Yoga for diabetes: ठंडे मौसम में ज्यादा जटिल हो सकती है डायबिटीज, बचाव के लिए इन 5 योगासनों का करें अभ्यास
अनहेल्दी खानपान और फिज़िकल एक्टीविटी की कमी डायबिटीज़ जैसे लाइस्टाइल डिज़ीज़ का कारण साबित होती है। रोजमर्रा के जीवन में की जाने वाली गलतियों से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। अक्सर लोग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की दवाओं और इंसुलिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते है। मगर वे लोग जो नेचुरल तरीके से इस समस्या की रोकथाम करना चाहते हैं, उनके लिए योगाभ्यास बेहतरीन विकल्प है। इससे ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। जानते हैं डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के लिए कुछ योगासन (Yoga for diabetes)।
इस बारे में योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी बताती हैं कि शुगर एक मेटाबोलिक डिजीज है। शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा देती है। ओवरवेट, गलत खानपान और एक्सरसाइज़ की कमी इस समस्या का कारण साबित होती है। ऐसे में योगासन की मदद से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। इन योगासनों से वज़न संतुलित रहता है और मसल्स पेन से राहत मिलती है।
इन योगासनों से डायबिटीज़ को करें नियंत्रित
1. धनुरासन (Bow pose)
शरीर की स्ट्रेंथ को बढ़ाने और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए रोज़ाना योगासन बेहद कारगर साबित होता है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव रहता है। साथ ही पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव महसूस होने लगता है।
जानें धनुरासन करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों को सीधा करके उनमें गैप मेंटेन करके रखें।
- अब टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए कमर के पास लेकर आएं। उसके बाद दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाए।
- हाथों से टखनों को पकड़ने का प्रयास करें। अब सिर को उपर उठाएं और चेस्ट में खिंचाव महसूस होने लगता है।
- इसे करने से पैरों में खिंचाव महसूस होता है। उपर की ओर देखें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें।
2. पश्चिमोत्तानासन
इस योगासन को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। साथ ही पोश्चर में भी सुधार आता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से एंग्ज़ाइटी, सिरदर्द और थकान से राहत मिलती है। साथ ही पाचन संबधी समस्याएं हल हो जाती हैं।
जानें पश्चिमोत्तानासन करने की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और टांगों को आगे की ओर सीधा कर लें। इसके बाद दोनों बाजूओं को आगे की ओर रखें।
- अब कमर को आगे की ओर झुकाते हुए दोनों हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस दौरान कोहनियों को जमीन पर लगाएं।
- योगासन के दौरान पीठ को सीधा कर लें और गहरी सांस लें। शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।
- इससे डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के अलावा शरीर में लचीलापन बना रहता है।
3. सर्वांगासन (Shoulder stand)
शरीर में बढ़ने वाले हार्मोनल असंतुलन को इस योगासन की मदद से कम किया जा सकता है। साथ ही ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है। साथ ही मानसिक तनाव भी कम होने लगता है।
जानें सर्वांगासन करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और कमर से दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं।
- गर्दन को जमीन पर टिकाकर रखें और कंधों को भी जमीन पर टिकाए रखें। दोनों हाथों को कमर पर रख लें।
- आप चाहें, तो इस योगासन को करने के लिए दीवार की भी मदद ले सकते हैं। इससे टांगों के दर्द से राहत मिलती है।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।
4. हलासन (Plow pose)
पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए हलासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर में तनाव का स्तर कम होने लगता है और मसल्स में खिंचाव महसूस होता है। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से डायबिटीज के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
जानें हलासन को करने की विधि
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों के मध्य दूरी बनाकर रखें और गहरी सांस लें।
- उसके बाद हाथों को कमर पर टिका लें और दोनों टांगों को पीछे की ओर लेकर जाएं। टांगों को जमीन पर लगाएं।
- इस दौरान टांगों को सीधा रखें। शरीर की क्षमता के अनुसार इस योग मुद्रा में रहें और फिर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
5. कटि चक्रासन
शरीर के वज़न को संतुलित रखने के लिए कटि चक्रासन का अभ्यास फायदेमंद है। इससे स्पाइन में ट्विस्ट
महसूस होता है और पोश्चर में सुधार आने लगता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखता है।
जानें कटि चक्रासन करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दाई टांग को आगे और बाईं टांग को पीछे की ओर रखें।
अब दाईं बाजू को बाएं कंधे पर टिकाएं और बाएं हाथ को सामने की ओर फैलाकर रखें। गर्दन् को पीछे की ओर लेकर जाएं।
गहरी सांस लें और छोड़ें। दिन में 2 बारइसका अभ्यास करने से शरीर संतुलित रहता है।
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