पीरियड साइकल के दौरान महिलाओं को मेंस्ट्रुअल क्रैंम्प का सामना करना पड़ता है। हर महीने शरीर में होन वाले दर्द और ऐंठन को दूर करने के लिए महिलाएं कई प्रकार की दवाओं का सेवन करती है। इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है, जिससे हार्मोन इंबैलेंस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शरीर को संतुलित बनाए रखने और तन व मन को एक्टिव रखने के लिए योग बेहतरीन उपाय है। जानते हैं वो योगासन जिनकी मदद से पीरियड में होने वाले मेंस्ट्रुअल क्रैंम्प से मिलती है राहत।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पीरियड क्रैम्प को मेडिकली टर्म में डिसमेनोरिया के रूप में जाना जाता है। दरअसल ओवरीज़ में होने वाले कान्ट्रेक्शन के कारण ये दर्द बढ़ने लगता है और प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन रिलीज़ होने लगता है। इससे एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉएड जैसी यूटरीन कंडीशन का जोखिम बढ़ जाता है। यूटरस कान्ट्रेक्शन के चलते पीठ, पेट के निचले हिस्से, हिप्स और थाइज़ पेन का खतरा बना रहता है।
इस बारे में योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि महिलाओं को अक्सर पीरियड के दिनों में शारीरिक श्रम करने से मना किया जाता है। अधिकतर सभी महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में ऐंठन का सामना करना पउ़ता है। मगर कुछ महिलाओं को पीरियड में बहुत ज्यादा दर्द होता है। ऐसे में घरेलू नुस्खों के अलावा योगासन शरीर में रक्त के प्रवाह को नियमित बनाए रखता है। ऐसे में कटिचक्रासन शरीर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है और ऐंठन को दूर करता है। जानते हैं योगासनों के फायदे और उनके करने की क्रिया भी।
शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को दूर करने के अलावा पीरियड साइकल के दौरान बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए पश्चिमोत्तानासन बेहद फायदेमंद है। इसे नियमित तौर पर करने से पैल्विक फ्लोर मसल्स को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा पीरियड के दौरान ब्लड फ्लो भी नियमित बना रहता है। दिन में 2 बार इसका अभ्यास अवश्य करें।
इस योगासन को करने के लिए मेट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को आगे की ओर फैलाकर रखें।
अब दोनों टांगों को आपस में जोड़ लें और दोनों बाजूओं को सीधा करके उपर की ओर लेकर जाएं।
धीरे धीरे बाजूओं को नीचे लाएं और कोहनियों को मोड़ते हुए हाथों को मज़बूती से जमीन पर टिका लें।
कमर को असगे झुकाते हुए सिर को घुटनों के उपर रख लें। इस दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करें और गहरी सांस लें व छोड़ें।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योगासन को करें जिससे मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को दूर करने में मदद मिलती है।
इस योगासन को करने से कमर में बढ़ने वाले दर्द और ऐंठन को दूर किया जा सकता है। इससे गर्मी में बढ़ने वाली कब्ज और ब्लोटिंग की समस्या से भी राहत मिल जाती है। इसके अलावा मसल्स में होने वाली पेन और स्टिफनेस दूर होने लगती है। मासिक धर्म में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए इसे रोज़ाना करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइस योगासन को खेड़ होकर और लेटकर दोनों प्रकार से कर सकते हैं। इसे करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं
अब दोनों टांगों को सीधा कर लें और पैरों के मध्य दूरी बना लें। अब दोनों पैरों को अपनी ओर खींचने का प्रयास करें।
हथेलियों को एक दूसरे से इंटरलॉक करके उपर की ओर लेकर जाएं। गहरी सांस लें और शरीर को घुटनों से मोड़ते हुए दाई ओर टविस्ट करें।
उसके बाद सांस छोड़ते हुए वापिस उसी मुद्रा में आ जाएं। उसके बाद शरीर को बाई ओर टविस्ट कर लें।
शरीर में लचीलापन बढ़ाने के लिए उपविष्ठ कोणासन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन से मुक्ति मिल जाती है और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आने लगता है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधरे बैठ जाएं और दोनों टांगों को सामने की ओर लेकर आएं। पीठ को सीधा कर लें।
अब दोनों टांगों को शारीरिक क्षमता के मुताबिक खोलने का प्रयास करें और पंजों को अपनी ओर मोड़ लें।
दोनों बाजूओं को सीधा कर लें और हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं और जमीन पर टिका लें।
हाथों को उंगलियों में भी गैप बनाकर चलें। इस दौरान सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें।
पीठ और कंधों की मज़बूती को बढ़ाने वाले उष्ट्रासन को करने से शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है। इसके चलते मासिक धर्म में शरीर में होने वाली ऐंठन की समस्या से राहत मिल जाती है। शरीर में गतिशीलता को बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर इसका अभ्यास बेहद आवश्यक है। इसे करने से बच्चों में लंबाई भी बढ़ने लगती है।
इसे योगासन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और कमर से शरीर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
अब दोनों बाजूओं से पैरों को पकड़ लें और गहरी सांस लें और फिर गर्दन को उपर की ओर रखें।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे धीरे वापिस लौटें।
रोज़ाना इसका अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और शरीर पीरियड साइकल के दौरान एक्टिव रहता है।
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