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8 साल की बच्ची का कार्डियक अरेस्ट से निधन, जानिए क्या होते हैं बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

पहले कर्नाटक और अब गुजरात में 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत ने पेरेंट्स को परेशान कर दिया है। वे जानना चाहते हैं कि छोटे बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के लक्षण और बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।
Updated On: 11 Jan 2025, 01:30 pm IST
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Gujrat me 8 sal ki bachchi ko cardiac arrest hua
गुजरात में 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। चित्र : अडोबीस्टॉक

अंदर क्या है

  • 8 साल की बच्ची को आया कार्डियक अरेस्ट 
  • कर्नाटक में भी हुई बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत 
  • बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के मामले 
  • क्या है सडन कार्डियक अरेस्ट
  • बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

गुजरात में एक 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत का मामला सामने आया है। 8 साल  की बच्ची  गार्गी तीसरी कक्षा में  पढ़ती थी। शुक्रवार सुबह स्कूल में वह बेहोश होकर गिर पड़ी। स्कूल  में बच्ची को  सीपीआर दिया गया और तुरंत पास के अस्पताल ले जाया  गया। उपचार के दौरान बच्ची को वेंटिलेटर पर भी  रखा गया। मगर अंतत: उसे  बचाया नहीं जा सका। इससे पहले कर्नाटक में भी एक बच्ची की कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids) से मौत का मामला सामने आया था।

जानिए क्या है पूरा मामला (Girl dies with cardiac arrest in Gujrat)

यह घटना गुजरात के थालतेज स्थित ‘ज़ेबर स्कूल फॉर चिल्ड्रन’ की है। जहां शुक्रवार सुबह कक्षा 3 में पढ़ने वाली गार्गी रनपारा अपने स्कूल आई थी। स्कूल सीसीटीवी कैमरा में दिखाई दे रहे वीडियो के अनुसार अचानक बच्ची को कुछ बेचैनी महसूस हुई और वह पास के बैंच पर बैठ गई।

स्कूल की प्रिंसीपल शर्मिष्ठा सिन्हा के अनुसार बच्ची को सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हाे रही थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। स्कूल में उसे सीपीआर देने की कोशिश की गई। और तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को कार्डियक अरेस्ट आया है। जिसके लिए उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया। मगर अंतत: उसे बचाया नहीं जा सका।

कर्नाटक में भी हुई थी एक 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत (Girl dies with cardiac arrest in Karnataka)

यह पहला मामला नहीं है, जब इतनी छोटी उम्र के किसी बच्चे का कार्डियक अरेस्ट से निधन हुआ हो। इससे पहले कर्नाटक के मैसूरु जिलें में कक्षा 3 में ही पढ़ने वाली तेजस्विनी का भी कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था। बच्चों में कार्डियक अरेस्ट और हृदय संबंधी बीमारियों के ये मामले पेरेंट्स की चिंता बढ़ा रहे हैं।

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बच्चों में बिना लक्षण के भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

बच्चों में दुर्लभ हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले (Cardiac arrest in kids are rare)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार वयस्कों की तुलना में बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के मामले दुर्लभ हैं। जिसमें बच्चे को बचाने के लिए तत्काल हाई क्वालिटी सीपीआर, बेसिक लाइफ सपोर्ट और पीडियाट्रिक हेल्प की जरूरत होती है। हाई क्वालिटी सीपीआर का अर्थ है एक मिनट में 100 से 120 बार छाती को 1 से 2 इंच तक दबाना और फिर मुंह से सांस देना। जिसे माउथ टू माउथ ब्रीदिंग कहा जाता है।

5 से 19 साल की उम्र में घातक हो सकता है कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids)

चिल्ड्रन हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया के अनुसार बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids) दुर्लभ है, मगर वास्तविकता यह है कि यह किसी को भी हो सकता है। उनको भी, जो पूरी तरह फिट हैं। हर साल यूएस में बच्चों और किशोरों में सडन कार्डियक अरेस्ट (SCA) के 2000 मामले सामने आते हैं। जिनमें से 3 से  5 फीसदी मौत के मामले 5 से 19 वर्ष की उम्र के बीच होते हैं।

क्या है सडन कार्डियक अरेस्ट (what is sudden cardiac arrest)

हृदय संबंधी होने वाली विभिन्न समस्याओं में कार्डियक अरेस्ट सबसे घातक माना जाता है। इसे आम भाषा में दिल की धड़कन रुकने के तौर पर समझा जा सकता है। हृदय संबंधी अन्य समस्याओं के तुलना में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids) सबसे ज्यादा खतरनाक इसलिए माना जाता है, क्योंकि कई बार यह बिना किसी पूर्व इतिहास या लक्षण के भी हो सकता है। हार्ट अटैक में जहां पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर के तौर पर माना जाता है, वहीं कार्डियक अरेस्ट में सिर्फ 6 मिनट का समय मरीज के पास होता है।

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cardiac arrest me 6 minute me high quality CPR dena zaruri hai
कार्डियक अरेस्ट होने पर पहले 6 मिनट में हाई क्वालिटी सीपीआर देना जरूरी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

छाती में दर्द के बिना हो सकता है बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest symptoms in kids)

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids) कभी-कभी बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है। वयस्कों में जहां छाती में दर्द होना कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक का सामान्य लक्षण हैं, वहीं बच्चों में यह बहुत दुर्लभ है। बहुत कम मामलों में बच्चों को छाती में दर्द के साथ कार्डियक अरेस्ट होता है। बच्चों  में कार्डियक अरेस्ट के निम्न लक्षण हो सकते हैं –

  1. अचानक बेहोश हो जाना
  2. सांस लेने में कठिनाई होना
  3. चक्कर आना
  4. दुर्लभ मामलों में छाती में दर्द होना

दुखद यह है कि बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest in kids) के ज्यादातर मामलों की पहचान तभी हो पाती है, जब उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है। और उपचार के दौरान डॉक्टर पूछता है कि क्या हुआ। कभी-कभी एक्स-रे, ईसीजी या कार्डियोलॉजिस्ट के परीक्षण के दौरान ही इसका पता चल पाता है।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं।योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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