गिरकर चोटिल हो जाते हैं ज्यादातर बुजुर्ग, इन 5 योगासनों के अभ्यास से बढ़ाएं अपने पेरेंट्स का संतुलन

शारीरिक लाभों के अलावा, योग के मानसिक और भावनात्मक लाभ भी हैं जो गिरने से बचाने में मदद कर सकते हैं। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है, जिससे गिरने का जोखिम बढ़ सकता है।
योग के मानसिक और भावनात्मक लाभ भी हैं जो गिरने से बचाने में मदद कर सकते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 23 Aug 2024, 02:53 pm IST
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गिरना बुज़ुर्गों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। गिरने से गंभीर चोटें भी लग सकती हैं जैसे कि हड्डियां टूटना, सिर में चोट लगना और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। यहीं पर योग काम आता है। योग संतुलन, शक्ति, लचीलापन और समग्र शारीरिक फिटनेस में सुधार करके बुजुर्गों को गिरने से रोकने में मदद कर सकता है। संतुलन बना पाना गिरने से बचाव का एक प्रमुख घटक है। योगाभ्यास शक्ति और लचीलेपन में सुधार करता है, जो बुजुर्गों के लिए बैठकर उठने या उठकर चलते समय गिरने से खुद को बचा सकता है। आज हम हेल्थ शॉट्स पर आपको 5 ऐसे योगासन बता रहे हैं, जो बुज़ुर्गों के संतुलन को बेहतर बना सकते हैं और गिरने से बचा सकते हैं।

तन और मन दोनों के लिए फायदेमंद है योगाभ्यास

शारीरिक लाभों के अलावा, योग के मानसिक और भावनात्मक लाभ भी हैं जो गिरने से बचाने में मदद कर सकते हैं। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है, जिससे गिरने का जोखिम बढ़ सकता है। योग फोकस और एकाग्रता को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जो वरिष्ठ नागरिकों को अपने वातावरण को बेहतर ढंग से समझने और खतरों से बचने में मदद कर सकता है।

फिटनेस और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट यश अग्रवाल कहते हैं, “योग के माध्यम से आपके हाथ-आंखों का कोर्डिनेशन और मोटर कोर्डिनेशन दोनों को बढ़ाया जा सकता है। आपके ऊपरी और निचले शरीर को बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी, जिससे आपका संतुलन और नियंत्रण बेहतर होगा।” बुजुर्गों में संतुलन सुधारने के लिए कुछ एक्सरसाइज के बारे में जनते है।

आपके ऊपरी और निचले शरीर को बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी। चित्र- अडोबी स्टॉक

बुजुर्गों में बेहतर संतुलन और गिरने से बचाव के लिए योग आसन

1 ताड़ासन (Mountain Pose)

अपने पैरों और एड़ियों को एक साथ करके खड़े हो जाएं।
सांस लेते समय, अपने पेट को अंदर की ओर खींचें और सांस छोड़ते हुए अपने कंधों को नीचे और पीछे की ओर आराम दें।
अपने पूरे शरीर को सक्रिय रूप से शामिल करते हुए गहरी सांस लें।
इससे बुज़ुर्गों को अपनी मुद्रा बनाए रखने में मदद मिलेगी।

2 उत्कटासन (Chair pose)

अपने पैरों और एड़ियों को एक साथ रखकर इस आसन की शुरुआत करें।
नमस्ते मुद्रा में हथेलियों को जोड़ें और अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं।
अपने घुटनों को मोड़ें और धीरे-धीरे पीछे की ओर बैठें जैसे आप कुर्सी पर बैठते हैं।
अपने पैल्विक को फर्श के समानांतर रखें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
अपनी पीठ को बिल्कुल सीधा रखें। अपना संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें।

3 वृक्षासन (Tree pose)

अपने पैरों और एड़ियों को एक साथ रखकर इस पोज को शुरू करें।
अपने बाएं पैर को उठाएं और पैर को अपने दाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रखें।
अगर यह संभव नहीं है, तो आप इसे टखने या काल्फ पर भी रख सकते हैं।
नमस्ते करते हुए अपनी हथेलियां जोड़ें और अपनी भुजाएं ऊपर उठाएं।
दूसरे पैर के लिए भी यही साइकिल रीपीट करें।

4 वज्रासन (Thunderbolt pose)

धीरे से किसी नरम सतह पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
अपने कूल्हे को अपनी एड़ियों पर रखें और अपने बड़े पैर की उंगलियों को एक दूसरे के बगल में रखें।
अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें, अपनी पीठ को सीधा करें और आगे की ओर देखें।
इस स्थिति में 2-3 मिनट तक रहें।

5 एक पादासन (One foot pose)

अपने पैरों और एड़ियों को एक साथ लाएं और पोज को शुरू करें।
जब तक आप फर्श के समानांतर न हो जाएं, तब तक आगे की ओर झुकें।
धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को अपने पीछे सीधा ऊपर उठाएं।
आपका दाहिना पैर, पैल्विक, ऊपरी शरीर और हाथ सभी एक सीधी रेखा में होने चाहिए।
संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी नज़र को फर्श पर एक जगह केंद्रित करने की कोशिश करें।

Aakho ki roshni badhane ke liye yoga kare
वृक्षासन संतुलन बढ़ाने वाला व्यायाम है। चित्र: शटरस्टॉक

चलते-चलते

वृद्धावस्था में गिरना एक बड़ा जोखिमकारक होता है। ज्यादातर बुजुर्ग फर्श पर या बाथरूम से फिसलने से चोटिल होते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि उनके आसपास ऐसा कोई शार्प ऑब्जेक्ट हरगिज न हो, जो उन्हें गिरने पर और ज्यादा चोटिल कर दे। बाथरूम और सीढ़ियों के फर्श का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। ये बहुत अधिक चिकने न हों, बल्कि एंटी स्किट खुरदुरी टाइलों से बने हों तो बेहतर है।

अपने एजिंग पेरेंट्स की सुरक्षा के लिए आप उनके कमरे में इस तरह के मैट भी बिछा सकती हैं, जो उन्हें गिरने पर चोट से बचाएं।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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