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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