हर चीज की तरह आपकी दृष्टि भी समय के साथ कमजोर होती जाती है। यदि आप स्वस्थ आदतों का पालन नहीं कर रही हैं, तो आपकी आंखें जल्दी कमजोर हो सकती हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, समय-समय पर आंखों की जांच करवाएं और कुछ आवश्यक सावधानियां बरतें।
आसन और ध्यान के योगिक तरीके आपकी दृष्टि में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। पादहस्तासन, काकासन और वृक्षासन जैसे आसनों का नियमित अभ्यास शुरू करें। इसके अलावा, आप अनुलोम विलोम, भ्रामरी जैसी प्राणायाम तकनीकों और सूर्य मुद्रा और वायु मुद्रा जैसी मुद्राओं को भी अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
संस्कृत में, ‘कपाल’ का अर्थ है सिर और ‘भाति’ का अर्थ है ‘चमकना / रोशन करना’। इसलिए कपालभाति प्राणायाम को स्कल शाइनिंग ब्रीदिंग टेक्नीक के नाम से भी जाना जाता है।
किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठें (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन) सामान्य रूप से श्वास लें और एक छोटी, सांस के साथ सांस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें। आप अपने पेट को अंदर की ओर धकेलें।
योग में आप नियमित रूप से ध्यान भी लगा सकते हैं। त्राटक तकनीक आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा, यह एकाग्रता और स्मृति को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। त्राटक किसी विशेष वस्तु पर ध्यान केंद्रित करके किया जा सकता है- जैसे दीपक की लौ, चंद्रमा और यहां तक कि सूर्य भी।
मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और अन्य संबंधित दृष्टि समस्याओं जैसी स्थितियों को रोकने के लिए त्राटक एक शक्तिशाली तरीका है। मगर इसके लिए विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से योग करें।
यह भी पढ़ें: डेली मेडिटेशन है परिणीति चोपड़ा का वेलनेस सीक्रेट! अगर आप भी फॉलो करना चाहती हैं, तो जानिए इसके फायदे
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।