गर्मी की छुट्टियों में बच्चे देर तक सोते हैं और फिर दिन भर उनकी उछलकूद और धमाचौकड़ी मची रहती है। बच्चों का पूरा दिन कभी खेलकूद तो कभी खान पान में गुज़र जाता है। अगर अपना बचपन याद करें, तो ये वही दिन हुआ करते थे, जब सुबह जल्दी उठकर साइकलिंग और पार्क में रनिंग के लिए जाया करते थे। जीवन में सेहत और अनुशासन दोनों ही आवश्यक हैं। मगर दिनों दिन बढ़ रही गर्मी में योगासन का अभ्यास एक हेल्दी प्रैक्टिस हो सकती है। जो न केवल बच्चों की फिजिकल ग्रोथ में मददगार होगी, बल्कि उनके मूड को भी बेहतर करेगी। जानते हैं बच्चों को हेल्दी और फिट रखने के लिए किन योगासनों की लें मदद (Yoga poses for children) ।
सुबह जल्दी उठकर योग करने से बच्चों के जीवन में अनुशासन रहता है। साथ ही समर वेकेशंस में भी सोने और उठने का समय निर्धारित हो जाता है। इससे बच्चे खेलने के अलावा पढ़ने, घूमने फिरने और खान पान के लिए उचित समय निकाल सकते हैं। योग बच्चों में बढ़ने वाली झुंझलाहट की समस्या को भी दूर करता है। इससे बच्चों का शरीर एक्टिव और स्थिर रहता है।
बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करने और दिनभर बैठने की आदत को दूर करने के लिए कम उम्र में योग से परिचित करवाना आवश्यक है। इससे ग्रोथ हार्मोन उत्तेजित होते हैं और शरीर में भी लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही बच्चों में दिनों दिन बढ़ रहा मोटापा कम किया जा सकता है।
बात बात पर जिद्द करना और टैन्ट्रम शो करना बच्चों की आदत होती है। मगर योग की मदद से उनके शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। इस बारे में योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा बताती हैं कि बढ़ती उम्र में बच्चों की लंबाई से लेकर उनमें एकाग्रता बढ़ाने के लिए माता पिता चिंतित रहते हैं। ऐसे में बच्चों को योगाभ्यास करवाना उनकी ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होता है।
इस बारे में आचार्य प्रतिष्ठा का कहना कि ये योगासन ध्रुव के समान एकाग्र चित्त होने में मदद करता है। इससे पूरे शरीर की मासंपेशियों को मज़बूती मिलती है और बार बार भूलने की समस्या हल होने लगता है।
ध्यान मुद्रा में बैठकर किए जाने वाला उज्जयी प्राणायाम बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। साथ ही सांस को नियंत्रित करने में मदद करता है। बच्चों के अंदर बढ़ने वाले चिड़चिड़ेपन और जिद्द को भी काबू किया जा सकता है।
रोज़ाना सुबह उठकर अगर बच्चे ताड़ासन का अभ्यास करते हैं, तो शरीर की लंबाई बढ़ने लगती है। इससे शरीर में संतुलन बढ़ता है, जिससे मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इसे रोज़ करने से लिगामेंटस और मसल्स स्ट्रेच होने लगते हैं।
शरीर में दृढ़ता को बढ़ाने और कंधों की मज़बूती बढ़ाने के लिए धनुरारसन (bow pose) का अभ्यास करें। धनुष की मुद्रा में किए जाने वाले इस योगासन से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और शरीर दिनभर आलस्य और थकान से दूर रहता है।
बच्चों में छोटी छोटी बातों को लेकर तनाव और डिप्रेशन के मामले देखने को मिलते हैं। ऐसे में बच्चों की मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए उत्तानासन (standing forward bend) का अभ्यास करना चाहिए। इस स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड में बच्चों को नींद न आने की समस्या हल हो जाती है और बच्चों के मस्तिष्क में बल्ड का प्रवाह नियमित बना रहता है।
मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए किए जाने वाले भ्रामरी प्राणायाम से बच्चों में क्रोध और किसी व्यक्ति से बात करने में बढ़ने वाली हिचकिचाहट को दूर करने में मदद मिलती है। नियमित रूप से इस अभ्यास सांस पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा छुट्टियों के दिनों में बच्चों में बढ़ने वाली जिद्द और उदासी को भी दूर किया जा सकता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसमर वेकेशंस में बच्चों के शरीर में मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। इससे राहत पाने के लिए त्रिकोणासन का अभ्यास करें। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ बर्न होने लगती है और लचीलापन बढ़ जाता है।
वे बच्चे जो नियमित रूप से पादहस्तासन का अभ्यास करते हैं। उनके शरीर में किसी भी प्रकार के फैट एक्यूमिलेट होने का खतरा नहीं रहता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और काफ मसल्स को मज़बूती मिलने लगती है।
ये भी पढ़ें- आलस आपकी फिटनेस जर्नी को स्टार्ट नहीं होने दे रहा, तो ये उपाय आपको दिला सकते हैं इससे छुटकारा