योग क्रियाएं शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाती है। इससे सांस संबधी समस्याओं से लेकर हृदय गति को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। मगर अधूरी जानकारी और जल्दबाज़ी में किए जाने वाले योगासन स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं (yoga mistakes)। खासतौर से वे लोग जो बिगनर्स है, वे योग मुद्राओं को एक टास्क के समान पूरा करने की कोशिश में जुटे जाते है, जिससे शरीर में इंजरी का खतरा बना रहता है। जानते हैं वो योग के दौरान बिगनर्स को किन गलतियों से बचने की आवश्यकता है (Yoga tips for beginners)।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग एक्सपर्ट एंव फिजियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि योग से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। मगर इसकी शुरूआत करने से पहले माइंड से लेकर बॉडी तक सभी चीजों का संतुलित होना आवश्यक है। अधिकतर लोग मेडिटेशन का महत्व न समझते हुए सीधा योग मुद्राओं से आरंभ करते हैं। इससे योग के दौरान मन में विचार घिरते चले जाते हैं और फोकस करने में दिक्कत आने लगती है।
इसी प्रकार योग मुद्राओं को खत्म करने के बाद बिगनर्स अक्सर रिलैक्सेशन के समय का महत्व नहीं समझते है। शरीर को बिना रिलैक्स किए अन्य कार्यों में लगने से बॉडी की हीट बरकरार रहती है, जो इंजरी का कारण भी बन सकती है। ऐसे में योग की शुरूआत करने से पहले कुछ खास बातों की जानकारी होना आवश्यक है।
अधिकतर लोग वॉर्मअप किए बगैर योग मुद्राएं करने लगते है। इससे योगासनों को करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। डॉ गरिमा बताती हैं कि योग से पहले सूक्ष्म योग किया जाता है। सूक्ष्म योग यानि स्मॉल ज्वाइंट मूवमेंट, इनकी मदद से शरीर में ब्लड का प्रवाह उचित बना रहता है, जिससे किसी भी योगासन को आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए रिस्ट, एंकल और आर्म मूवमेंट की मदद ली जाती है। इससे शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन से बचा जा सकता है और शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।
बॉडी को हर योगासन के लिए पुश करने से बचना चाहिए। वे लोग जो बिगनर्स है, उन्हें अपने शरीर को योगासनों के दौरान ढ़ालने में समय लगता है। अगर किसी योगासन को करने के दौरान शारीरिक तकलीफ बढ़ रही है, तो उसे छोड़ देना आवश्यक है। इससे मसल्स इंजरी के चांस को बढ़ने से रोका जा सकता है। साथ ही शुरूआत में 30 मिनट का योगा सेशन लें। इसके बाद समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है। अगर योग के दौरान शरीर में थकान बढ़ रही है, तो उसे करने से बचना चाहिए।
लगातार 30 मिनट से 1 घंटे तक योग करने से बॉडी हीटअप होने लगती है। ऐसे में शरीर को आराम देना आवश्यक है। आमतौर पर योग मुद्राओं के बाद शवासन किया जाता है। इससे तन और मन दोनों को सुकून मिलता और शरीर में बढ़ने वाली गर्माहट भी कम हो जाती है। ज्याददातर लोग योग के बाद अपने दैनिक कार्यो में जुट जाते है, जिससे शरीर को रिलैक्सेशन के लिए समय नहीं मिल पाता है और इंजरी का खतरा बना रहता है। इस समस्या से बचने के लिए कुछ देर आराम आवश्यक है।
वे लोग जो खाली पेट योगाभ्यास नहीं कर पाते है। उन्हें खाना खाने से 2 से 3 घंटे के बाद योग करना चाहिए। अन्यथा पेट दर्द और मतली का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा योग के एकदम बाद भी खाना खाने औश्र पानी पीने से बचना चाहिए। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए योगाभ्यास से 1 घंटा पहले पानी पी लें।
वे लोग जो डायबिटीज, हृदय रोगों या अर्थराइटिस से ग्रस्त है, उन्हें योग करने से पहले अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना आवश्यक है। ऐसे में डॉक्टर या फिर किसी योग एक्सपर्ट के सुझाव के अनुसार योगासनों का अभ्यास करना चाहिए।
मन को शांत रखने और योग पर फोकस करने के लिए किसी खास जगह का चयन करे। इससे योग में स्थिरता लाई जा सकती है। साथ ही योगासनों को आसानी से करने में भी मदद मिलती है। अपनी सुविधा के अनुसार इनडोर या आउटडोर किसी भी जगह को चुनें।
दिनभर का तनाव दूर करने के लिए योग किया जाता है। मगर स्ट्रेस लेकर इन मुद्राओं को करने से शरीर में थकान बढ़ सकती है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। ऐसे में शरीर की क्षमता के अनुसार ही क्रियाएं करें और मन को नियंत्रित रखें।
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