वह चौथे चरण के कैंसर का सामना कर रहें हैं। कीमोथेरेपी के चलते उनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो गई थी। दिल्लीर के इस 50 वर्षीय कैंसर पीडित एक व्यक्ति ने इसके बावजूद कोरोना वायरस को हराया और ठीक हुए। उनके चिकित्सक मानते हैं कि उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कैंसर को नहीं बढ़ने देते हुए कीमोथेरेपी को दो हफ्ते के लिये स्थगित करना था।
यह व्यक्ति एसोफैगस कैंसर से पीड़ित है। उसके 25 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी और उसे घर पर ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई थी क्योंकि उसमें कोविड-19 के लक्षण नहीं थे।
द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर के मेडिकल ओंकोलॉजी (कैंसर विज्ञान) के निदेशक चंद्रगौड़ डोडा गौदार ने बताया, ”रोगी को हर दो हफ्ते पर कीमोथेरेपी की जरूरत थी, जो तीन-महीने पहले शुरू हुई थी। जब वह कीमोथेरेपी के लिए आया तब हमने प्रोटोकॉल के मुताबिक उसकी जांच की और कोविड-19 की उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
उन्होंने बताया, ”कैंसर के उपचार के चलते उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर हो गई थी, हमने उसके लिये घर पर ही आइसोलेट रहने का विकल्प चुना। उसे बुखार भी नहीं आया था। वह दो हफ्तों तक घर पर क्वा रंटीन रहा और इसके बाद एक हफ्ते निगरानी में रहा।
चिकित्सक ने बताया कि घर पर रोगी के पृथक रहने के दौरान उसे दर्द निवारक गोलियां दी गई। कैंसर उपचार को रोक दिया गया क्योंकि उसका कोरोना वायरस संकम्रण और गंभीर हो जाता।
उन्होंने बताया कि रोगी को समुचित मात्रा में फल एवं सब्जियों सहित संतुलित आहार दिया गया और उसे घर में चहलकदमी करने जैसे हल्के व्यायाम कराये गये। मानसिक स्वास्थ्य के लिये योग कराया गया। साथ ही, अच्छा संगीत भी सुनने को कहा गया। उनकी कीमोथेरेपी 20 जुलाई से फिर से शुरू हो गई।