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हीट स्ट्रोक का जोखिम कम करते हैं ये 4 योगासन और प्राणायाम, जानिए अभ्यास का तरीका

गर्मी में शरीर के तापमान को नियमित बनाए रखने के लिए डाइट और रेमिडीज़ के अलावा योगासन मददगार साबित होते हैं। जानते हैं, योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा से वे योगासन जिनकी मदद से हीट स्ट्रोक के खतरे से बचा जा सकता है
Published On: 20 May 2024, 09:30 am IST
इनपुट फ्राॅम
प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

गर्मी के मौसम में धूप की किरणों की चपेट में आने से लू का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रिवेंटन और क्योर दोनों की ही तलाश रहती है। गर्मी में शरीर के तापमान को नियमित बनाए रखने के लिए डाइट और रेमिडीज़ के अलावा योगासन मददगार साबित होते हैं। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है और एंग्जाइटी की समस्या भी कम हो जाती है। जानते हैं, योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा से वे योगासन जिनकी मदद से हीट स्ट्रोक के खतरे से बचा जा सकता है।

योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा बता रही हैं हीट स्ट्रोक के जोखिम को कम करने वाले 4 योगासन

1. शीतली प्राणायाम

इसके नियमित अभ्यास से शरीर शीतल रहता है और लू लगने का जोखिम भी कम हो जाता है। शीतली प्राणायाम को करने से गर्मी के मौसम में शरीर स्वस्थ बना रहता है और इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर सीधे बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा रखें। क्रास लेग्स करके गहरी सांस लें।

अब दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में लें। इसके लिए पहली उंगली की टिप का अंगूठे की टिप से छूएं।

हाथों को घुटनों पर टिकाकर आंखों को बंद कर लें। इसके लिए अपनी जीभ का पाइप बना लें।

सांस लेने के बाद जीभ को अंदर की ओर ले जाएं और मुंह बंद कर लें। फिर नाक से सांस को धीरे धीरे अब छोड़ें।

इसे प्रक्रिया को 5 से 7 बार दोहराएं और दिन में दो से तीन बार करें।

शीतली प्राणायाम को करने से गर्मी के मौसम में शरीर स्वस्थ बना रहता है और इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. काकी मुद्रा

मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने और गर्मी में शरीर के संतुलन को बनाए रखने में काकी मुद्रा बेहद कारगर है। इसे नियमित तौर पर करने से गर्मी में सांस फूलने, सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचा जा सकता है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और कमर को सीधा रखें। अब होठों को थोड़ा खोलें।

जीभ को मुंह में रखें और गहरी सांस लें। इस दौरान अपनी दृष्टि नाक पर बनाए रखे।

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मुंह से धीरे धीरे सांस लें और फिर मुं बंद कर लें और सांस को कुछ देर के लिए हाल्ड करें।

उसके बाद नाक से सांस को छोड़ें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

3. विपरीत करणी

शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखने के लिए विपरीत करणी योगासन का अभ्यास करें। इससे शारीरिक अंगों में बढ़ने वाली स्टिफनेस से बचा जा सकता है। इसके अलावा दिनों दिन बढ़ने वाले तनाव और गर्मी के चलते बढ़ने वाली शाररिक समस्याओं से बचने के लिए दिन में दो बार इसका अभ्यास अवश्य करें।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं और गहरी सांस लें। अब टांगों को सीधा कर ले।

योगासन को करने के लिए दीवार की मदद ले सकते हैं। शरीर को कमर से उठाएं और टांगों को दीवार से लगाएं।

दोनों हाथों को जमीन पर टिकाकर रखें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें।

विपरीत करणी योगासन की मदद से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित रूप से होने लगता है।

शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखने के लिए विपरीत करणी योगासन का अभ्यास करें।चित्र : अडोबी स्टॉक

4. पादहस्तासन

सूर्य नमस्कार के 12 आसनों की श्रृंखला में से पादहस्तासन एक है। इसे करने से शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलती है। नियमित तौर पर इसके अभ्यास से शरीर शीतल रहता है। इससे टांगों को मज़बूती मिलती है और पाचन मज़बूत बनता है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब कमर को एकदम सीधा कर लें।

योगासन के दौरान टांगों में थोड़ी सी दूरी बनाकर रखें और कमर से शरीर को नीचे की ओर झुकाएं।

दोनों हाथों से पैरों के पंजों को छूएं और सिर को घ्ुटने से छूने का प्रयास करें।

गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें। रोज़ाना 1 से 2 मिनट तक इस योगासन का अभ्यास करें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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