पश्चिम बंगाल में 7 वर्षीय बच्चा ओमिक्रॉन की चपेट में, भारत में तीसरी लहर का कारण न बन जाए ओमिक्रॉन
कोरोना वायरस संक्रमण का नया वेरिएंट ओमिक्रोन धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसार रहा है। इसको लेकर विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) लगातार चेतावनी दे रहे हैं। हाल ही में ब्रिटेन में ओमिक्रोन के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है। जिसके बाद भय का माहौल बरकरार है। जिन लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है, उनमें भी ओमिक्रॉन वेरिएंट गंभीर लक्षण दिखा रहा है। अगर ज़रा भी लापरवाही हुई, तो हमें आने वाले समय में कोविड-19 की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है।
क्यों आने वाला समय हो सकता है ज्यादा खतरनाक
12 दिसंबर को विश्व स्वास्थ संगठन (World Health Organisation) ने चेतावनी दी थी कि यदि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) और ओमिक्रोन (Omicron) एक जगह मिल गए, तो एक नया खतरा जन्म ले सकता है।
हालांकि उस समय पर्याप्त डाटा की कमी के कारण विश्व स्वास्थ संगठन ने कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा था। कई वैज्ञानिक अभी भी इस वेरिएंट पर अपनी रिसर्च कर रहे हैं। ताकि अधिक से अधिक जानकारियां हासिल की जा सकें। लेकिन मॉडर्ना वैक्सीन निर्माता कंपनी के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने नई जानकारी सामने रखते हुए कहा कि है डेल्टा और ओमिक्रोन दोनों मिलकर एक ही समय में किसी को संक्रमित कर सकते हैं।
सुपर वेरिएंट बन सकता है डेल्टा और ओमीक्रोन का कॉम्बीनेशन
मॉडर्न कंपनी के चीफ मेडिकल आफिसर डॉक्टर पॉल ने कहा है,”कोरोना वायरस संक्रमण में अक्सर एक म्यूटेशन होता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह अधिक हमला कर सकता है। अगर यह दोनों वेरिएंट किसी एक ही कोशिका पर एक साथ, एक ही समय पर हमला करते हैं, तो डीएनए की अदला-बदली होना संभव है। अगर ऐसा होता है, तो एक नया वेरिएंट जन्म ले सकता है।
साइंस एंड टेक्नोलॉजी कमेटी को संबोधित करते हुए डॉ पॉल ने कहा कि यह ‘यह पूरी तरह मुमकिन है कि दोनों स्ट्रेन की अदला बदली हो। इस मामले पर शोधकर्ताओं का भी कहना है कि दुर्लभ परिस्थितियो में वायरस का रूप बदल सकता है। इससे पहले भी संक्रमण का रूप बदलते हुए भारत में देखा गया है, जब डेल्टा वेरिएंट डेल्टा प्लस बन गया था।
जानिए क्या है भारत की मैजूदा स्थिति
ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले भारत में तेजी से बढ़ने के कारण स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ रही हैं। जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों के अंदर नए वेरिएंट ओमिक्रोन के 12 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद देश में इस वेरिएंट की कुल संख्या 73 पहुंच चुकी है।
पूरे देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में है। बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र और केरल में 4-4, तेलंगाना में 2, बंगाल और तमिलनाडु में 1-1 मामले सामने आए। बुधवार को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और तमिलनाडु में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला केस आया।
बच्चों को भी है सतर्क रहने की जरूरत
देश में 16 जनवरी से सफलतापूर्वक टीकाकरण अभियान चल रहा है। हालांकि अभी तक बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। सीरम इंस्ट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने एक दिन पहले ही कहा था कि बच्चों की वैक्सीन आने में अभी 6 महीने का वक्त लग सकता है।
जबकि पश्चिम बंगाल में एक 7 साल का बच्चा भी ओमीक्रोन की चपेट में आया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बच्चा अबू धाबी से हैदराबाद होते हुए पश्चिम बंगाल लौटा है। ऐसे में ओमिक्रोन से बच्चों को सतर्क रहने की सख्त जरूरत है, क्योंकि देश में जल्दी बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है।
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