मोटापा और ज्यादा वजन होना एक जैसी लगने वाली स्थितियां हैं। जो शरीर में अत्यधिक फैट के कारण होती हैं। वे आनुवांशिकी, पारिवारिक इतिहास, खानपान की आदतों, शारीरिक गतिविधि या गतिशीलता की कमी जैसे कारणों से होती हैं। बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई का उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति अधिक वजन वाला है या मोटा है। यह किसी व्यक्ति के वजन और ऊंचाई के आधार पर शरीर में फैट को मापने के लिए चेक किया जाता है।
इसे जानने के लिए व्यक्ति के शरीर के वजन (किलोग्राम) को व्यक्ति की ऊंचाई के वर्ग (मीटर में) से विभाजित किया जाता है। WHO ने बीएमआई के अंदर एक निश्चित संख्या रखी है, जो यह बताता है कि आपका वजन आपकी उम्र और लंबाई के हिसाब से ज्यादा तो नहीं है। अगर आप बीएमआई निश्चित संख्या के अंदर आता है, तो आप मोटे नहीं है। पर अगर इसकी संख्या बीएमआई से अधिक आगे निकल जाती है, तो आपका वजन आपकी उम्र और लंबाई से अधिक हो सकता है।
वर्ल्ड ओबेसिटी दिवस 4 मार्च को मनाया जाता है। ये दिन मोटापे के संकट के प्रति लोगों को जागरुक और एकजुट करने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष के अभियान का विषय ‘आओ मोटापे के बारे में बात करें’ है। स्वास्थ्य, युवावस्था और अपने आसपास की दुनिया को देखते हुए यह समझें कि हम एक साथ मिलकर मोटापे से कैसे निपट सकते हैं।
मोटापा दुनिया भर में एक स्वास्थ्य संकट है। जहां दुनिया की एक तिहाई आबादी इससे पीड़ित है और कथित तौर पर लगभग 5 में से 1 बच्चा और 3 में से 1 से अधिक वयस्क इससे जूझ रहे हैं। उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, इस्केमिक हृदय रोग, फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, पित्त पथरी, एसिडिटी, स्ट्रोक, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, इनफर्टिलिटी जैसी असंख्य बीमारियां मोटापे से जुड़ी हैं।
सर्जन डॉ. विकास कपूर का कहना है कि मोटापा एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें शरीर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। इस हद तक कि इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह आमतौर पर किसी व्यक्ति के बीएमआई को मापकर निर्धारित किया जाता है।
अब जानिए कि वजन बढ़ने का क्या मतलब है (What does being overweight mean)
अधिक वजन होना, जिसका मूल्यांकन बीएमआई का उपयोग करके भी किया जाता है, इसका अर्थ होता है कि बीएमआई में दी गई किसी ऊंचाई के लिए स्वस्थ माने जाने वाले शरीर के वजन से अधिक होना।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 2.5 बिलियन वयस्क अधिक वजन वाले पाए गए। इन व्यक्तियों में से 890 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त थे। विशेषज्ञ के अनुसार, अंतर बहुत अधिक नहीं हैं, लेकिन कुछ अतंर हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।
मोटापा और अधिक वजन सभी शरीर में अत्यधिक वसा के कारण होते हैं। मोटापे में अधिक वजन की तुलना में शरीर में वसा का अधिक महत्वपूर्ण संचय शामिल होता है।
अधिक वजन वाले लोग स्वस्थ रह सकते हैं यदि वे नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन जैसी अच्छी जीवन शैली की आदतें बनाए रखें। हालांकि, अधिक वजन होने से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ का कहना है कि मोटापा और अधिक वजन दोनों ही स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं, लेकिन मोटापे में जटिलताओं की गंभीरता और संभावना अधिक होती है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी रोग जैसी स्थितियां अधिक स्वाभाविक हैं।
जब बीएमआई की बात आती है, तो डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यदि बीएमआई 30 से अधिक या उसके बराबर है, तो आपको मोटा माना जाएगा। अधिक वजन में ये थोड़ा कम होता है। बीएमआई 25 से अधिक या उसके बराबर होता है। यह अंतर ऊंचाई के अतिरिक्त वजन की पर आधारित है।
मोटापा गतिशीलता और कार्यक्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे चलने, सीढ़ियां चढ़ने और झुकने जैसी रोज की गतिविधियां करने में कठिनाई हो सकती है। अधिक वजन होना भी कुछ हद तक गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है, लेकिन मोटापे की तुलना में यह प्रभाव आम तौर पर कम गंभीर होता है।
मोटापे को मैनेज करने के तरीके अक्सर अधिक कठिन हो सकते है, जैसे चिकित्सा, आहार परिवर्तन, व्यायाम कार्यक्रम और कुछ मामलों में, दवा या सर्जरी के विकल्प होते है। डॉ. कपूर का कहना है कि अधिक वजन को मेडिकल हस्तक्षेपों पर कम जोर देकर, आहार और व्यायाम जैसे जीवनशैली में संशोधन के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
फलों, सब्जियों, हेल्दी फैट, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन सहित विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन पर अधिक ध्यान दें। प्रोसेस्ड फूड, शर्करा युक्त पेय पदार्थ और उच्च कैलोरी वाले स्नैक्स कम मात्रा में लें।
कैलोरी बर्न करना, मांसपेशियों के निर्माण और अपनी समग्र फिटनेस में सुधार करने के लिए चलने, जॉगिंग और तैराकी जैसे एरोबिक व्यायाम और अधिक तारत लगने वाली ट्रेनिंग में शामिल जरूर हों। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम जरूर करें।
पोर्शन कंट्रोल पर ध्यान दें ताकि आप बहुत ज़्यादा न खाएं। छोटी प्लेटें, कटोरे और अन्य छोटे बर्तनों का उपयोग करें। इसके अलावा, भूख और पोट भरने के संकेतों पर भी ध्यान दें ताकि आप बहुत अधिक कैलोरी का उपभोग न करें।
पूरे दिन पानी और हेल्दी जूस पीकर हाइड्रेटेड रहें। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपको प्यास लगी हो, लेकिन अंत में आप यह सोचें कि आप भूखे हैं। इसलिए, यदि आप अच्छी मात्रा में पानी पीते हैं, तो यह आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी की मात्रा को कम करने और आपके वजन घटाने के प्रयासों में सहायता कर सकता है।
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