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योग आपकी उम्र के साथ आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मददगार हो सकता है, जानिए जरूरी योगासन

बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि उम्र के साथ उनकी आंखों की रोशनी कमजोर होती जा रही है। मगर योग के नियमित अभ्यास से आप इस समस्या को भी रोक सकते हैं।
वृक्षासन संतुलन बढ़ाने वाला व्यायाम है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 25 Oct 2021, 14:29 pm IST
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हर चीज की तरह आपकी दृष्टि भी समय के साथ कमजोर होती जाती है। यदि आप स्वस्थ आदतों का पालन नहीं कर रही हैं, तो आपकी आंखें जल्दी कमजोर हो सकती हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, समय-समय पर आंखों की जांच करवाएं और कुछ आवश्यक सावधानियां बरतें।

सक्रिय रूप से आपकी दृष्टि में सुधार करने के तरीके

आसन और ध्यान के योगिक तरीके आपकी दृष्टि में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। पादहस्तासन, काकासन और वृक्षासन जैसे आसनों का नियमित अभ्यास शुरू करें। इसके अलावा, आप अनुलोम विलोम, भ्रामरी जैसी प्राणायाम तकनीकों और सूर्य मुद्रा और वायु मुद्रा जैसी मुद्राओं को भी अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

आसन जो आपकी दृष्टि में सुधार कर सकते हैं

1. पादहस्तासन:

  • समस्थिति में शुरू करें (पैर एक साथ और शरीर सीधा)। 
  • सांस छोड़ें और धीरे से अपने ऊपरी शरीर को मोड़ें, अपना सिर नीचे करें और अपने कंधों और गर्दन को आराम दें। 
  • हथेलियों को अपने पैरों के दोनों ओर रखें। 
  • इस आसन में कुछ देर रुकें। 

2. काकासन (कौवा मुद्रा)

  • समस्थिति में शुरू करें।
  • आगे झुकें और अपनी हथेलियों को अपने पैरों के सामने सपाट रखें, लेकिन उनसे थोड़ा दूर। 
  • आपकी उंगलियां आगे की ओर होनी चाहिए और उन्हें अलग-अलग फैलाना चाहिए।
  • अपनी कोहनियों को थोड़ा मोड़ें और अपने घुटनों को बाहर रखें। 
काकासन के लगातार अभ्यास से आंखों की रोशनी बढ़ती है। चित्र:शटरस्टॉक
  • पीठ को फर्श के समानांतर रखें।
  • ऊपर और आगे देखें
  • इस तरह आगे झुकें कि आपके शरीर का सारा भार आपकी बाहों पर आ जाए।
  • अपना संतुलन बनाएं और धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। 

3. वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा)

  • समस्थिति में शुरू करें
  • अपने दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और इसे अपनी भीतरी जांघ पर रखें
  • हाथों को ऊपर उठाएं और अपनी हथेलियों को मिला लें
  • अपने सिर को अपनी बाहों के बीच में रखें
  • दूसरे पैर से भी यही दोहराएं

यहां हैं आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्राणायाम

कपालभाति

संस्कृत में, ‘कपाल’ का अर्थ है सिर और ‘भाति’ का अर्थ है ‘चमकना / रोशन करना’। इसलिए कपालभाति प्राणायाम को स्कल शाइनिंग ब्रीदिंग टेक्नीक के नाम से भी जाना जाता है।

योग आपके लिए बहुत जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

यहां इसका अभ्यास करने का तरीका बताया गया है:

किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठें (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन) सामान्य रूप से श्वास लें और एक छोटी, सांस के साथ सांस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें। आप अपने पेट को अंदर की ओर धकेलें। 

आंखों की सुरक्षा के कुछ आसान उपाय:

  • कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठने से बचें।
  • पूल में जाते समय स्विमिंग गॉगल्स पहनें क्योंकि पूल के पानी में मौजूद क्लोरीन आपकी आंखों के लिए खराब है।
  • पढ़ते समय धीमी रोशनी न रखें।
  • फ्लोरोसेंट रोशनी के उपयोग से बचें, क्योंकि वे आपकी दृष्टि को कमजोर कर सकते हैं।
  • अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ समय पर आंखों की जांच कराएं। 

योग में आप नियमित रूप से ध्यान भी लगा सकते हैं। त्राटक तकनीक आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा, यह एकाग्रता और स्मृति को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। त्राटक किसी विशेष वस्तु पर ध्यान केंद्रित करके किया जा सकता है- जैसे दीपक की लौ, चंद्रमा और यहां तक ​​कि सूर्य भी। 

सुबह उठकर ठंडे पानी से आंखें धोना है फायदेमंद। चित्र : शटरस्टॉक

मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और अन्य संबंधित दृष्टि समस्याओं जैसी स्थितियों को रोकने के लिए त्राटक एक शक्तिशाली तरीका है। मगर इसके लिए विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से योग करें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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