35 पार की महिलाओं को जरूर करने चाहिए ये 4 योगासन, जिन्हें बार–बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होती है
अमूमन सर्दी के दिनों में गर्मी की तुलना में फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का सामना करना पड़ता है। दरअसल, ओवरएक्टिव ब्लैडर के चलते इस समस्या का सामना करना पड़ता है। उम्र के साथ अक्सर लोगों को फ्रीक्वेंट यूरिनेशन की परेशानी बढ़ने लगती है। इसके चलते वे यूरिन को नहीं रोक पाते हैं। बुजुर्गों के अलावा मेनेपॉज और डिलीवरी के बाद महिलाओं को अक्सर इस समस्या से दो चार होना पड़ता है। इस प्रॉबल्म को नियंत्रित करने के लिए योगासन का अभ्यास बेहद फायदेमंद साबित होता है। जानते हैं ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या को हल करने के लिए योगासन (yoga to prevent frequent urination) ।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च के अनुसार लगभग 24 फीसदी से लेकर 45 फीसदी महिलाओं में फ्रीक्वेंट यूरिनेशन की समस्या बनी रहती है। जहां 20 से 39 वर्ष की आयु की महिलाओं में 7 से लेकर 37 फीसदी लोगों को समस्या का अनुभव होता है।
वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में से समस्या 9 से 39 फीसदी पाई जाती है। ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या गर्भावस्था, डिलीवरी, डायबिटीज़ और बढ़े हुए बॉडी मास इंडेक्स से जुड़ी हुई है। योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी से जानते हैं फ्रीक्वेंट यूरिनेशन से बचने के लिए योगासन (yoga to prevent frequent urination)
बार बार पेशाब आने के कारण (Causes of frequent urination)
टाइप 2 डायबिटीज का शुरूआती संकेत
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का बढ़ना
प्रेगनेंसी के दौरान ब्लैडर पर प्रैशर बढ़ना
कैफीन का अधिक सेवन करना
थायराइड के कारण बढ़ती है समस्या
गुर्दे की पथरी इस समस्या को बढ़ा देती है
बार–बार पेशाब की जरूरत महसूस होती है तो ये 4 आसन हैं आपके काम के (Yoga poses to control frequent urination)
1. पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend)
पश्चिमोत्तानासन को करने से शरीर के निचले हिस्से की मज़बूती बढ़ने लगती है। दरअसल, देर तक बैठने से मसल्स में स्टिनेस बढ़ने लगती है। ऐसे में मैट पर बैठकर किए जाने वाले इस योगासन से पेल्विक मसल्स रिलैक्स होने लगती है और शरीर में ब्लड का फ्लो भी बढ़ने लगता है। इसका अभ्यास करने से टांगों के मसल्स में खिंचाव आता है, जिससे ये समस्या हल होने लगती है।
जानें इसे करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर लें। अब कमर से शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
- दोनों बाजूओं को आगे की ओर बढ़ाएं और पैरों की उंगलियों को पकड़ें। इस दौरान माथे को घुटनों से छूने का प्रयास करें।
- 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें और फिर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। इस दौरान सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
- नियमित रूप से इसका अभ्यास टांगों के लचीलेपन को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
2. त्रिकोणासन (Triangle pose)
शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करने के अलावास योगासन से पेल्विक फ्लोर मसल्स को फायदा मिलता है। बार बार यूरिन पास करने की समस्या से बचने के लिए रोज़ाना इसका अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। खड़े होकर किए जाने वाले इस योगासन से मसल्स मै फ्लैक्सीबीलिटी बढ़ने लगती है।
जानें त्रिकोणासन को करने की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर सीधे खढ़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य कंधों से अधिक दूरी बनाकर रखें। अब शरीर को आगे झुकाएं।
- कमर से शरीर को आगे बढाए और दाएं हाथ से बाएं पैर को पकड़ लें। उसके बाद बाएं हाथ को उपर की ओर रखें।
- इस दौरान गहरी सांस लें और फिर छोड़ें। इससे शरीर में रक्त का संचार बढ़ने लगता है और लचीलापन बढ़ने लगता है।
3. सेतुबंधासन (Bridge pose)
शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए सेतुबंधासन का अभ्यास करना फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों में मज़बूती बढ़ने लगती है और यूरिनेशन की समस्या को भी हल किया जा सकता है।
जानें सेतुबंधसन को करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों में मोड़ लें और गैप बनाकर रखें।
- उसके बाद कमर से शरीर को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें और दोनों बाजूओं को जमीन पर लगाकर रखें।
- सिर और कंधों समेत अपर बॉडी का जमीन पर रखें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में बने रहें।
4. बद्धकोणासन (Butterfly pose)
इस योगासन से यूरिनरी हेल्थ को फायदा मिलता है और यूरेथ्रल स्ट्रिक्चर के लक्षणों को नियंत्रित करने में भी मददगार सातिब होता है। बार बार यूरिन पास करने की समस्या हल होने लगती है और शरीर एक्टिव बना रहता है।
जानें बद्धकोणासन करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को सामने की ओर लेकर जाएं। अब पीठ को एकदम सीधा कर लें।
- अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए पैरों के पंजों को आपस में जोड़कर रखें। उसके बाद दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें।
- टांगों को उपर से नीचे की ओर लेकर आएं। क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे शरीर की मज़बूती बढ़ने लगती है।
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