पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

योगाभ्यास से कंट्रोल किया जा सकता है थायरॉइड, योग विशेषज्ञ गरिमा भाटिया दे रही हैं इन 5 योगासनों की सलाह

योगासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से थायराइड ग्लैंड उत्तेजित होने लगता है। अधिकतर लोग हाइपो थायरॉयडिज्म से ग्रस्त होते है, जिसमें शरीर में उचित मात्रा में हार्मोन रिलीज़ नहीं होते है। ऐसे में हार्मोन की मात्रा को बनाए रखने के लिए योगासन करें।
थायराइड हार्मोन में थायरोक्सिन टी 3 और ट्राईआयोडोथायोनिन टी 4 शामिल हैं। ये हार्मोन चयापचय प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक
Published On: 22 Jan 2025, 10:00 am IST

अनियमित दिनचर्या और खानपान की आदतें शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण साबित होते है। इससे शरीर में अक्सर लोगों को मोटापा, शुगर आर थायरॉइड जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। अधिकतर लोग इसके प्रबंधन के लिए दवाओं की भी मदद लेते है, मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। ऐसे में रूटीन में योगासनो को शामिल करने ये हार्मोनल बैलेंस बढ़ने लगता है और शरीर का वज़न भी नियंत्रित बना रहता है। अगर आप भी थायरॉइड का शिकार है, तो इन योगासनों की लें मदद (yoga for thyroid)।

योगासन से थायरॉइड की समस्या कैसे होगी हल

इस बारे में योग एक्सपर्ट और फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करने से थायरॉइड ग्लैंड स्टीम्यूलेट (yoga for thyroid) होने लगता है। अधिकतर लोग हाइपो थायरॉयडिज्म से ग्रस्त होते है, जिसमें शरीर में उचित मात्रा में हार्मोन रिलीज़ नहीं होते है। ऐसे में हार्मोन की मात्रा को बनाए रखने के लिए योगासन करें। ऐसे में योग के दौरान गर्दन पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे हार्मोन का रिलीज़ बढ़ने लगता है। इससे शरीर में स्थिरता बढ़ने लगती है।

योग के दौरान गर्दन पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे हार्मोन का रिलीज़ बढ़ने लगता है। इससे शरीर में स्थिरता बढ़ने लगती है। चित्र : एडोबीस्टॉक

इन योगासनों की मदद से थायरॉइड की समस्या से मिलेगी मुक्ति

1. मार्जरी आसन (Cat cow pose)

इस योगासन का अभ्यास (yoga for thyroid) करने से शरीर के अन्य अंगों के समान गले में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है। दोनों हाथों और पैरों पर किए जाने वाले इस योगासन से हार्मोन इंबैलेंस को मैनेज करने में मदद मिलती है और शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन से भी बचा जा सकता है।

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं और अपनी कमर को एकदम सीधा कर लें।
  • अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर आगे की ओर झुकें। शरीर को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
  • कोहनियों को सीधा कर लें और गर्दन को उपर की ओर लेकर जाएं। अब सांस को धीरे धीरे रिलीज़ कर दें।
  • इसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। अपने शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।

2. मत्स्यासन (Fish pose)

थायरॉइड ग्लैंड को नियंत्रित करने के लिए ये योगासन बेहद कारगर है (yoga for thyroid)। इससे मांसपेशियों में तनाव को कम किया जा सकता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी उचित बना रहता है। वे लोग जो मोटापे के शिकार है, उन्हें इसका अभ्यास करना चाहिए।

जानें इसे करने की विधि

  • इस योगासन को करने के लिए पद्मासन की मुद्रा लेकर बैठ जाएं। अब पीठ को एकदम सीधा कर लें और शरीर पर संतुलन बनाएं।
  • अब शरीर को पीछे की ओर लेकर जाएं और सिर को जमीन पर टिका कर रखें। सिर के नीचे तकिया अवश्य रख लें।
  • अब दाहिने हाथ से बाएं पैर और बाएं हा से दाएं पैर को पकड़कर गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें।
  • 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में बने रहें। इससे शरीर हेल्दी और दिनभर एक्टिव रहता है।
थायरॉइड ग्लैंड को नियंत्रित करने के लिए ये योगासन बेहद कारगर है। चित्र : शटरस्टॉक

3. सर्वांगासन (Shoulder stand)

इसे करने से थायरॉइड ग्रंथि (yoga for thyroid) का कार्य सुचारू रूप से बना रहता है और हार्मोन का रिलीज़ नियमित रहता है। इस योगासन को शोल्डर स्टैंण्ड भी कहा जाता है, जिसमें शरीर के वज़न को कंधों पर टिकाया जाता है और गर्दन पर प्रेशर बढ़ जाता है।

जानें इसे करने की विधि

  • सबसे पहले मैट पर बिल्कुल सीधे लेट जाएं और धीरे धीरे दोनों टांगों को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
  • दोनों हाथों को कमर पर टिकाकर रखें इस योगासन के लिए दीवार की मदद भी ले सकते हैं। टांगों को घुटनों से सीधा कर लें।
  • कंधों और कोहनियों को जमीन पर लगाकर रखें, जिससे शरीर का संतुलन बना रहता है। क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें।
  • इस दौरान गहरी सांस ले और फिर छोड़ें। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है।

4. भुजंगासन (Cobra pose)

इस योगासन का अभ्यास करने से थायरॉइड ग्रंथि उत्तेजित होने लगती है, जिससे हार्मोन का बैलेंस उचित बना रहता है। इससे न केवल शरीर में ब्ल्ड का फ्लो नियमित रहता है बल्कि पेट की मांसपेशियों को भी मज़बूती मिलने लगती है। हथेलियों को जमीन पर टिकाकर कर किए जाने वाले इस योगासन से शरीर के पोश्चर में भी सुधार आने लगता है।

जानें इसे करने की विधि

  • कोबरा पोज़ को करने के लिए पेट के बल मैट पर सीधे लेट जाएं। कमर को भी एकदम सीधा करके रखें।
  • अब दोनों बाजूओं को जमीन पर टिकाएं रखें और अपर बॉडी को उपर उठाने का प्रयास करे। कमर तक शरीर को उपर उठाएं।
  • उसके बाद गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं और सांस लें। उसके बाद गर्दन को आगे की ओर लेकर आएं और सांस छोड़ें।
इस योगासन का अभ्यास करने से थायरॉइड ग्रंथि उत्तेजित होने लगती है, जिससे हार्मोन का बैलेंस उचित बना रहता है। चित्र- शटरस्टॉक।

5. उष्ट्रासन (Camel pose)

गला, पीठ और पेल्विक मसल्स की मज़बूती के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास किया जाता है। इसे करने के लिए शरीर को पीछे की ओर झुकाया जाता है, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने से ऑक्सीजन की मात्रा उचित बनी रहती है और थायरॉइड ग्लैड को फायदा मिलता है।

जानें इसे करने की विधि

  • सबसे पहले घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं। अब दोनों पैरों को जमीन पर लगाकर रखें। शरीर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
  • दोनों बाजूओं को पीछे की ओर रखें और पैरों से छूने का प्रयास करें। इस दौरान कोहनियों को बिल्कुल सीधा रखें।
  • 30 सेकण्ड तक शरीर को इसी पोज़िशन में रखें। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख