इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की डांस करते-करते अचानक से स्टेज पर गिर जाती है और अस्पताल ले जाने पर उसे मृत्यु घोषित कर दिया जाता है। उस वीडियो में डांस कर रही लड़की का नाम परिणीता (parinita silent heart attack) है, जिनकी उम्र 23 साल बताई जा रही है। वे अपने भाई के शादी में परफॉर्मेंस दे रही थी, जिस दौरान उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक (silent heart attack) आया और उन्होंने फौरन अपना दम तोड़ दिया। परिणीता पूरी तरह से स्वस्थ थी और जॉब करती थी, परंतु अचानक से साइलेंट हार्ट अटैक की वजह से उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
यह घटना सभी युवाओं के लिए एक चेतावनी है, कि क्यों अपनी सेहत को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए और समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। अब सवाल यह है कि क्या बिना किसी लक्षण के भी हार्ट अटैक आ सकता है? क्योंकि वीडियो में परिणीता पूरी तरह से स्वस्थ नजर आ रही है और फुल एनर्जी के साथ परफॉर्मेंस दे रही हैं इससे यह नजर आ रहा है कि उन्हें पहले से किसी तरह की विशेष परेशानी नहीं हो रही थी।
बिना किसी लक्षण के हार्ट अटैक यानी कि साइलेंट हार्ट अटैक (silent heart attack) से जुड़े सवालों के जवाब को विस्तार से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने छत्रपति शिवाजी सुभारती हॉस्पिटल, मेरठ के कंसलटेंट कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. दीपक से बात की। डॉक्टर ने साइलेंट हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी दी है, तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
डॉ दीपक के अनुसार “बिना किसी लक्षण के भी हार्ट अटैक यानी कि दिल का दौरा पड़ सकता है, जिसे आम भाषा में “साइलेंट हार्ट अटैक” कहते हैं। लगभग 45% हार्ट अटैक के केस में बिना लक्षण के अचानक से हार्ट अटैक आ जाता है। यह आमतौर पर उन लोगों में अधिक आम है, जिनकी उम्र अधिक है, या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या है। हालांकि, कुछ लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक के पहले हल्के लक्षण नजर आते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनमें किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं।
कई बार हार्ट अटैक का कोई लक्षण नजर नहीं आता, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है। साइलेंट हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली आर्टरीज पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है, जिससे हृदय की मांसपेशियों की सेल्स मर जाती हैं। ऐसा होने के पीछे हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर, मोटापा, डायबिटीज, तनाव, धूम्रपान, आयु, लिंग और आनुवांशिक प्रवृत्ति आदि शामिल हो सकती हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक के संभावित लक्षणों में हल्की असहजता या दबाव (सीने में तीव्र दर्द न होकर हल्का भारीपन) महसूस हो सकता है।
जबरदस्त थकान या कमजोरी
हल्का पेट दर्द
अपच या उल्टी का एहसास
पीठ, जबड़े या गर्दन में हल्का दर्द
अचानक चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना
बिना किसी स्पष्ट कारण के सांस की तकलीफ होना
डॉ दीपक के अनुसार “हार्ट अटैक से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना, तनाव प्रबंधन, और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक है। इसके अलावा, हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थ जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है। नियमित स्वास्थ्य जांच करवाते रहने से हृदय रोग संबंधी जोखिमों को कम किया जा सकता है, इस प्रकार हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए नियमित तौर पर अपनी जांच करवाते रहें, और डॉक्टर से सलाह लेती रहें।”
ज्यादातर लोगों को जब तक परेशानी नहीं होते हैं वह अपनी सेहत को लेकर सचेत नहीं रहते जिसकी वजह से आजकल साइलेंट हार्ट अटैक हो रहा है जो इलाज का समय भी नहीं देता और फौरन आपकी जान ले सकता है इसीलिए साल में एक बार अपने शरीर की जान जरूर करवा ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपकी बॉडी में क्या और कौन सी समस्या है।
यदि आप लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है या आपको डायबिटीज है वही कोई अन्य मेडिकल कंडीशन होने पर भी साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में इन सभी बीमारियों के प्रति सचेत रहें और उचित दवाई एवं देखभाल की मदद से इन्हें मेंटेन रखने की कोशिश करें। यदि आप इस तरह की समस्याओं को मेंटेन रखती है तो इससे साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
अगर आप मोटापे का शिकार हैं, तो आपमें हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है। विशेष रूप से आपको साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है। इसलिए एक स्वस्थ वजन बनाए रखना जरूरी है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए, आप स्वस्थ खाना खाएंगी, साथ ही साथ एक्सरसाइज करेंगी। ये दोनों फैक्टर भी एक स्वस्थ एवं संतुलित हृदय के निर्माण में मदद करते हैं। जिससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
फाइबर युक्त लो फैट डाइट लेना शुरू करें। पर्याप्त मात्रा में फल एवं सब्जियों का सेवन करें, जिससे शरीर को विटामिन एवं मिनरल्स की गुणवत्ता प्राप्त हो सके। इसके अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड एंटीऑक्सीडेंट सहित एंटी इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। वहीं रोजाना खुद को कम से कम 30 मिनट सक्रिय रखने का प्रयास करें, जिससे बॉडी में उचित ब्लड सर्कुलेशन हो और एक्स्ट्रा फैट बर्न करने में भी मदद मिल सके। यह सभी गतिविधियां एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जीने में आपकी मदद करती हैं।
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