पैल्विक मांसपेशियों को टोन कर सेक्स जीवन में सुधार करता है फ्रॉग पोज, जानिए इसे करने का सही तरीका

क्या आप जानती हैं कि फ्रॉग पोज मशहूर चाइल्ड पोज से ही प्रेरित है। यही कारण है कि यह आपकी पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियों से लेकर आपकी मानसिक सेहत तक सभी का ध्यान रखता है।
फ्रॉग पोज या मंडूकासन आपकी सेक्‍स लाइफ में भी सुधार कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
फ्रॉग पोज या मंडूकासन आपकी सेक्‍स लाइफ में भी सुधार कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 12 Oct 2023, 17:52 pm IST
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पेल्विक मांसपेशियों के कठोर होने से न केवल आपकी पूरी फिटनेस बर्बाद हो जाती है, बल्कि यह आपके यौन जीवन को भी प्रभावित करता है। इसलिए, यदि आप अपनी पेल्विक मांसपेशियों का ध्‍यान रखना चाहती हैं, तो इसे ठीक करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक योग है, और विशेष रूप से फ्रॉग पोज।

योग में कई आसन यानी पोज होते हैं जो आपके पेल्विक एरिया की सभी मांसपेशियों को टारगेट करते हैं। क्या आप जानते हैं कि पैल्विक मांसपेशियों के ढीले होने से यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस हो सकता है? सिर्फ इतना ही नहीं, अगर आप उस क्षेत्र पर केंद्रित एक्सरसाइज नहीं करती हैं, तो आप दर्दनाक सेक्स, बच्चे के जन्म में समस्याएं और बहुत सारी अन्‍य समस्याओं का अनुभव कर सकती हैं।

इसीलिए हम आपको सुझाव देना चाहते हैं कि आप फ्रॉग पोज को ट्राई करें

इस तरह फ्रॉग पोज आपकी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
फ्रॉग पोज को संस्कृत में मंडुकासन के रूप में भी जाना जाता है। यह उन्नत स्तर की योग मुद्रा है जो आपके कूल्हों और कमर की मांसपेशियों को खोलने के लिए उपयोग की जाती है। यह योग मुद्रा आपकी भीतरी जांघ की मांसपेशियों, कूल्हों और कोर मसल्‍स के सर्कुलेशन को बढ़ाने और आपके पोस्चर में सुधार करने में मदद करता है।

सेक्स लाइफ में सुधार ला सकता है मंडूकासन। चित्र- शटरस्टॉक।
सेक्स लाइफ में सुधार ला सकता है मंडूकासन। चित्र- शटरस्टॉक।

योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर कहते हैं, “इस पोज को करने से अपने पेल्विक हिस्से की मसल्स को बढ़ाने और अपने कोर को मजबूत करने से पैरों को टोन करने में मदद मिलती है।”

हम बताते हैं आप फ्रॉग पोज कैसे कर सकती हैं

1. यदि आपके घुटने नाजुक हैं, तो इस स्थिति में आने से पहले, एक मैट या कंबल का उपयोग करें। यह फर्श पर आपके घुटनों के दबाव को कम करने में मदद करेगा।
2. दोनों हथेलियों को टेबलटॉप स्थिति में घुटनों पर रखें।
3. अपने कूल्हों की तुलना में घुटनों को अधिक बाहर फैलाएं।
4. अपनी एड़ी को सीधा करें, ताकि वे सीधे आपके घुटनों के पीछे हों। अपने पैरों को फ्लेक्स करें।
5. अपने पैर की उंगलियों को बाहर की ओर करें।
6. अब, अपनी हथेलियों को आगे की ओर रखें और बाहों को जमीन पर रखें।
7. जमीन पर स्थित अपने पेट को जमीन से दूर उठाने की कोशिश करें।
8. अपने शरीर के वजन को पूरी तरह से हाथों पर रखें।
9. रिलैक्स हों और अपने कूल्हों को नीचे की ओर लटकने दें।

मंडूकासन आपके पाचन में भी सुधार करता है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक
मंडूकासन आपके पाचन में भी सुधार करता है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक

ये हैं फ्रॉग पोज करने के आठ लाभ

1. यह मुद्रा उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें मधुमेह है, क्योंकि यह इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
2. यह पेट दर्द को कम करने में मदद करता है।
3. ये पोज पाचन में सुधार करता है और पेट और पाचन संबंधी विकार जैसे गैस और एसिडिटी को खत्म करता है।
5. “यदि आप रोजाना फ्रॉग पोज करते हैं, तो आप अपने मासिक धर्म को भी नियमित कर सकते हैं,” योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर बताते हैं।
5. फ्रॉग पोज हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
6. यह वजन घटाने और मांसपेशियों के स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।
7. यह तनाव और चिंता से राहत दिलाने में मदद करता है।
8. यह आपके पेट को फ्लैट करने में भी मदद करता है।

यदि आपको इनमें से कोई समस्या है, तो कृपया इस मुद्रा को करने से बचें

इस मुद्रा को कमर में खिंचाव का कारण माना जाता है। अगर आपको कमर में चोट है तो इसे करने से बचें।
यदि आपके टखने कमजोर हैं या उस क्षेत्र में कोई चोट लगी है तो इस मुद्रा को करने से बचें।
यदि आप गंभीर पीठ की समस्याओं से पीड़ित हैं, तो इस मुद्रा को न करें। जिन लोगों के पेट का ऑपरेशन हुआ है, उन्हें भी इसे नहीं करना चाहिए।
घुटने के दर्द वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें इससे बचना चाहिए।
अपने मासिक धर्म के दौरान इस मुद्रा से दूर रहें।
जिन लोगों को दिल की बीमारी है, उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

योग आपके तन-मन को तरोताजा कर देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
योग आपके तन-मन को तरोताजा कर देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

“फ्रॉग पोज शरीर में शांति लाता है, क्योंकि यह गहरी सांस लेने और फेफड़ों के विस्तार को आमंत्रित करता है। इस मुद्रा में ध्यान लगा कर सांस लेने से सिरदर्द, तनाव और हल्के अवसाद के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त, फ्रॉग पोज में सांस छोड़ते वक्त ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि यह फेफड़ों में विषाक्त पदार्थों को हटाने, हृदय गति को कम करने और तनाव और चिंता जैसे मुद्दों से छुटकारा पाने में मदद करता है”, ग्रैंड मास्टर अक्षर बताते हैं।

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