घंटों एक जगह बैठकर लगातार काम करना शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ाने लगता है। इसके चलते गर्दन से लेकर कमर तक हर जगह स्टिफनेस बढ़ जाती है, जो सर्वाइकल पेन का कारण बनने लगती है। रीढ़ की हड्डी के इस दर्द को सर्वाइकलगिया भी कहा जाता है। इससे शरीर के पोश्चर के साथ बॉडी प्रोडक्टीविटी प्रभावित होने लगती है। गर्दन की नसों पर बढ़ने वाले तनाव के कारण ये समस्या दिनों दिन गंभीर होने लगती है। पेन किलर्स और हॉट व कोल्ड थैरेपी के अलावा कुछ आसान योगासन इस समस्या को हल कर सकते है। जानते हैं वो 4 योगासन जो सर्वाइकल पेन से दिलाएंगे राहत (Yoga poses for relieving cervical pain)।
पैरों को मज़बूती प्रदान करने के साथ इस योगासन से रीढ़ की हड्डी भी दर्द की समस्या से दूर रहती है। इसके नियमित अभ्यास से लचीलापन बढ़ने लगता है और कमर में बार बार होने वाला दर्द कम हो जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य दूरी बना लें। अब दोनों बाजूओं को सीधा कर लें।
बाजूओं को कोहनी से सीधा कर लें और अब धीरे धीरे दाईं ओर बाजूओं को घुमा लें।
गर्दन भी दाहिनी ओर लेकर जाएं और दाहिने कंधे की ओर देखें। गहरी सांस लें और छोड़ें।
फिर दोनों बाजूओं को सामने लेकर आएं और अब बाई ओर बाजूओं को लेकर जाएं।
योग प्रक्रिया को करने के दौरान अपना ध्यान सांस पर केंद्रित रखें।
दिनभर कुर्सी पर बैठकर होने वाली कमर दर्द काम में बाधा बनने लगती है। ऐसे में कमर के दर्द को दूर करने के लिए इस योगासन का अभ्यास करे। इससे मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन कम होने लगती है। साथ ही पैरों के दर्द से भी राहत मिल जाती है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों में गैप बना लें।
शरीर को सीधा रखें और दोनों बाजूओं को उपर की ओर उठाएं और सिर के उपर से लेकर जाएं।
अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में क्रास कर लें। इसके बाद गर्दन को पीछे क ओर लेकर जाएं।
दोनों बाजूओं को भी पीछे की ओर खींचें। जहां तक संभव हो कमर को पीछे की ओर लेकर जाने का प्रयास करें।
गहरी सांस लें और छोड़ें। 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद वापिस लौटें।
शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और सीधे खड़े हो जाएं।
शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए इस योगासन का नियमित अभ्यास करें। इससे टांगों, हिप्स और थाइज़ में बढ़ने वाली स्टिफनेस कम होती है। साथ सर्वाइकल पेन से भी राहत मिलने लगती है। पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है और बैक पेन से राहत मिल जाती है।
इस योगासन को करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। अब दोनों घुटनों को सीधा करें।
पैरों को जमीन से छूएं। अब गर्दन को उपर की ओर उठाएं और दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें।
दोनों टांगों को पीछे से उपर की ओर उठा लें। इसके बाद दोनों बाजूओं से पैरों की उंगलियों को पकड़ें।
योगासन के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। जब तक संभव हो इस मुद्रा में बैठें।
उसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और मन को रिलैक्स रखे।
स्टेमिना को बढ़ाने और गर्दन की मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करने के लिए ताड़ासन का अभ्यास आवश्यक है। इससे शरीर में बढ़ने वाली थकान दूर होने लगती है।
इस योगासन का करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें।
अब दोनों एड़ियों को उपर की ओर उठाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं।
धीरे धीरे बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
शरीर के बैलेंस को मेंटेन रखने के लिए दीवार का सहारा लेकर भी इस योगासन को किया जा सकता है।
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