न्यू ईयर पार्टी के बाद पेट में भारीपन महसूस हो रहा है, तो इन 5 योगासनों से करें खुद को रिलैक्स
समग्र स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाले योग से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है और पाचनतंत्र भी उचित बना रहता है। विषाक्त पदार्थ रेड ब्लउ सेल्स, टिशूज और अंगों में एकत्रित होने लगते हैं। इससे थकान, सिरदर्द, कब्ज और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है।
नए साल की शुरूआत के साथ हर व्यक्ति कई तरह के संकल्प लेता है। उन रेज़ोल्यूशंस की शुरूआत करने से पहले न्यू ईयर पार्टी के बाद शरीर को डिटॉक्स कर लेना भी बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिंस पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। दरअसल, पार्टी में अल्कोहल, ऑयली और अधिक शुगरी फूड्स का सेवन करने से शरीर में ब्लोटिंग, एसिडटी और कैलोरी इनटेक का खतरा बना रहता है। ऐसे में बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए पेश पदार्थों के अलावा योगासान भी बेहतरीन विकल्प है। जानते हैं न्यू ईयर पार्टी के बाद शरीर को डिब्लॉट करने के लिए 5 योगासन (Yoga poses to debloat) ।
योग ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। साँस लेने के पैटर्न में बदलाव आने के अलावा साँस नियंत्रण, शरीर में संतुलन और ध्यान लगाने में मदद मिलती हैं। समग्र स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाले योग से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है और पाचनतंत्र भी उचित बना रहता है। इसकी मदद से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद मिलती है। दरअसल, विषाक्त पदार्थ रेड ब्लड सेल्स, टिशूज और अंगों में एकत्रित होने लगते हैं। इससे शरीर में जल्द थकान, सिरदर्द, कब्ज और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी बता रही हैं शरीर को डिटाक्स रखने के लिए किए जाने वाले योगासन।
शरीर को डिब्लॉट करने और रिलैक्स होने के लिए 5 योगासन (Yoga poses to debloat)
1. त्रिकोणासन (Triangle pose)
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए त्रिकोणासन बेहद कारगर विकल्प है। इससे पेट की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को आसानी से डिटॉक्स किया जा सकता है। इसके अलावा ब्लोटिंग की समस्या भी हल हो जाती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है।
जानें त्रिकोणासन करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों के मध्य दूरी बना कर रखें।
इसके बाद दाएं पैर को बाई ओर निकाल लें। अब शरीर को बाई ओर झुकाएं और पैर को पकड़ें। वहीं दाएं हाथ को उपर ले जाएं।
इस दौरान गहरी सांस लें और टांगों को सीधा रखें। शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें ।
2. सलंब भुजंगासन (Sphinx pose)
सलंब भुजंगासन को करने से शरीर की मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने में मदद मिलती है। इससे कंधों की मसल्स को मज़बूती मिलती है और अपच की समस्या हल हो जाती है। पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन का क्षमता के अनुसार अभ्यास करें।
इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल मैट पर लेट जाएं और पीठ को एकदम सीधा कर लें। बाजूओं को आगे बढ़ाएं।
अब कोहनियों से मोड़ते हुए बाजूओं को पीछे की ओर लेकर आएं। उसके बाद शरीर के उपरी हिस्से को उठाएं और गर्दन को पीछे लेकर जाएं।
योगासन के दौरान पैरों को जमीन पर टिकाकर रखें। उसके बाद गहरी सांस लें और छोड़ें। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
शरीर को 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक दस मुद्रा में रखने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
3. गोमुखसान (Cow pose)
गोमुखसान को काओ फेस पोज़ कहा जाता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली जकड़न और दर्द को दूर किया जा सकता है। इससे इंटरनल ऑर्गन्स को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर में मोबिलिटी बढ़ती है और जोड़ों में बढ़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है। इससे पेट के मसल्स में खिंचाव बढ़ता है, जिससे ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।
जानें गोमुखासन करने की विधि
इसे करने के लिए मैट पर सीधे बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें। अब दाई टांग को बाई टांग के उपर से लेकर जाएं।
बाएं पैर को जमीन से छुएं और गर्दन् को सीधा कर लें। इसके बाद दाएं हाथ को कमर से पीछे की ओर लेकर जाएं।
अब बाएं हाथ को कंधों के उपर से पीछे ले जाकर दाएं हाथ को पकड़ने का प्रयास करें। इससे शारीरिक अंगों में लचीलापन बढ़ने लगता है।
गहरी सांस लें और फिर छोड़ें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें और फिर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है।
4. भारद्वाजासन (Seated spinal twist pose)
शरीर को हेल्दी और फिट रखने के लिए नियमित रूप से भारद्वाजासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे कोलन क्लीजिंग में मदद मिलती है और पेट में बढ़ने वाली ऐंठन को भी दूर किया जा सकता है। इसे करनेसे बॉडी मसल्स स्ट्रेच होते है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
जानें भारद्वाजासन करने की विधि
इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन मुद्रा में बैठकर गहरी सांस लें और अपनी आंखों को बंद कर लें।
इसके बाद बांए हाथ से दाएं घुटने को छूएं। वहीं दाएं हाथ ंको पीछे की ओर लेकर जाएं। अब धीरे धीरे सांस छोड़ें।
गर्दन को दाईं ओर रखें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में बने रहें। नियमित रूप से इसका अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।
5. जानु शीर्षासन (Head to knee pose)
पेट की मांसपेशियों में खिंचाच बढ़ाने के लिए इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे सांस संबधी समस्याएं हल होती हैं और पाचन को भी मज़बूती मिलती है। घुटने से सिर को छूने की इस मुद्रा के तहत शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और ब्लोटिंग से राहत मिल जाती है।
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जानें जानु शीर्षासन करने की विधि
इसे करने के लिए मैटपर सीधे बैठ जाएं और दोनों टागोंं को सामने की ओर रखें। अब दाई टांग को घुटने से मोड़ लें।
अब दाई टांग को अंदर की ओर मोड़कर बाई इन्नर थाई को छुएं। इस दौरान पीठ को एकदम सीधा रखें।
शरीर को कमर से झुकाते हुए आगे की ओर लेकर आएं और घुटने से सिर को छुएं। दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें।
क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे शरीर का लचीलापन बना रहता है।
लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।