आमतौर पर गर्मियों के मौसम में शरीर में गर्माहट महसूस होने लगती है। इसके चलते शरीर गर्म रहने लगता है। गर्माहट को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। मगर कुछ लोगों की बॉडी से हीट हर दम महसूस होती है। महिलाओं में खासतौर से मासिक धर्म के दौरान बॉडी हीट की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा हेल्थ कंडीशन, गलत खानपान और एनवायरमेंटल फैक्टर्स भी इस समस्या का कारण बनने लगते हैं। जानते हैं कि किन उपायों की मदद से एक्सेसिव बॉडी हीट (excessive body heat) को कम किया जा सकता है और शरीर में बढ़ने के क्या कारण हैं।
इस बारे में आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि किसी से बात करने से शरीर गर्म नहीं होता है। अगर आप हर वक्त किसी कारण से स्ट्रेस का शिकार है या फिर कोई दवाइयां ले रहे है, तो उससे शरीर गर्म रहता है। इसके अलावा वे लोग जो हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) का शिकार है। उनका शरीर भी अक्सर गर्म रहता है। इससे बचने के लिए वॉटर इनटेक बढ़ाएं और कुछ वक्त खुली हवा में बिताएं। इसके अलावा अपनी मील में विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा को भी बढ़ा दें।
गर्मी के मौसम में बॉडी हीट (body heat) का बढ़ना एक आम बात है। अगर आपको शरीर हर वक्त गर्म महसूस हो रहा है, तो इसका एक कारण शरीर में पानी की कमी हो सकता है। दरअसल, अधिकतर समय एयर कंडीशनर में बिताने से शरीर को प्यास का अंदाजा नहीं हो पाता है। इससे बॉडी में वॉटर इनटेक प्रापर नहीं हो पाता है। इसके अलावा वेटिलेशन और सनलाइट का एक्सपोज़र न मिलना भी इसका एक कारण है। ऐसे में शरीर हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) जैसी समस्याओं का शिकार होने लगता है।
शरीर में ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि को हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) कहा जाता है। इससे व्यक्ति को हर पल गर्मी का एहसास होता है। दरअसल, हाइपरथायरायडिज्म उस कंडीशन को कहा जाता है जब थायरॉयड गलैण्ड अत्यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन प्रोडयूस करती है। इससे ग्रस्त लोगों को खूब पसीना आता है और बार बार प्यास भी लगती है। हाइपरथायरायडिज्म से ग्रस्त लोगों को हर दम थकान, इरेगुलर पीरियड साइकिल और वेटलॉस की समस्या से जूझना पड़ता है।
ज्यादा तनाव लेना भी शरीर को गर्म रखता है। वे लोग जो हर पल किसी न किसी परेशानी में रहते हैं। उन्हें बॉडी हीट (body heat) की समस्या से जूझना पड़ता है। तनाव के चलते हार्ट बीट पर उसका प्रभाव पड़ता है और शरीर गर्म हो जाता है।
ज्यादा स्पाइसी फूड खाने, अल्कोहल इनटेक और कैफीन की प्रचुर मात्रा बॉडी को गर्म रखने का कारण साबित होती है। इससे हार्ट रेट बढ़ने लगता है, जिससे बार बार पसीना आने लगता है। बॉडी को कूल रखने के लिए ज्यादा मिर्च मसालों का सेवन करने से भी बचें।
उन फलों का सेवन करें जिनमें अत्यधिक मात्रा में पानी हो। इसके लिए अपनी डाइट में तरबूज, खरबूजा, टमाटर और खीरे जैसे फलों और सब्जियों को शामिल करें। इससे सेवन से फ्रेशनेस मिलेगी और बॉडी भी कम होने लगेगी। दरअसल, इन फूड्स की तासीर ठण्डी होती है, जो बॉडी हीट को कम कर देती है।
पानी की कमी के कारण बॉडी हीट (body heat) बढ़ने लगती है। इससे बचने के लिए अपने आहार में लस्सी, नींबू पानी और नारियल पानी पीएं। इससे शरीर में मिलरल्स की कमी पूरी हो जाती है।
रोज़ाना कुछ वक्त एक्सरसाइज़ करें। कुछ माउथ ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को भी अपने रूटीन में शामिल करें। इससे आपके फेफड़ों को भी मज़बूती मिलती है। इसके अलावा शरीर को ठंडक प्रदान होती है।
शरीर को ओवरहीट से बचाने के लिए वेंटिलेटिड एरिया में बैठें। इससे आपका शरीर कूल और एनर्जी से भरपूर रहेगा। प्रॉपर वेटिलेशन से आपकी बॉडी ब्रीदिंग प्राब्लम्स से भी बची रहेगी।
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