सुबह उठते ही अधिकतर लोगों को आंखों के नीचे सूजन महसूस होती है। दरअसल, थकान, कमज़ोरी और देर रात तक सोना फिर जल्दी उठ जाना इस समस्या को बढ़ाने लगता है। आई टिशूज़ में बढ़ने वाली लचीलेपन की कमी आई बैग्स का कारण साबित होती है। इससे चेहरे की खूबसूरती भी प्रभावित होने लगती है। चेहरे पर दिखने वाली इस थकान का सामना हर उम्र के लोगों को करना पड़ता है। ऐसे में घरेलू उपायों के अलावा योग बेहद कारगर उपाय है। जानते हैं कि किन योगासनों से आंखों के नीचे बढ़ने वाली पफीनेस को कम किया जा सकता है।
इस बारे में योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा बताती हैं कि आंखों के नीचे बढ़ने वाले आई बैग्स या पफ्फीनेस के कई कारण होते है। वे लोग जो देर रात तक जागते हैं और पूरी नींद नही लेते है, उन्हें अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर लेवल और पानी की कमी भी शरीर में इस समस्या को बढ़ा देती है। इससे राहत पाने के लिए जहां घरेलू उपाय कारगर साबित होते हैं, तो वहीं योग का अभ्यास भी फायदेमंद रहता है।
योग मुद्राओं में से एक मकर मुद्रा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को नियमित रखने में मदद करती है। इससे शरीर में एनर्जी बढ़ने लगती है और नकारात्मकता दूर होने लगती है। त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद इस योग मुद्रा को करने से आंखों के नीचे दिखने वाली सूजन को कम किया जा सकता है।
इसे करने के लिए अपने दाएं हाथ को तिरछा कर लें और उसे अपनी बाई हथेली पर टिका लें।
उसके बाद दाहिने हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ की रिंग फिंगर और लिटल फिंगर में से होकर निकालें।
इसके बाद अंगूठे और रिंग फिंगर को एक दूसरे से टच करें। इसके अलावा मिडल फिंगर और इंडैक्स फिंगर को एकदम सीधा रखें।
गहरी सांस लें और इन दोनों उंगलियों से वी की शेप बनाएं। इसे मुद्रा में 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक रहें।
भ्रामरी प्राणायाम को करने से तनाव और अनिद्रा से राहत मिलती है। इससे तन और मन को शांति मिलती है। साथ ही सांस संबधी समस्याएं भी हल होने लगती हैं। इससे शरीर को सूदिंग इफेक्ट की प्राप्ति होती है। सांस लेने और सांस छोड़ने की इस प्रक्रिया से एंग्जाइटी और क्रोध से भी मुक्ति मिल जाती है।
इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें। अब धीरे धीरे सांस लें।
इस दौरान आंखों को तर्जनी और मध्यमा उंगली से बंद कर लें और मुंह पर अनामिका और छोटी उंगली को रखें।
वहीं अंगूठे को कान पर टिका लें। अब हमिंग का सांउड करते हुए धीरे धीरे सांस को छोडें।
शरीर की क्षमता के अनुसार इस प्राणायाम को करने का प्रयास करें। दिन में दो बार इसका अभ्यास करने से फायदा मिलता है।
इस योगासन को करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे शरीर एक्टिव रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। इससे पाचनतंत्र में सुधार आने लगता है और पीठ दर्द की समस्या भी हल हो जाती है।
इसे करने के लिए पी के बल तैट पर लेट जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें।
अब दोनों टांगों को आपस में जोड़कर उपर की ओर लेकर जाएं और फिर सिर से पीछे की ओर लेकर जाएं।
इसके बाद दोनों बाजूओं को जमीन पर चिपका लें और गहरी सांस लें व छोड़ें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें
नियमित रूप से दिन में 2 बार इस योगासन का अभ्यास आंखों में बढ़ने वाली सूजन की समस्या कम होने लगती है।
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