एक्सरसाइज करने पर भी कम नहीं हो रही पेट की चर्बी, तो हलासन कर सकता है आपकी मदद

लगातार बैठै रहने और अन्‍य कई कारणों से पेट पर चर्बी जमने लगती है। ये शरीर के सबसे जिद्दी फैट में से एक है। अगर आप भी लोअर बैली फैट से परेशान हैं तो योग का यह आसन आपकी मदद कर सकता है।
पेट पर जमी चर्बी सबसे जिद्दी मानी जाती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
पेट पर जमी चर्बी सबसे जिद्दी मानी जाती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
Published On: 30 Apr 2021, 02:45 pm IST
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इस भागदौड़ भरी जिंदगी में एक व्यक्ति का व्यायाम करना उतना ही जरूरी है जितना उसके लिए खाना खाना और पानी पीना। एक अध्ययन के अनुसार 64 प्रतिशत भारतीय व्यायाम करना पसंद नहीं करते। वहीं कुछ लोग एक्सरसाइज तो करते है पर कोर एक्सरसाइज (core exercise) नहीं करते हैं। जिस कारण फैट तो चला जाता है पर बेली फैट वहीं रह जाता है।

हम जानते है कि आप अपने बेली फैट को कम करने के लिए बहुत मेहनत कर रहीं हैं। इसलिए हम आपके लिए लाए है बहुत ही सरल आसन जो कम समय में और तेजी से आपका लोअर बेली फैट कम करेगा।

हलासन हो सकता है लोअर बैली फैट कम करने में आपका मददगार

हलासन पेट की चर्बी कम करने में मददगार है। चित्र: शटरस्‍टॉक
हलासन पेट की चर्बी कम करने में मददगार है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जानिए कैसे करना है

1. पीठ के बल लेट जाएं, श्वास अंदर भरते हुए पैरों को धीरे- धीरे उठाएं।
2. पहले 30 डिग्री फिर 90 डिग्री तक उठाने के बाद पैरों को सिर के पीछे की ओर ले जाएं। इसके साथ में पीठ को भी ऊपर उठाते हुए श्वास बाहर निकालते हुए ले जाएं।
3. पैरों को सिर के पीछे भूमि पर टिका दें। श्‍वास की गति सामान्य रहेगी।
4. प्रारंभ में हाथों को सुविधा की दृष्टि से कमर के पीछे लगा सकते हैं। पर पूर्ण स्थिति में हाथ भूमि पर ही रखें। 5.इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे।
6.वापस आते समय जिस क्रम से ऊपर आए थे, उसी क्रम से भूमि को हथेलियों से दबाते हुए पैरों को घुटनों से सीधा रखते हुए भूमि पर टिकाएं।

चयापचय को बूस्ट करने के साथ ही, पेट को स्वस्थ रखने में मददगार है हलासन। चित्र: शटरस्‍टॉक
चयापचय को बूस्ट करने के साथ ही, पेट को स्वस्थ रखने में मददगार है हलासन। चित्र: शटरस्‍टॉक

बैली फैट करने के साथ ही ये लाभ भी देता है हलासन

अगर आपको लोअर बैली फैट कम करना है, तो हलासन बहुत अच्छा योगासन है। ये पाचन तंत्र के लिए भी लाभदायक है। ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है जो वजन घटाने में मदद करता है।
मेरुदंड को स्वस्थ एवं लचीला बनाकर पृष्ठ भाग की मांसपेशियों को भी विस्तृत एवं निरोग बनाता है।
थायराइड ग्रंथि को संतुलित कर मोटापा एवं दुर्बलता आदि को दूर करता है।
गैस, कब्ज एवं अपच में भी यह आसन लाभकारी है।
अग्नाशय को सक्रिय कर डायबिटीज को दूर करता है
स्त्री रोगों में भी ये आसन उपयोगी है।

इन बातों का भी रखें ध्‍यान 

उच्च रक्तचाप सर्वाइकल आदि मेरुदंड के रोगी इसे न करें।
स्लिप डिस्क अथवा पीठ में तकलीफ होने पर भी हलासन को नहीं करना चाहिए।
शुरुआत में किसी प्रशिक्षक की देखरेख में करें।

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लेखक के बारे में
अंबिका किमोठी
अंबिका किमोठी

योगा, डांस और लेखनी, यही सफर के साथी हैं। अपनी रचनात्‍मकता में देखूं कि ये दुनिया और कितनी प्‍यारी हो सकती है।

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