ट्रैकिंग, सैर-सपाटा, दोस्तों के साथ लंबी यात्रा पर जाना आपको रोमांच से भर देता है। वे अनुभव और दृश्य आंखों को सुकून देने के साथ ही प्रकृति से एक नया संबंध स्थापित करते हैं। हालांकि, पहाड़ों पर चढ़ना और चलना दिलचस्प और आनंददायक है, वहीं यह शारीरिक रूप से थोड़ा कठिन हो सकता है। ये अनुभव स्मृतियों में रहें, थकान में नहीं, इसके लिए हम आपको बता रहे हैं पोस्ट ट्रेक योगा (Post track yoga)। ये आपके शरीर के तनाव और थकान को रिलीज करने में आपकी मदद करेंगे।
आपके पैर की थकान इस बात को बयां करती हैं, कि ट्रैकिंग पर आपका दिन सफल रहा या नहीं। हालांकि, यदि आप ग्लूट्स में भारीपन, मांसपेशियों की थकावट या अपने पैरों, घुटनों, कूल्हों में किसी प्रकार के तनाव से जूझ रहीं हैं, तो पोस्ट-ट्रैक रिकवरी रूटीन पर ध्यान देने का समय आ गया है।
सर्टिफाइड योगा इंस्ट्रक्टर शायनी नारंग ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये कुछ योगा स्ट्रेच को करने का सुझाव दिया है। ट्रैक के बाद शरीर के किसी भी हिस्से में हुई जकड़न को दूर करने के लिए पोस्ट ट्रैक योगा जरूर करें। तो चलिए, एक्सपर्ट से जानें इससे जुड़े कुछ जरूरी टिप्स।
ट्रैकिंग के बाद, पैरों में दर्द होना, खिंचाव आना सामान्य है। हालांकि, आमतौर पर पैरों में कभी-कभी दर्द महसूस होता है, परंतु ट्रैकिंग के बाद हुए दर्द और खिंचाव पर ध्यान देना और इसकी एक उचित देखभाल करना जरूरी है। इसके लिए यदि आप ऐसा ही कुछ ढूंढ रही हैं, तो यहां हैं, आपके लिए एक्सपर्ट के बताए कुछ योग स्ट्रेचेज जो इस समस्या से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं।
जमीन पर बैठते वक्त घुटने सीधे होने चाहिए, और ध्यान रहे कि पैर सामने की ओर हों।
यदि आपके हैमस्ट्रिंग में कसाव महसूस हो रहा है, तो अपनी कोहनियों से पीठ को सहारा देते हुए थोड़ा और पीछे की ओर झुकें।
फिर पैर की उंगलियों को अपने धड़ की ओर लाकर, पैरों को फ्लेक्स करें।
अपने टखनों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं। एंकल रोटेशन एक योग स्ट्रेचिंग व्यायाम है, जो आपको टखने के जोड़ों के स्ट्रेस और टेंशन को रिलीज करने में मदद करता है। इसके साथियों आपके फ्लैक्सिबिलिटी को बढ़ाता है और आपके एंकल, काल्वस और पैरों को गर्म करता है, जिससे ट्रेक से संबंधित किसी भी चोट के जोखिम को कम किया जा सकता है।
* अपनी एड़ियों को नीचे की ओर पुश करें।
* अब एड़ियों के बल बैठ जाएं और अपने शरीर को आगे और फिर पीछे की ओर ले जाएं।
* आप इस व्यायाम से एड़ियों को स्ट्रेच कर सकती हैं और एड़ी में हुए तनाव को भी दूर कर सकती हैं।
ऊंची चढ़ाई और उबड़-खाबड़ इलाके के कारण ऊपर की ओर ट्रेकिंग करना मुश्किल होता है। वहीं नीचे उतरते वक़्त घुटने के जोड़ो पर अधिक भार पड़ता है और यह उसके आसपास के कार्टिलेज के लिए नुकसानदेह हो सकता है। ट्रेक के बाद सभी लोग घुटने के आस पास स्ट्रेस महसूस करते हैं। वहीं यह एक महत्वपूर्ण फैक्ट है कि ऊपर की ओर चढ़ने की तुलना में नीचे की ओर ट्रेकिंग करने से घुटने पर तीन से चार गुना अधिक संकुचित तनाव पैदा होता है।
* जमीन पर बैठें और अपनी पीठ को पूरी तरह सीधा रखें।
* फिर जितना हो सके अपने पैरों को आगे की ओर बढ़ाएं।
* अब इसे मोड़ें और फिरसे इसे दोहराएं।
*सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं।
* पीठ सीधी रखें।
* अपने दाहिने पैर से मिलाने के लिए अपने बाएं घुटने को ऊपर की ओर ले आएं।
* अब मुड़े हुए घुटने को ऊपर उठाएं और फिर नीचे करें।
* फिर ठीक इसी तरह अपने दाहिने घुटनो से भी इसे दोहराएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंलंबे समय तक ट्रेकिंग करने के दौरान और बाद में कूल्हे का दर्द एक गंभीर परेशानी बन सकता है! यह वास्तव में आम है क्योंकि जब हम पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं, तो अपने बैकपैक्स में अपना भोजन और कैंपिंग गियर ले जाते हैं, ऐसे में कूल्हों पर अधिक दवाब पड़ता है और यह इन्हें तनाव में डाल देता हैं।
* सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
* फिर हाथों या उंगलियों से कसकर पकड़ बनाकर अपने पैरों को मजबूती से पकड़ें।
* जितना हो सके अपने पैरों को श्रोणि तक उठाने की कोशिश करें।
* अब बिना दबाव डाले जाँघों को तितली के पंखों की तरह ऊपर उठाएँ और फिर नीचे करें। इस दौरान घुटनों से जमीन को छूने की कोशिश करें।
* वहीं अपनी क्षमता के अनुरूप आवश्यक चरणों को दोहराएं।
* अपने पैरों को दोनों ओर से फैला कर सीधी खड़ी हो जाएं।
* स्क्वाट स्थिति में शुरू करने के लिए अपने बट को फर्श की ओर नीचे करें।
* ऐसे में आपकी उंगलियों पर अधिक भार पड़ता है इसलिए अपनी क्षमता अनुसार ही इसे करने की कोशिश करें।
* इस दौरान पैरों को पैरेलल रखने की कोशिश करें।
* अपनी रीढ़ को सीधा रखें, फिर अपने बट को फर्श की ओर, और कंधों को अपने कानों से अलग रखें। कुछ देर इस पोजीशन में बनी रहें फिर पैरों को सीधा कर लें।
आपके सामने की जांघ की क्वाड मांसपेशियां आपके शरीर में सामूहिक रूप से मांसपेशियों का सबसे बड़ा समूह हैं। ट्रेक के बाद, आपके मसल्स फाइबर तनावग्रस्त हो जाते हैं। क्योंकि वह लंबे समय तक ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों के लिए तैयार नहीं रहते। वहीं इस वजह से दर्द और थकान होना सामान्य है।
* संतुलन बनाए रखने के लिए खड़े होने पर काउंटरटॉप या कुर्सी की मदद ले सकती हैं।
* अपने टखने को एक हाथ से पकड़ें और अपने घुटने को मोड़ने के लिए अपने पैर को अपने बटॉक्स की ओर ले जाएं।
* वहीं अपने घुटनों को जितना मोड़ सकती है उतना मोड़ें, फिर अपने टखने पर धीरे से खींचे।
* 30 सेकंड के लिए इसी पोजीशन में बनी रहें।
* फिर अपनी मूल स्थिति में लौट आएं।
एक ही समय में छाती और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव आना संभव है। जैसे कि बार-बार कठिन मोशन और भारी वजन उठाने के कारण ऐसा हो सकता है। वहीं ट्रेक के दौरान अपने ट्रेकिंग ऑब्जेक्ट को हर समय पीठ पर उठाने से यह खिंचाव आना सामान्य है।
यहां हैं कुछ स्ट्रेचिंग व्यायाम जिन्हें आप अपनी छाती या पीठ के स्ट्रेस को कम करने के लिए कर सकती हैं
* सबसे पहले जमीन पर बैठे, ध्यान रहे रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अब हाथों को ऊपर उठा लें।
* अपने हाथों को अपनी छाती की ओर लाएं और अपनी छाती को कॉन्ट्रैक्ट होने दें।
* फिर अपने हाथों को खोलें और उन्हें मूल स्थिति में लाएं और अपनी छाती को फैलने दें।
* अब, इसे कुछ देर तक दोहराती रहें।
* पैरों को मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं।
* अपने ऊपरी शरीर को बाईं ओर झुकाते हुए अपने बाएं हाथ तक पहुंचें। वहीं अपने दाहिने हाथ को ऊपर की ओर उठाएं।
* जैसे ही आप झुकती हैं, ठीक सामने देखती रहें, इसे साइड में न मोड़ें।
* सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ के निचले हिस्से से लेकर आपके कंधे तक की मांसपेशियों को धीरे से खींचा जा रहा है।
* 20 सेकंड के लिए खिंचाव बनाए रखें।
* फिर दूसरी ओर से भी ऐसा करने की कोशिश करें।
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