6 फीट की दूरी भी काफी नहीं है कोविड-19 से बचाव में : शोध

कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता की बात की जा रही है। पर नए शोध में सामने आया है कि लार की बूंदें 18 फीट तक की यात्रा कर सकती हैं।
लार की बूंदें 5 सैकेंड में 18 फीट तक का सफर तय कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 28 Apr 2022, 12:24 pm IST
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लगभग एम माह पहले साइंस पत्रिका में प्रका‍शित एक अध्ययन में दावा किया गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को कोरोनोवायरस पर जीत हासिल करने के लिए 2022 तक सामाजिक दूरी को सहना पड़ सकता है। तभी से सोशल डिस्टेंसिंग पर लगातार शोध किए जा रहे हैं। जिसमें आमतौर पर छह फीट की दूरी बनाए रखना शामिल है।

दुर्भाग्य से, हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि छह फीट की दूरी भी कोरोना वायरस से बचने में कामयाब नहीं है। हमें SARS-CoV-2 से बचने के लिए कुछ और भी उपाय करने की आवश्यकता हो सकती है।

क्‍या कहता है शोध

फिजिक्स ऑफ फ्लूड्स के पत्रिका में प्रकाशित एक शोधपत्र में, शोधकर्ता तालिब डबोक और डिमिट्रिस ड्रीकिसिस ने पाया कि 4 किलोमीटर प्रति घंटे की हल्की हवा में भी लार मात्र 5 सेकंड में 18 फीट का सफर तय कर सकती है। यह खोज छह फीट के नियम को अनावश्यहक बना देती है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, हमें कोविड -19 प्रसारण को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है
डिमिट्रिस ड्रीकिसिस कहते हैं, “ये ड्रॉपलेट्स वयस्कों और बच्चों दोनों को अलग-अलग हाइट पर प्रभावित कर सकती हैं।” “छोटे के लोग और बच्चों पर इसका ज्यादा जोखिम होगा।”

नया शोध कह रहा है कि आपको मास्‍क पहनना चाहिए। चित्र : शटरस्‍टॉक

समझनी होगी ड्रॉपलेट्स की यात्रा

शोधकर्ताओं के अनुसार हमें यह अध्ययन करने की आवश्यकता है कि जब किसी को खांसी या छींक आती है तो लार हवा के साथ कैसे यात्रा करती है। ऐसे कई कारक हैं जो लार की बूंदों की यात्रा को प्रभावित करते हैं।

इनमें शामिल हैं: बूंदों का आकार और संख्या। कैसे वे एक-दूसरे और आसपास की हवा के साथ इंट्रेक्टम करते हैं। वे फैलते हैं और वाष्पित भी होते हैं। गर्मी और द्रव्यमान कैसे आसपास की हवा में नमी और तापमान स्थानांतरित करते हैं।

शोधकर्ताओं ने हवा के माध्यम से चलने वाली हर लार की बूंदों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक संगणना तंत्र तैयार किया। जिसे एक खांसी वाले व्यक्ति के सामने रखा गया। उनके अनुसार आर्द्रता, फैलाव, लार और हवा की परस्पर क्रियाओं के प्रभाव और बूंदों के तरल से वाष्प में बदलने की क्रियाओं का अध्ययन बहुत जरूरी है।

 

बर्नआउट से बचना है तो ब्रेक लेती रहें। चित्र सौजन्य: शटरस्टॉक

डबलॉक के अनुसार, ” ड्रॉपलेट का हर सेल प्रेशर, फ्लूड वेलोसिटी, तापमान, ड्रॉपलेट मास, ड्रॉपलेट पॉजीशन के बारे में अलग-अलग है। मैथमेटिकल मॉडलिंग और सिमुलेशन का उद्देश्य ड्रॉपलेट्स के एक-दूसरे के साथ प्रवाह और हवा के साथ उसकी क्रिया के सही पैटर्न को समझना था।”

शोधकर्ताओं ने ड्रॉपलेट्स पर तापमान के असर के बारे में भी पता लगाया है। ये सभी चीजें बूंदों के व्यकवहार को काफी हद तक प्रभावित करती हैं।

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डिमिट्रिस इस नि‍ष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि “यह काम महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्वास्थ्य और सुरक्षा दूरी के दिशानिर्देशों की चिंता करता है, वायुजनित रोगों के प्रसार और संचरण की समझ को आगे बढ़ाता है, और वैज्ञानिक परिणामों के आधार पर एहतियाती उपाय बनाने में मदद करता है।”

इसलिए, भले ही आपने लोगों के साथ बातचीत शुरू कर दी है और काम पर वापस जाना चाहते हैं। पर साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आप हर समय मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें। तभी कोविड -19 के प्रसार को रोका जा सकता है।

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