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आपकी हड्डियों को मजबूती देने के लिए भी फायदेमंद है योग, जानिए इन योगासन के बारे में

अगर आप जोड़ों के दर्द से डर कर योगाभ्यास करने से बच रही हैं, तो यह बिल्कुल गलत है। यहां हम वे योगासन लेकर आए हैं, जो आपकी बोन हेल्थ को मजबूती दे सकते हैं।
खुली जगह में व्यायाम करें। चित्र : शटरस्टॉक
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भारतीय योग प्रणाली दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुकी है। भारत में योगाभ्यास की परंपरा वर्षों पुरानी है। इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के कारण इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। माइग्रेन (Migraine) से लेकर हृदय (Heart Disease) की समस्याओं तक, योग सभी प्रकार की बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का एक और कारण हो सकता है। वह है हड्डियों के स्वास्थ्य (Bone Health) में सुधार। जी हां… योग न सिर्फ आपको स्वस्थ रखता है, बल्कि हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है। हर दिन योग का अभ्यास करने से हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। 

विज्ञान भी मानता है हड्डियों के लिए योग के फायदे

इस दावे का विज्ञान भी समर्थन करता है कि हर दिन योग का अभ्यास करने से फ्रैक्चर को रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। 

2009 की एक रिसर्च के अनुसार योग का अभ्यास करने से वास्तव में हड्डियों का घनत्व (Bone Density) बढ़ सकता है, यदि इसे लगातार और ठीक से किया जाए। योग संतुलन और लचीलेपन में भी सुधार करता है और इसलिए फ्रैक्चर को रोका जा सकता है।

योग आपकी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

सर्दियों में हड्डियों की समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि गतिशीलता में कमी आने लगती है। इसलिए, अभी से उपाय करना महत्वपूर्ण है। 

यहां 3 योगासन हैं जो आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

वृक्षासन 

  1. आराम से चटाई पर सीधे खड़े हो जाएं। आपके पैर एक दूसरे के करीब होने चाहिए।
  2. दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर के तलवे को अपनी बाईं जांघ पर रखें।
  3. इस स्थिति में अपने शरीर को संतुलित करने का प्रयास करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें और सांस लें।
  4. अपने हाथों को ऊपर उठाएं और उन्हें अपने सिर के ऊपर ले आएं। नमस्कार मुद्रा में दोनों हथेलियों को आपस में मिला लें।
  5. इस मुद्रा में 5-10 सेकंड रुकें। ऐसा करते हुए सांस लें और सांस छोड़ें।
  6. फिर धीरे से अपने हाथों को नीचे करें और अपने पैर को वापस जमीन पर रख दें। दूसरे पैर से भी यही दोहराएं।

सेतुबद्ध आसन 

  1. घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर सपाट करके अपनी पीठ के बल लेट जाएं। आपके पैर एक-दूसरे से थोड़े अलग होने चाहिए और बाहें आपके बगल में टिकी हुई हों।
  2. पैरों को फर्श पर दबाएं, श्वास लें और धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं।
  3. अपनी छाती को ऊपर उठाने के लिए अपनी बाहों और कंधों को जमीन पर दबाएं।
  4. अपने कूल्हों को ऊंचा उठाने के लिए अपने पैरों और बट की मांसपेशियों को इंगेज करें। 4-8 सांसों तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।

फलकासन या प्लैंक पोज

  1. चटाई पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। श्वास लें और धीरे-धीरे अपने हाथों को सीधा करके अपने शरीर को प्लैंक मुद्रा में आने के लिए उठाएं। साथ ही अपने पैर की उंगलियों को नीचे करें।
  2. आपकी बाहें फर्श पर टिकी होनी चाहिए और कंधे सीधे कलाई के ऊपर होने चाहिए।
  3. आपका शरीर सिर से एड़ी तक एक सीध में होना चाहिए।
  4. इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रुकें और गहरी सांस लें। धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
बोन्स के लिए फायदेमंद है यह योगा पोज़ । चित्र : शटरस्टॉक

वीरभद्रासन 

  1. अपने पैरों को कूल्हे-चौड़ाई से अलग करके और अपनी भुजाओं को अपनी तरफ करके जमीन पर खड़े हो जाएं।
  2. सांस छोड़ें और अपने बायीं ओर एक बड़ा कदम बढ़ाएं (अपने दाहिने पैर से 2 से 3 फीट की दूरी पर)।
  3. अब अपने बाएं पैर की उंगलियों को बाहर की ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
  4. अपने दाहिने पैर को लगभग 15 डिग्री अंदर की ओर मोड़ें। आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र में होनी चाहिए।
  5. दोनों हाथों को साइड में उठाएं। इसे अपने कंधों के स्तर पर लाएं। आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इस पोजीशन में कुछ गहरी सांसें लें।
  6. सिर को अपनी बाईं ओर मोड़ें और जितना हो सके अपने श्रोणि को धीरे से नीचे की ओर धकेलें। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं। दूसरी तरफ भी ऐसा ही दोहराएं। 

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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