लंबे काम के घंटों के बावजदू पोश्चर ठीक रखना है, तो घर पर करें इन 5 योगासनों का अभ्यास
खराब मुद्रा में बैठने से उसका असर रीढ़ की हड्डी पर होता है। गलत पोश्चर से रीढ़ की हड्डी पर बढ़ने वाला अनुचित दबाव मसल्स और लिगामेंट को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में योगाभ्यास से शरीर में ऐंठन कम होती है और लचीलापन बढ़ने लगता है।
देर तक गलत पोश्चर में बैठना न केवल मसल्स को नुकसान पहुंचाता है बल्कि इससे इससे ओवरऑल पर्सनैलिटी प्रभावित होने लगती है। अधिकतर लोग कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने के दौरान आगे की ओर झुकने लगते है, जिससे बैक हंप का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हेल्दी पोश्चर मेंटेन रखने के लिए योगासन एक आसान उपाय है। रोज़ाना योगाभ्यास करने से शरीर को जहां कई फायदे मिलते हैं, तो वहीं बॉडी पोश्चर (Yoga for bad body posture) में सुधार आने लगता है।
योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी बताती हैं कि खराब मुद्रा में बैठने से उसका असर रीढ़ की हड्डी पर होता है, जिससे लोअर बॉडी पेन बढ़ने लगती है। साथ ही शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन कम होने से उसका असर पाचनतंत्र और हृदय स्वास्थ्य पर दिखने लगता है। गलत पोश्चर से रीढ़ की हड्डी पर बढ़ने वाला अनुचित दबाव मसल्स और लिगामेंट को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में योगाभ्यास से शरीर में ऐंठन कम होती है और लचीलापन बढ़ने लगता है।
बॉडी पोश्चर में सुधार लाने के लिए योगासन (Yoga for bad body posture)
1. र्स्वांगासन (Shoulder stand)
शरीर मकें ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने और ऑक्सरजन की उचित मात्रा को बनाए रखनें के लिए र्स्वांगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। शोल्डर स्टैंड का नियमित अभ्यास करने से शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है।
जानें र्स्वांगासन करने की विधि
इसे करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं। पीठ के बल लेटने के बाद दोनों टांगों को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
हाथों को कमर पर रखें और दोनों टांगों के मध्य दूरी बनाकर रखें। टांगों को उपर उठाएं और बाजओं को ज़मीन पर रहने दें।
सिर के नीचे तकिया रख सकते है। इस योगासन में पूरा वज़न कंधों पर टिका रहता है। बिगनर्स इस योग मुद्रो के लिए दीवार की मदद ले सकते है।
शरीर की क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में बने रहें। नियमित रूप से इसका अभ्यास करें।
2. सेतुबंधासन (Bridge pose)
इस योगासन का अभ्यास करने से फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है। इसे चेस्ट ओपनर योगा पोज़ कहा जाता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और पीठ को भी मज़बूती मिलती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।
इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। अब टांगों को घुटनों से मोड़कर रखें और गहरी सांस लें।
शरीर को कमर से उपर की ओर उठाने का प्रयास करें। दोनों बाजूओं को जमीन पर टिका लें और कंधों को भी टिकाएं रखें।
इसके बाद एड़ियों को उपर की ओर उठाएं, फिर सांस को छोड़ें। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योग मुद्रो में बने रहें।
3. व्याघ्रासन (Tiger pose)
वेटलॉस के लिए किए जाने वाले योगासन से शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। इसे करने से कंधों और टांगों की मांसेपशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है, जिससे ऐंठन से राहत मिल जाती है। साथ ही शरीर का लचीलापन बना रहता है।
जानें व्याघ्रासन करने की विधि
इसे करने के लिए टांगों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को जमीन पर रखें और उपर की ओर उठें।
इस दौरान कमर को सीधा रखने का प्रयास करें। इसके अलावा दाई टांग को उपर की ओर उठाएं और गहरी सांस लें।
गर्दन को भी उपर उठाएं। अब दाई टांग को अपने स्थान पर लाकर बाईं टांग को उपर उठाने का प्रयास करें।
4. ताड़ासन (Mountain pose)
शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करनेके लिए ताड़ासन का अभ्यास करें। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव महसूस होने लगता है। रीढ़ की हड्डी को भी मज़बूती मिलती है।
जानें ताड़ासन करने की विधि
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और पीठ को एकदम सीधा करके रखें। अब गहरी सांस लें।
दोनों बाजूओं को उपर की ओर उठाएं और उन्हें कोहनियों से सीधा कर लें। अब दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ लें।
एड़ियों को उपर उठाएं और शरीर की क्षमता के अनुसार इसी मुद्रा में रहें।
फिर सांस धीरे धीरे छोड़ें। अब पैर नीचे रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
5. परिव्रत उत्कटासन (Revolved chair pose)
इस योगासन को रिवॉल्व्ड चेयर पोज भी कहा जाता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है।
पोल
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और घुटनों को मोड़कर चेयर पोज़ के समान मुद्रा में आएं।
अब दोनों बाजूओं को सामने की ओर लेकर जाएं और उन्हें कोहनियों से मोड़ते हुए दोनों हाथों को आपस में जोड़ लें
इसके बाद दाई ओर घूमें और गर्दन को भी दाईं ओर मोड़ लें। इससे पीठ दर्द से राहत मिलती है।
लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।