खराब खानपान और खराब जीवनशैली दोनों मिलकर ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देते हैं। इससे डायबिटीज होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। इसके बाद हम जीवनपर्यन्त दवा लेने लगते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि दवा के साथ-साथ यदि हम योग और मेडिटेशन करें, तो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है। इन दोनों को हमें रोजमर्रा के जीवन में शामिल करना होगा। यह अभ्यास से ही हो पायेगा। जानते हैं कैसे योग एवं मेडिटेशन की रेगुलर प्रैक्टिस से कंट्रोल में रह सकती है (mindful way to manage type 2 diabetes) डायबिटीज।
‘द लैंसेट’ पत्रिका के एक हालिया रिसर्च के अनुसार, भारत की 10 करोड़ आबादी डायबिटीज से ग्रसित है और करीब 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीक हैं। जर्नल ऑफ डायबिटीज में प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2025 तक भारत में करीब 69.9 मिलियन लोग डायबिटीज की चपेट में होंगे। लेकिन सिर्फ दवाओं से बात नहीं बनेगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, योग एवं अन्य माइंडफुलनेस अभ्यास डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
हम डायबिटीज को हल्के में नहीं ले सकते हैं। इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि मधुमेह से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं, दिल के दौरे, स्ट्रोक और निचले अंगों के विच्छेदन का खतरा बढ़ सकता है।
जब शरीर ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है, तो टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। दवाओं के अलावा आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इसको बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं।
अगर हम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के एक अन्य सर्वे पर ध्यान दें, तो पुरुषों के मुकाबले (8.5 फीसदी) देश की महिलाओं (10.2 फीसदी) एवं शहरी व्यस्कों में मधुमेह अधिक पाया गया।
रोजमर्रा की जिंदगी के दबाव और तनाव डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक हैं। माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस तनावग्रस्त, चिंतित और उदास होने के इस निरंतर चक्र को तोड़ने में मदद कर सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी के अनुसार, योग और अन्य माइंडफुलनेस प्रैक्टिस से कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल कम (mindful way to manage type 2 diabetes) होता है।
इससे तन और मन दोनों रिलैक्स रहते हैं, जिसे इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार होता है और आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। यानी रेगुलर एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन, माइंडफुलनेस आदि की प्रैक्टिस, हेल्दी डाइट एवं अच्छी नींद के कई फायदे हैं….
आप अपने डेली रूटीन में मेडिटेशन को शामिल कर सकती हैं। सुबह या शाम को कम से कम 10 मिनट मेडिटेशन करने से आपको काफी फर्क नजर आएगा। इसके लिए चाहें, तो किसी एक्सपर्ट की राय या मेडिटेशन एप्स की मदद ले सकती हैं।
किसी योग गुरु या एक्सपर्ट की निगरानी में योग का अभ्यास करें। इसके अलावा प्राणायाम भी जरूर करें। डायबिटीज को कंट्रोल करने में स्लो मार्शल आर्ट टेक्निक कीगॉन्ग भी काफी फायदेमंद साबित हुई है। कीगोंग कोऑर्डिनेटेड शारीरिक मुद्रा और गति पर दिया जाता है। यह सांस और ध्यान की एक प्रणाली है, जिसे स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता और मार्शल आर्ट प्रशिक्षण के लिए उपयोगी माना जाता है। दरअसल, रेगुलर एक्सरसाइज या योग से मसल्स ब्लड शुगर का बेहतर इस्तेमाल करते हैं और बॉडी भी इंसुलिन का ठीक से उपयोग कर पाती (mindful way to manage type 2 diabetes) है।
आप अगर डायबिटीज की दवा लेती हैं, तो उसके साथ में संतुलित डाइट भी लें। मधुमेह की दवा के अनुपात में बहुत कम भोजन, विशेष रूप से इंसुलिन, खतरनाक रूप से हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है। जिसमें शुगर का स्तर एकदम से घट जाता है। वहीं, बहुत अधिक भोजन करने से भी ब्लड शुगर का स्तर अधिक बढ़ सकता है। इसे हाइपरग्लेसेमिया कहते हैं। यानी डायबिटीज के मैनेजमेंट (mindful way to manage type 2 diabetes) के लिए भोजन और दवा के बीच समन्वय होना जरूरी है।
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