कई महिलाएं ऐसी होती है जो घर के कामों में उलझे रहने के कारण अपने लिए कहीं बाहर जाने का समय नहीं निकाल पाती है जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर प्रभावित होती है। कई बार सिर्फ घर से बाहर निकलने का समय नहीं होने पर या जो महिलाएं ऑफिस जाती है और घर दोनों संभालती है उनके लिए भी अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है। तो आइए आज आपको बताते है भुजंगासन आसन के बारे में जिसे आप घर पर या किसी भी जगह आराम से कर सकती है।
भुजंगासन को बैकबेंड पोज़ या कोबरा पोज भी कहा जाता है। भुजंगासन एक संस्कृत शब्द है जिसमें भुजंग का अर्थ होता है सांप। इसे भुजंगासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आधा शरीर ऊपर की तरफ उठकर सांप की आकृति बनती है। भुजंगासन आराम से घर पर किया जा सकता है।
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सबसे पहले योगा मैट को फर्श पर बिछाएं और पेट के बल मैट पर लेट जाएं, दोनों हाथों को सिर के बगल में रखें और माथे को जमीन पर लगा लें।
इस दौरान अपने दोनों पैरों को पीछे की और सीधा रखें और दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बना लें।
अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने कंधों के बराबर में लाएं। अब लंबी गहरी सांस लेते हुए जमीन की सहारा लेते हुए, अपने पेट के उपर के शरीर को ऊपर उठाएं।
आपको सबसे पहले सिर फिर चेस्ट और आखिर में पेट को ऊपर उठाएं।
सांस को अंदर की ओर खींचते हुए इसी आसन में ऊपर की और देखते हुए कुछ सेकंड रूकें।
सांस को बाहर की ओर छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहली वाली अवस्था में आ जाएं।
इस आसन को 4 से 5 बार इसी तरह दोहराएं।
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बीएमआई चेक करेंयोग से मानसिक शांति भी मिलती है। मेडिटेशन जैसा चीजों से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। लंबे समय तक योग को दिनचर्या में शामिल करने से स्वास्थ्य लाभ होते है। एक स्टडी में की गई जिसमें हठ योग कार्यक्रम कराया गया जिसमें हफ्ते में 2 बार योग भुजंगासन का अभ्यास किया गया। 8 हफ्ते बाद परिणाम ये आया की प्रतिभागियों के डिप्रेशन के लक्षणों में कमी देखी गई।
भुजंगासन कमर, पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद है। यह कमर दर्द और और पीठ के दर्द से राहत देता है। काफी देर एक जगह पर बैठे रहने के कारण होने पीठ और कमर दर्द से राहत के लिए भुजंगासन किया जा सकता है। यह कमर और पीठ को स्ट्रेच करता है।
फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने और अच्छा रखने के लिए भुजंगासन लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई के शोध में ये बताया गया है कि फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं के लिए योग बहुत मददगार है। इस आसन में सांस के नियंत्रण से फेफड़ो के लिए अच्छा माना जाता है।
इंडियन जर्नल ऑफ पैलिएटिव केयर की एक रिसर्च के अनुसार, भुजंगासन में स्ट्रेचिंग की जाती है, जो शरीर को लचीला बनाने में मदद करती है। इस रिसर्च में यह बताया गया है कि स्ट्रेचिंग वाले आसन कंधे, पीठ और गर्दन के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन की एक रिसर्च में बताया गया कि, महिलाओं में पेट के मोटापे (Abdominal Weight) के लिए बहुत से आसन है जिसमें से भुजंगासन भी एक है।
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