महिलाओं में इन दिनों मोटापा बड़ी समस्या है। इसमें भी सबसे कॉमन समस्या है बेली फैट की। तो जब बात बेली फैट घटाने की होती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में यह ख्याल आता है कि कौन से वर्कआउट्स से पेट की चर्बी कम हो सकती है। बहुत से लोग बेली फैट घटाने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं और सिट अप्स इसमें एक ऐसा व्यायाम है जिसे बहुत लोग करते हैं। आज हम एक्सपर्ट की मदद से यही जानेंगे कि बेलीफैट कम करने में सिट अप्स (Sit ups to burn belly fat) कितना कारगर तरीका है।
सिट अप्स पेट के सभी मसल्स को टोन करते हैं, जिससे पेट की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
सिट अप्स करने से आपका मेटाबोलिज्म बढ़ता है, जिससे कैलोरी जलने की प्रक्रिया तेज़ होती है।
जब आप पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, तो पाचन तंत्र भी बेहतर होता है, क्योंकि यह आपके पेट के हिस्से को एक्टिव करता है।
शिक्सफिटनेस की फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट शिखा सिंह कहती हैं कि सिट अप्स एक बेहतरीन एक्सरसाइज है जो पेट और पेट के आसपास के मसल्स को टोन करती है। जब आप सिट अप्स करते हैं, तो आपके एब्स (पेट के मसल्स) की मांसपेशियाँ काम करती हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि सिट अप्स अकेले बेली फैट को कम नहीं कर सकते, लेकिन ये पेट के मसल्स को मजबूत और टोन कर सकते हैं, जिससे पेट पर चर्बी कम करने में मदद मिल सकती है।
सिर्फ सिट अप्स करना काफी नहीं होगा अगर आप सिर्फ पेट की चर्बी घटाने की कोशिश कर रहे हैं। एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें सही आहार, अन्य शारीरिक गतिविधियाँ और कार्डियो वर्कआउट्स शामिल हों। फिर भी, सिट अप्स का महत्व है क्योंकि यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ कैलोरी जलाने में भी मदद करता है।
सिट अप्स करते समय सबसे ज्यादा काम आपकी एब्स (पेट के मसल्स) पर होता है। यह व्यायाम पेट के ऊपरी हिस्से के मसल्स, लोअर एब्स और ट्रांसवर्स एब्स को टोन करता है। जब आप सिट अप्स करते हैं, तो आपके पेट के मसल्स कंप्रेस होते हैं और मजबूत होते हैं। यह पेट के आकार को सुधारता है और पेट के आस-पास के क्षेत्र को फ्लैट करने में मदद करता है। हालांकि, सिर्फ पेट के मसल्स को मजबूत करने से बेली फैट कम नहीं होगा, क्योंकि फैट बर्न करने के लिए कार्डियो और सही डाइट की आवश्यकता होती है।
वास्तव में सिट अप्स करते समय आप बहुत सारी कैलोरी भी बर्न करते हैं। जब आप किसी भी व्यायाम को करते हैं, तो आपकी शरीर की ऊर्जा (कैलोरी) का इस्तेमाल होता है। सिट अप्स से आपको एक सेट में कई कैलोरी बर्न होती हैं, और अगर आप इसे रेग्युलर तौर पर करते हैं तो आपकी समग्र कैलोरी बर्न की मात्रा बढ़ सकती है। इससे धीरे-धीरे पेट की चर्बी घटने में मदद मिल सकती है। लेकिन याद रखें, सिर्फ सिट अप्स से ही वजन कम करना मुश्किल है, इसके लिए आपको अपनी कैलोरी इनटेक को भी कंट्रोल करना होगा।
यदि आप बेली फैट घटाने के लिए सिर्फ सिट अप्स करते हैं, तो इसका असर सीमित होगा। बेली फैट कम करने के लिए आपको कार्डियो एक्सरसाइजेस को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। कार्डियो एक्सरसाइजेस जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, स्विमिंग, या ब्रिस्क वॉकिंग से अधिक कैलोरी बर्न होती है। जब आप सिट अप्स के साथ कार्डियो को जोड़ते हैं, तो आपके शरीर का फैट बर्न करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा, कार्डियो एक्सरसाइजेस से आपके दिल और फेफड़ों को भी मजबूती मिलती है।
गलत तरीके से किए गए सिट अप्स से आपकी पीठ और गर्दन पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे चोट लगने का खतरा रहता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप सिट अप्स करने का सही तरीका जानें। सिर और गर्दन को सीधे रखें, और कभी भी गर्दन को ज़ोर से खींचें नहीं।
हाथों को सिर के पीछे या छाती के पास रखें, लेकिन सिर को पकड़ने की कोशिश न करें।
पैरों को फर्श पर पूरी तरह से टिकाकर रखें, ताकि शरीर के बाकी हिस्सों पर दबाव न पड़े।
तेज़ी से सिट अप्स करने की बजाय धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से उठें और वापस जाएं।
शिक्सफिटनेस की फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट शिखा सिंह कहती हैं कि सिर्फ सिट अप्स से बेली फैट पूरी तरह से कम नहीं किया जा सकता। इसके लिए आपको एक संतुलित आहार, नियमित कार्डियो वर्कआउट्स और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी होगी। फैट घटाने के लिए आपको एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें डाइट पर कंट्रोल , एक्सरसाइज और पर्याप्त आराम शामिल हो। सिट अप्स पेट के मसल्स को मजबूत कर सकते हैं लेकिन बेली फैट घटाने के लिए आपको दूसरे व्यायाम जैसे कार्डियो और डाइट को भी फॉलो करना होगा।
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